कुल्लू: दिसंबर का महीना भी शुरू हो चुका है लेकिन हिमाचल प्रदेश के पहाड़ अभी भी सूने हैं. दिसंबर आते आते लाहौल स्पीति और मनाली के पहाड़ बर्फ की सफेद चादर ओढ़ लेते थे, लेकिन इस बार बर्फ के दीदार लोगों को नहीं हो पा रहे हैं. सूखे के चलते जहां किसानों और बागवानों की चिंता बढ़ गई है. वहीं, पर्यटन कारोबारियों को भी चिंता सता रही है कि दिसंबर माह में भी बर्फबारी न होने पर पर्यटन कारोबार खासा प्रभावित होगा. बाहरी राज्यों के सैलानी होटल संचालकों और ट्रैवल एजेंट से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन बर्फबारी न होने के चलते सैलानी अभी हिमाचल का रुख नहीं कर रहे हैं.
जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली और लाहौल स्पीति की पहाड़ियां दिसंबर माह में भी सूनी पड़ी हुई हैं. सैलानी बर्फबारी का मजा लेने के लिए लाहौल घाटी का रुख तो कर रहे हैं, लेकिन सूखे पहाड़ देखकर वापस मनाली लौट रहे हैं. हालांकि अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल में स्थानीय पर्यटन कारोबारी के द्वारा मशीन के माध्यम से कृत्रिम बर्फ तैयार की जा रही है और सैलानी कृत्रिम बर्फ को देखकर ही इसका लुत्फ उठा रहे हैं.
नॉर्थ पोर्टल पर कृत्रिम तौर पर तैयार की जा रही है बर्फ
अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल के समीप स्थानीय पर्यटन कारोबारी देवराज मशीन के माध्यम से बर्फ तैयार तक कर रहे हैं. मशीन पानी को फव्वारे के माध्यम से हवा में उड़ा रही है और माइनस तापमान के चलते पानी के बूंदे बर्फ बनाकर नीचे गिर रही हैं. सैलानी कृत्रिम बर्फ के बीच ही अपनी यात्रा को यादगार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. लाहौल पहुंचे सैलानियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि दिसंबर माह में उन्हें यहां बर्फबारी देखने को मिलेगी, लेकिन अभी तक आसमान से बर्फ नहीं गिरी है. ऐसे में यहां पर मशीन के माध्यम से कृत्रिम बर्फ तैयार की जा रही है और वो कृत्रिम बर्फबारी में ही मजा कर रहे हैं.
वहीं, पर्यटन कारोबारी देवराज का कहना है कि, 'रोजाना सैलानी लाहौल घाटी का रुख कर रहे हैं, लेकिन बर्फ ना होने के चलते उन्हें निराशा झेलनी पड़ रही है. ऐसे में उन्होंने मशीन के माध्यम से कृत्रिम बर्फ तैयार करने की सोची और रोजाना यहां पर सैकड़ों सैलानी कृत्रिम बर्फ के बीच खेलने का मजा ले रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि अब जल्द ही आसमान से बर्फबारी होगी, ताकि सैलानी आसमान से गिरती हुई बर्फ का आनंद ले सकें.'
60 प्रतिशत हो गई है होटल ऑक्यूपेंसी
गौर रहे कि इस बार दिसंबर माह में भी पहाड़ियां बिल्कुल सूखी हैं और इससे यहां का पर्यटन कारोबार भी प्रभावित हो रहा है. हालांकि मनाली-लाहौल घूमने के लिए सैलानी आ रहे हैं और मनाली में होटल की ऑक्यूपेंसी भी 60% हो गई है. वहीं, क्रिसमस में नए साल की तैयारी में भी होटल कारोबारी जुट गए हैं, लेकिन बर्फबारी-बारिश तो होने के चलते घाटी के किसानों बागवानों की चिंता बढ़ गई है.
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