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केदारनाथ धाम में व्यापारी और तीर्थ पुरोहित मुखर, यात्रा के पहले ही दिन प्रतिष्ठान रखे बंद, जानिए क्या रही वजह - Traders protest in Kedarnath

Traders And Tirth Purohit Protest Of Kedarnath केदारनाथ धाम में व्यापारी और तीर्थ पुरोहित मुखर हैं. व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि मंदिर के आगे मुख्य मार्ग पर भारी तोड़-फोड़ की गई है, ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चर संचालक भी हड़ताल पर रहे.

Protest of traders and pilgrim priests in Kedarnath
केदारनाथ में व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों का प्रोटेस्ट (फोटो- ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 10, 2024, 4:27 PM IST

केदारनाथ धाम में व्यापारी और तीर्थ पुरोहित मुखर (वीडियो-ईटीवी भारत)

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले ही दिन तीर्थ पुरोहितों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए केदारपुरी के व्यापारिक प्रतिष्ठान, प्रसाद की दुकानें, खाने के होटल-ढ़ावों को बंद रखा. साथ ही पंडिताई का काम भी तीर्थ पुरोहितों की ओर से नहीं किया गया. तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि विगत 22 अप्रैल को केदारनाथ धाम में तोड़-फोड़ करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. वहीं दूसरी ओर केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर भी हड़ताल पर रहे. घोड़े-खच्चरों के न चलने के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज और व्यापार सभा के लोगों में आक्रोश बना हुआ है. यात्रा के पहले ही दिन तीर्थ पुरोहित समाज और व्यापार सभा ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. तीर्थ पुरोहितों ने अपने सभी होटल, लाॅज, ढ़ाबे, दुकान, प्रसाद की दुकानों को बंद कर दिया. इतना ही नहीं, तीर्थ पुरोहितों ने पंडिताई के कार्य का भी बहिष्कार किया. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि विगत 22 अप्रैल को केदारनाथ धाम में भारी तोड़-फोड़ की गई. सभी तीर्थ पुरोहित अपने गांवों में थे और कुछ अधिकारियों ने धाम पहुंचकर मजदूरों से मंदिर के आगे मुख्य मार्ग पर भारी तोड़-फोड़ करवा दी.
पढ़ें-परिवार संग बाबा केदार के दर पर पहुंची बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी, आज ही खुले ही केदारनाथ धाम के कपाट

उन्होंने कहा कि तोड़-तोड़ करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं दूसरी ओर केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर संचालकों और मालिकों ने भी पहले ही दिन हड़ताल शुरू कर दी. घोड़े-खच्चर संचालकों और मालिकों का आरोप है कि उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. पैदल मार्ग पर कही भी उन्हें रहने की जगह नहीं दी जा रही है. जहां पर वह ठिकाना बना रहे हैं, वहां से उन्हें भगाया जा रहा है.

उपाध्यक्ष चारधाम पंडा समाज संतोष त्रिवेदी ने कहा कि मांगों को लेकर व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों ने अपने कार्य का बहिष्कार किया. उन्होंने कहा कि आश्वासन के बाद भी व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों को नहीं मिलने दिया. उन्होंने कहा कि उनका बहिष्कार अनिश्चितकालीन के जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता.

केदारनाथ धाम में व्यापारी और तीर्थ पुरोहित मुखर (वीडियो-ईटीवी भारत)

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले ही दिन तीर्थ पुरोहितों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए केदारपुरी के व्यापारिक प्रतिष्ठान, प्रसाद की दुकानें, खाने के होटल-ढ़ावों को बंद रखा. साथ ही पंडिताई का काम भी तीर्थ पुरोहितों की ओर से नहीं किया गया. तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि विगत 22 अप्रैल को केदारनाथ धाम में तोड़-फोड़ करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. वहीं दूसरी ओर केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर भी हड़ताल पर रहे. घोड़े-खच्चरों के न चलने के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज और व्यापार सभा के लोगों में आक्रोश बना हुआ है. यात्रा के पहले ही दिन तीर्थ पुरोहित समाज और व्यापार सभा ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. तीर्थ पुरोहितों ने अपने सभी होटल, लाॅज, ढ़ाबे, दुकान, प्रसाद की दुकानों को बंद कर दिया. इतना ही नहीं, तीर्थ पुरोहितों ने पंडिताई के कार्य का भी बहिष्कार किया. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि विगत 22 अप्रैल को केदारनाथ धाम में भारी तोड़-फोड़ की गई. सभी तीर्थ पुरोहित अपने गांवों में थे और कुछ अधिकारियों ने धाम पहुंचकर मजदूरों से मंदिर के आगे मुख्य मार्ग पर भारी तोड़-फोड़ करवा दी.
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उन्होंने कहा कि तोड़-तोड़ करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं दूसरी ओर केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर संचालकों और मालिकों ने भी पहले ही दिन हड़ताल शुरू कर दी. घोड़े-खच्चर संचालकों और मालिकों का आरोप है कि उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. पैदल मार्ग पर कही भी उन्हें रहने की जगह नहीं दी जा रही है. जहां पर वह ठिकाना बना रहे हैं, वहां से उन्हें भगाया जा रहा है.

उपाध्यक्ष चारधाम पंडा समाज संतोष त्रिवेदी ने कहा कि मांगों को लेकर व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों ने अपने कार्य का बहिष्कार किया. उन्होंने कहा कि आश्वासन के बाद भी व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों को नहीं मिलने दिया. उन्होंने कहा कि उनका बहिष्कार अनिश्चितकालीन के जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता.

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