बिलासपुर: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे लगातार यात्री ट्रेनों को रद्द कर रहा है. कोरोना के दौरान शुरू हुआ ट्रेन कैंसिल का सफर आज भी जारी है. इस मामले को लेकर बिलासपुर में रहने वाले कमल दुबे ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई.
ट्रेन कैंसिल होने पर हाईकोर्ट में याचिका: बिलासपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे पिछले 4 साल से ट्रैक मेंटेनेंस, सिगनलिंग और दोहरी, तीसरी लाइन निर्माण को लेकर यात्री ट्रेनों को कैंसिल कर रहा है. अचानक ट्रेनों के रद्द होने की वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लोगों की इसी समस्या पर हाईकोर्ट का ध्यान खींचने बिलासपुर के रहने वाले कमल दुबे ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई है.
एसईसीआर की ट्रेनें ज्यादा कैंसिल होने का दावा: कमल दुबे ने याचिका में बताया कि जिस रूट पर यात्री ट्रेनों को रद्द किया जाता है उसी रूट पर उसी दिन माल गाड़ियां चलाई जाती हैं. साथ ही ये भी कहा कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ही ट्रेनों को ज्यादा रद्द किया जा रहा है जबकि देश के दूसरे जोन में यात्री ट्रेन आसानी से चलाई जा रही है जबकि मेंटेनेंस का काम वहां भी किया जा रहा है.
मालगाड़ी चला सकते हैं तो पैसेंजर ट्रेन क्यों नहीं?: ट्रेन कैंसिल पर लगाई गई जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए रेलवे के वकील से पूछा कि "क्या ऐसा हो सकता है कि मालगाड़ियां चलने पर रेल लाइन को कोई नुकसान ना हो और यात्री गाड़ी चलने पर खतरा हो सकता है. यदि ऐसा कोई नियम है तो फिर रेलवे बोर्ड इसका जवाब दें." कोर्ट ने ये भी कहा कि-" जब मालगाड़ी चलाई जा सकती है तो यात्री गाड़ी के चलने से क्या परेशानी हो सकती है. रेलवे मालगाड़ियों को ज्यादा महत्व देता है या फिर यात्री गाड़ियों को महत्व देना चाहिए." कोर्ट ने रेलवे से 21 मार्च को मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया.