शिमला: देश में सड़कों पर बढ़ रहे डीजल और पेट्रोल वाहनों की संख्या से पर्यावरण दूषित हो रहा है. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण, सड़क सुरक्षा और वाहन उद्योग के पुनर्विकास के लिए सड़कों पर पुराने और अनुपयोगी वाहनों को सड़क पर से हटाने के लिए पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा लागू की गई है. इसके तहत हिमाचल में भी 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के वाहनों को स्क्रैप किया जा रहा है.
इसके लिए परिवहन विभाग ने प्रदेश की दो कंपनियों को रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (RVSF) सेंटर खोलने का अप्रूवल दिया है. ऐसे में वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए सेटअप तैयार करने के बाद इन कंपनियों को लाइसेंस जारी किया जाएगा.
हिमाचल में RVSF सेंटर की सुविधा न होने के कारण अभी बाहरी राज्यों में ही वाहनों की स्क्रैपिंग की जा रही है. बता दें कि केंद्र सरकार ने इस नियम को 25 सितंबर 2021 को लागू किया था. हालांकि अभी ये पॉलिसी सरकारी वाहनों पर ही लागू है. निजी वाहन मालिक स्वेच्छा से पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए आवेदन कर सकते हैं.
सभी जिलों में खुलेंगे पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र
हिमाचल में अभी पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र की सुविधा उपलब्ध नहीं है. अभी पड़ोसी राज्यों में ही वाहनों को स्क्रैप कराना पड़ रहा है. ऐसे में वाहनों को स्क्रैप करने के लिए बाहरी राज्यों में ले जाना महंगा पड़ रहा है. इसको देखते हुए प्रदेश के सभी जिलों में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र खोले जाने की योजना है जिसके तहत अभी जिला सोलन में अमन साहनी और हमीरपुर जिला में पूर्णिमा चौहान को RVSF सेंटर खोले जाने की अप्रूवल दी गई है. ये RVSF सेंटर सोलन जिला के प्लॉट नंबर 5 इंडस्ट्रियल एरिया बनालगी और हमीरपुर जिला में वीपीओ गौना करोर तहसील नादौन में स्थापित किए जाएंगे.
15 साल पूरे होने पर पंजीकरण होगा रद्द
भारत सरकार के सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जीएसआर 29 (ई) के तहत 16 जनवरी 2023 को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) के नियमों को लेकर संशोधन की अधिसूचना जारी हुई थी. इस अधिसूचना के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक 15 साल पूरे होने पर सरकारी वाहनों का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द किया गया है.
इसी तरह से सरकारी वाहनों के पंजीकरण के 15 साल पूरे होते ही अब खुद ही पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द समझा जाएगा. ये नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू हो चुके हैं. इसके तहत प्रदेश में 15 साल पुराने कुल 763 वाहन स्क्रैप किए जा चुके हैं. परिवहन विभाग के मुताबिक इसमें 363 सरकारी वाहनों सहित 400 निजी वाहनों को पड़ोसी राज्य में स्थापित (आरवीएसएफ) केंद्र के माध्यम से स्क्रैप किया जा चुका है.
वहीं, प्रदेश में 31 मार्च 2023 तक 15 साल पूरा कर चुके सरकारी वाहनों की संख्या 7,436 थी, जो 8 जुलाई 2024 को बढ़कर 7,554 तक पहुंच चुकी है. वहीं, प्रदेश में 31 जनवरी 2025 तक 15 साल से अधिक पुराने 1477 सरकारी वाहनों को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के माध्यम से स्क्रैप करने का लक्ष्य रखा गया है.
निजी वाहन स्क्रैप करने पर मिलेगी 25 फीसदी की छूट
हिमाचल में अभी तक निजी वाहनों के लिए पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा जरूरी नहीं है, लेकिन इसके बाद भी अगर व्यक्ति अपने 15 साल पुराने वाहन को स्वेच्छा से स्क्रैप करना चाहता है तो इसके लिए उसे पोर्टल पर उपलब्ध mstc की साइट पर जाकर आवेदन करना होगा. इस दौरान बाहरी राज्यों में स्थापित नजदीक के स्क्रैप केंद्र वाहन को लेकर जरूरी जानकारी देनी होगी.
आवेदन के वक्त वाहन मालिक पुराने वाहन की कीमत भी भर सकता है. ऐसे में नजदीकी स्क्रैप सेंटर से वाहन के निरीक्षण के लिए टीम पहुंचेगी जो वाहन को खुद ही स्क्रैप केंद्र तक ले जाएगी. वहीं, वाहन के स्क्रैप होने पर मालिक को स्क्रैप केंद्र की तरफ से सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (सीओडी) जारी होगा. इस तरह नया वाहन खरीदते वक्त ऐसे व्यक्ति को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा जिस पर हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से 9 फरवरी 2024 को मोटर वाहन कर अधिसूचना के मुताबिक (टोकन टैक्स/रोड टैक्स और स्पेशल रोड टैक्स) में गैर-परिवहन वाहनों पर 25 फीसदी और परिवहन वाहनों पर 15 फीसदी एकमुश्त छूट दी जाएगी.
ये है स्क्रैपिंग का उद्देश्य
देश व प्रदेश में पुराने वाहनों से फैल रहे प्रदूषण को रोकने के लिए स्क्रैप पॉलिसी को लागू किया गया है. इस तरह पुराने वाहनों के सड़क से हटने पर वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा जो पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से अच्छा कदम है.
सड़क सुरक्षा: 15 साल पुराने वाहन सड़क पर चलना तकनीकी रूप से सुरक्षित नहीं है जिससे हमेशा दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है. इसको देखते हुए सरकार ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का निर्णय लिया है.
वाहन उद्योग को प्रोत्साहन: 15 साल पुराने वाहनों को सड़क पर से हटाने का उद्देश्य इसके बदले में नए वाहन खरीदने से वाहन उद्योग में बिक्री बढ़ाना भी है. इसी तरह से स्क्रैप किए गए वाहनों से प्राप्त सामग्री को फिर उपयोग में लाया जा सकता है जिससे बाजार में कच्चे माल की मांग में भी कमी आएगी.
आर्थिक लाभ: 15 साल पुराने वाहनों को हटाने का मकसद नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत मालिकों को नए वाहन खरीदने पर छूट और अन्य प्रोत्साहन देना भी है. हालांकि यह पॉलिसी विशेष रूप से पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाने के लिए लागू की गई है, जो यातायात में सुधार, प्रदूषण में कमी और आर्थिक विकास में सहायक होगा. परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी का कहना है कि हिमाचल के सभी जिलों में कंपनियों को रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी सेंटर खोले जाने की योजना है. अभी सोलन और हमीरपुर जिला में दो कंपनियों को RVSF सेंटर खोलने की अप्रूवल दी गई है.
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