मेरठ: हजारों वाहन चालकों की राह को आसान बनाने के लिए मेरठ में जिला प्रशासन ने एक योजना बनाई है. जिसके बाद मेरठ को जाम के झाम से मुक्ति भी मिलेगी और लोगों का कीमती समय भी बचेगा. खासतौर से विश्वामित्र की तपोभूमि गगोल तीर्थ पर पहुंचना इस प्रक्रिया के बाद आसान हो जाएगा. वहीं दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ शहर के बीच होने वाली आवाजाही को आसान बनाने के लिए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. इतना ही नहीं मेरठ होकर हापुड़ की तरफ आवाजाही करने वाले हजारों वाहनों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद साबित होने वाला है. लगभग 7 किलोमीटर लंबी सड़क के चौड़ीकरण की प्रक्रिया होनी है.
इस बारे में डीएम दीपक मीणा ने ईटीवी भारत को बताया, कि हजारों वाहन शहर से हर दिन सिर्फ इसलिए गुजरते हैं, क्योंकि उन्हें शहर के दूसरे छोर की ओर अन्य शहरों, नगरों और क्षेत्रों की तरफ जाना होता है. ऐसे में प्रशासन ने लगभग साढ़े सात किलोमीटर के लिंक रोड को चौड़ीकरण करने का निर्णय लेकर योजना तैयार की है. इस बारे में किसानों से बात की जा चुकी है. कुल पांच गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया होने जा रही है. आवश्यक कदम उठाए जा चुके हैं.
डीएम दीपक मीणा ने बताया, कि खास बात यह है कि मेरठ साऊथ से होते हुए विश्वामित्र की तपोभूमि गगोल तीर्थ से होते हुए मेरठ नार्थ की तरफ बिजली बम्बा बाईपास पर पहुंचना आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ शहर के बीच सफर आसान हो जाएगा. वहीं, मेरठ होकर हापुड़ की तरफ आवाजाही करने वाले हजारों वाहनों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद साबित होगा.
डीएम ने बताया कि कुल साढ़े सात किमी लंबी सड़क को लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड द्वारा 3.75 मीटर से बढ़ाकर सात मीटर चौड़ा करने के लिए पूरी योजना तैयार की गई है. जिसके बाद मेरठ के परतापुर से हापुड़ रोड तक पहुंचने में आसानी होगी. वहीं, जितना ट्रैफिक इस रूट पर कन्वर्ट होगा उतना ही शहर में वाहनों के दवाब में कमी आएगी. लोगों की समस्या कम होगी. उन्होंने बताया, कि हालांकि अभी भी कुछ लोग इस रोड़ का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, वाहनों की संख्या अधिक होने की वजह से जाम लग जाता है.
लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी जगदीश प्रसाद ने बताया, कि जाम की समस्या को नियंत्रित करने के लिए इस सड़क को सात मीटर चौड़ा करने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है. सड़क चौड़ीकरण में लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे, वहीं पांच गांवों में 19 हजार 259 वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा.डीएम दीपक मीणा ने बताया कि गगोलखेड़ा, बलरामपुर, अजीजपुर,चंदसारा और सलेमपुर गांव की जमीन का अधिग्रहण होगा.