नई दिल्ली: दिल्ली में 90 प्रतिशत लोगों ने वाहन के चालान का भुगतान नहीं किया है. इससे परेशान सरकार के परिवहन विभाग ने न्यायपालिका को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि चालान का भुगतान नहीं दिया है, इससे प्रवर्तन की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है. परिवहन विभाग ने न्यायालय से इस संबंध में संज्ञान लेने की अपील की है.
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से बताया गया है कि साल 2022 ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के दौरान गए किए गए चालान का करीब 75% से अधिक भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. परिवहन विभाग की ओर से तीस हजारी कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को लिखे पत्र में कहा गया है कि चालान का भुगतान न होने के कारण वाहनों पर प्रवर्तन के क्षेत्र में एक और चुनौती बन रही है. वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में चालान की संख्या में वृद्धि हुई है.
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परिवहन विभाग के मुताबिक 2023 में 36,225 पीयूसीसी (पोल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टीफिकेट) चालान जारी किए गए. अभी भी 33,137 या 91% का नवीनीकरण अभी भी होना बाकी है. वैध पीयूसीसी नहीं होने पर 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल कारों को चलाने पर 20,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से प्रवर्तन अभ्यास और अभियानों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है.
1 अक्टूबर 2022 से 1 मार्च 2023 तक ग्रैप के तहत उल्लंघन में बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों के 1,095 चालान काटे गए थे. इनमें से 75% चालान का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. ट्रैफिक पुलिस ने कई मामले भी उजागर किए हैं जिनमें लोगों ने आनलाइन चालान का भुगतान नहीं किया है. टोर वाहन नियम जिसके तहत यदि लोग लंबे समय तक कई चालानों को नहीं जमा किया जाता है तो वाहनों को जब्त करने का प्रावधान होगा. यदि वे फिर भी भुगतान नहीं करते हैं. तो पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है. इसपर काम होना चाहिए.
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