लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. आयुक्त ने प्रदेश के 53 एआरटीओ (प्रवर्तन) का सितंबर माह का वेतन रोकने के निर्देश जारी किए हैं.
अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) एके सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक जुलाई से 31 अगस्त तक प्रशमन शुल्क(रेवेन्यु वसूली टारगेट) के निर्धारित लक्ष्य को प्रदेश के 53 जनपदों में प्राप्त नहीं किया जा सका. जिसके चलते सभी 53 एआरटीओ (प्रवर्तन) का सितंबर माह का वेतन रोके जाने का निर्णय मुख्यालय स्तर से लिया गया है. अपर परिवहन आयुक्त ने बताया कि मुख्यालय स्तर से लगातार निर्देश दिए जाते हैं कि प्रशमन शुल्क के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किये जाने के लिए फील्ड में तैनात अधिकारी प्रयास करें. फील्ड में तैनात प्रवर्तन अधिकारी अपने-अपने जिलों में प्रशमन शुल्क प्राप्ति में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जो शासन और मुख्यालय के निर्देशों की अवहेलना है. उत्तर प्रदेश के तमाम ऐसे जनपद हैं जो चेकिंग अभियान पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं. लखनऊ में कई अधिकारियों की कमी के चलते चेकिंग अभियान चल ही नहीं पा रहा है. जिन क्षेत्रों में चेकिंग अभियान चलाया भी जाता है, वहां पर यूनियन के दबाव के चलते कार्रवाई बंद कर दी जाती है, जिसके चलते अवैध वाहनों पर भी कार्रवाई होना मुश्किल हो जाता है.
हाल ही में चारबाग से पीजीआई रोड पर अवैध टेंपो के खिलाफ अभियान चलाया गया. उच्च स्तर से इस अभियान को चलाने की के निर्देश दिए गए थे लेकिन यूनियन के पदाधिकारियों ने दबाव बनाया तो अभियान ही बंद कर दिया गया. अवैध वाहनों पर कार्रवाई भी नहीं हो पाई और इससे परिवहन विभाग को बड़े राजस्व का नुकसान हुआ. यह भी एक बड़ी वजह है कि राजस्व लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है.
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