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यूपी के इन शहरों में आयोजित होंगे ट्रेड शो, नए उद्योगों को मिलेगा बड़ा मंच - Minister Rakesh Sachan

लखनऊ में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने यूपी इंटरनेशल ट्रेड शो की उपलब्धियों के बारे में बताया. इसके साथ ही 5 शहरों में ट्रेड शो का आयोजन किए जाने की जानकारी भी दी.

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प्रेस कांफ्रेस में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने दी जानकारी. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 3, 2024, 5:16 PM IST

लखनऊ: यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो ने उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास और वैश्विक व्यापार को एक नई दिशा दी है. ग्रेटर नोएडा में ट्रेड शो की सफलता से खुश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब राज्य में मंडल स्तर पर भी इस तरह के ट्रेड शो आयोजित करने की योजना बनाई है. पांच मंडलों ग्रेटर नोएडा, वाराणसी, लखनऊ, बरेली, और आगरा में इन शो के आयोजन की तैयारी की जा रही है. इन आयोजनों के लिए प्रत्येक मंडल में एक एग्जीबिशन सेंटर की स्थापना की जाएगी, जिससे स्थानीय उद्योगों और कारीगरों को एक बड़ा मंच प्रदान किया जा सके.

ट्रेड शो में 48.91 प्रतिशत अधिक प्रतिभागियों ने लिया हिस्साः एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि इस बार यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में 4,25,268 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 48.91 प्रतिशत अधिक है. यह वृद्धि उत्तर प्रदेश के उद्योगों की बढ़ती क्षमता और व्यापारिक अवसरों की पुष्टि करती है. मंत्री ने बताया कि इस बार B2B (बिजनेस टू बिजनेस) और B2C (बिजनेस टू कस्टमर) क्षेत्रों में भी जबरदस्त उछाल देखा गया. इसमें 1,03,688 बिजनेस टू बिजनेस प्रतिभागियों और 3,21,580 बिजनेस टू कस्टमर प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जो क्रमशः 42.84 प्रतिशत और 50.98 प्रतिशत की वृद्धि है. यह औद्योगिक विकास और राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए सकारात्मक संकेत है.

70 से अधिक देशों के आए खरीदारः मंत्री ने कहा कि इस साल के ट्रेड शो में 2,500 से अधिक प्रदर्शकों ने अपने उत्पाद और सेवाओं का प्रदर्शन किया, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 2,000 थी. इस आयोजन में 70 से अधिक देशों के 500 से अधिक विदेशी खरीदारों ने भी हिस्सा लिया, जिससे राज्य के अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिली. खासतौर से वियतनाम जैसे देशों ने उत्तर प्रदेश के साथ व्यापारिक संबंधों को प्रगाढ़ किया है. मंत्री ने कहा कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 के दौरान 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की व्यावसायिक पूछताछ और लीड्स उत्पन्न हुई है, जो राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए मील का पत्थर साबित हो रही हैं. इस आयोजन ने प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर दिया है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिली है.

विदेशी खरीदारों ने भारत के उत्पादों का सराहा और ऑर्डर दियाः मंत्री राकेश सचान ने बताया कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 में केवल स्थापित उद्योग ही नहीं, बल्कि विभिन्न श्रेणियों के नए उद्योगों को भी शामिल किया गया है. इस बार रक्षा निर्माण, ई-कॉमर्स, चीनी मिलों और वन उत्पादों जैसे क्षेत्रों की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है. इससे प्रदेश के औद्योगिक और व्यापारिक दायरे का विस्तार हुआ है, जो राज्य के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है. ट्रेड शो में प्रदर्शित उत्पादों को विदेशी खरीदारों ने काफी सराहा. जूट से बने थैलों को पांच करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला. जबकि वाराणसी की प्रसिद्ध गुलाबी मीनाकारी को भी पांच करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला. यह उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प और कारीगरों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के मुख्यमंत्री के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा. वियतनाम पहली बार पार्टनर कंट्री के रूप में जुड़ा और वह टूरिज्म और टेक्सटाइल क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने के लिए इच्छुक है. बुद्धिस्ट सर्किट के तहत वियतनाम का यूपी के पर्यटन क्षेत्र में बड़ा निवेश करने की योजना है.

इसे भी पढ़ें-यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो : कानपुर के उद्यमियों को दिवाली गिफ्ट, मिले 1000 करोड़ के ऑर्डर, आस्ट्रेलिया, केन्या व जर्मनी जैसे देशों ने दिखाई रुचि

लखनऊ: यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो ने उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास और वैश्विक व्यापार को एक नई दिशा दी है. ग्रेटर नोएडा में ट्रेड शो की सफलता से खुश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब राज्य में मंडल स्तर पर भी इस तरह के ट्रेड शो आयोजित करने की योजना बनाई है. पांच मंडलों ग्रेटर नोएडा, वाराणसी, लखनऊ, बरेली, और आगरा में इन शो के आयोजन की तैयारी की जा रही है. इन आयोजनों के लिए प्रत्येक मंडल में एक एग्जीबिशन सेंटर की स्थापना की जाएगी, जिससे स्थानीय उद्योगों और कारीगरों को एक बड़ा मंच प्रदान किया जा सके.

ट्रेड शो में 48.91 प्रतिशत अधिक प्रतिभागियों ने लिया हिस्साः एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि इस बार यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में 4,25,268 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 48.91 प्रतिशत अधिक है. यह वृद्धि उत्तर प्रदेश के उद्योगों की बढ़ती क्षमता और व्यापारिक अवसरों की पुष्टि करती है. मंत्री ने बताया कि इस बार B2B (बिजनेस टू बिजनेस) और B2C (बिजनेस टू कस्टमर) क्षेत्रों में भी जबरदस्त उछाल देखा गया. इसमें 1,03,688 बिजनेस टू बिजनेस प्रतिभागियों और 3,21,580 बिजनेस टू कस्टमर प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जो क्रमशः 42.84 प्रतिशत और 50.98 प्रतिशत की वृद्धि है. यह औद्योगिक विकास और राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए सकारात्मक संकेत है.

70 से अधिक देशों के आए खरीदारः मंत्री ने कहा कि इस साल के ट्रेड शो में 2,500 से अधिक प्रदर्शकों ने अपने उत्पाद और सेवाओं का प्रदर्शन किया, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 2,000 थी. इस आयोजन में 70 से अधिक देशों के 500 से अधिक विदेशी खरीदारों ने भी हिस्सा लिया, जिससे राज्य के अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिली. खासतौर से वियतनाम जैसे देशों ने उत्तर प्रदेश के साथ व्यापारिक संबंधों को प्रगाढ़ किया है. मंत्री ने कहा कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 के दौरान 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की व्यावसायिक पूछताछ और लीड्स उत्पन्न हुई है, जो राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए मील का पत्थर साबित हो रही हैं. इस आयोजन ने प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर दिया है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिली है.

विदेशी खरीदारों ने भारत के उत्पादों का सराहा और ऑर्डर दियाः मंत्री राकेश सचान ने बताया कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 में केवल स्थापित उद्योग ही नहीं, बल्कि विभिन्न श्रेणियों के नए उद्योगों को भी शामिल किया गया है. इस बार रक्षा निर्माण, ई-कॉमर्स, चीनी मिलों और वन उत्पादों जैसे क्षेत्रों की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है. इससे प्रदेश के औद्योगिक और व्यापारिक दायरे का विस्तार हुआ है, जो राज्य के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है. ट्रेड शो में प्रदर्शित उत्पादों को विदेशी खरीदारों ने काफी सराहा. जूट से बने थैलों को पांच करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला. जबकि वाराणसी की प्रसिद्ध गुलाबी मीनाकारी को भी पांच करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला. यह उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प और कारीगरों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के मुख्यमंत्री के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा. वियतनाम पहली बार पार्टनर कंट्री के रूप में जुड़ा और वह टूरिज्म और टेक्सटाइल क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने के लिए इच्छुक है. बुद्धिस्ट सर्किट के तहत वियतनाम का यूपी के पर्यटन क्षेत्र में बड़ा निवेश करने की योजना है.

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