शिमला: हिमाचल में इस समय छह सीटों पर होने वाले उपचुनाव चर्चा के केंद्र में हैं. मंडी में पीएम मोदी और अम्ब में अमित शाह सभी छह सीटों पर बीजेपी को जीत दिलाने की अपील कर चुके हैं. अमित शाह ने अम्ब में कहा कि हिमाचल में भी कमल के फूल की सरकार बनेगी. वहीं, कांग्रेस सरकार बचाने के लिए प्रयास कर रही है और भाजपा सत्ता में आने का सपना देख रही है. उपचुनाव वाली छह विधानसभा सीटों में से दो गगरेट और कुटलेहड़ ऊना जिले में आती हैं.
ऊना जिले के तहत आने वाली गगरेट विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस ने राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा के बीच है. चैतन्य शर्मा 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे, लेकिन राज्यसभा के लिए हुए चुनाव के दौरान कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हो गए. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी राकेश कालिया 2 बार चिंतपूर्णी और एक बार गगरेट से विधायक रह चुके हैं, लेकिन 2022 में चैतन्य शर्मा को टिकट देने के बाद राकेश कालिया बीजेपी में शामिल हो गए. चैतन्य शर्मा के बीजेपी में शामिल होते ही राकेश कालिया ने फिर घर वापसी करते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया. इस बार गगरेट में उनकी लड़ाई युवा चेहरे से है. यहां पर 5 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन सीधी टक्कर बीजेपी-कांग्रेस में ही है.
सीएम-डिप्टी सीएम की अग्निपरीक्षा: गगरेट विधानसभा सीट पर कुल 85 हजार 950 मतदाता हैं. इसमे 42 हजार 656 पुरुष और 41 हजार 660 महिला मतदाता हैं. 1 हजार 634 सर्विस वोटर्स हैं. इस विधानसभा क्षेत्र के वोटर्स सांसद और विधायक के लिए वोट करेंगे. लोकसभा चुनावों के साथ ही विधानसभा उपचुनावों के नतीजें भी आएंगे. अब देखना ये है कि जनता बागी विधायकों को एक बार फिर दूसरा मौका देती है या नहीं. ये चुनाव प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंद्र सिंह सुक्खू के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल है. गगरेट सीट डिप्टी सीएम के गृह जिले में आती है. कांग्रेस अगर ये सीट जीतने में कामयाब नहीं होती तो ये उनकी छवि को भी नुकसान पहुंचाएगे. इस समय प्रदेश के दो महत्वपूर्ण पदों सीएम और डिप्टी सीएम पद पर निचले हिमाचल से हैं. सीएम का गृह जिला हमीरपुर और डिप्टी सीएम का गृह जिला ऊना पड़ोसी जिले हैं. ऐसे में इस समय सत्ता का केंद्र निचला हिमाचल ही. इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब प्रदेश के दो बड़े महत्वपूर्ण पद निचले हिमाचल को मिले हैं. विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत का मतलब सुक्खू सरकार के कार्यकाल को जनता की क्लीन चिट मिलना माना जा सकता है.
रैलियों में बीजेपी सरकार बनने का दावा: एक दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने हिमाचल में फिर से भाजपा सरकार बनने का इशारा किया था.अब गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसी तरह का दावा किया है.हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में अनुराग ठाकुर के समर्थन में रैली को संबोधित करने आए अमित शाह ने कहा कि हिमाचल में फिर से कमल के फूल की सरकार बनेगी.दरअसल, अनुराग ठाकुर के संसदीय क्षेत्र से तीन विधानसभा उपचुनाव के प्रत्याशी भी मंच पर थे.उनमें गगरेट से चैतन्य शर्मा, कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो व बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल शामिल थे.इनके पक्ष में भी अमित शाह ने वोट अपील की और साथ ही ये दावा कर डाला कि हिमाचल में भी जल्द ही कमल के फूल की सरकार बनेगी.
छह विधानसभा सीटों पर ये परिस्थितियां क्यों आई: प्रदेश सरकार का आरोप है कि बागी विधायकों ने खुद को बीजेपी के सामने नीलाम कर दिया और जनादेश का अपमान किया. वहीं, बागी विधायकों का आरोप है कि कई बार समस्याओं से अवगत करवाने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई और उनके क्षेत्र की समस्याओं को हल नहीं किया गया. बार-बार उनकी अनदेखी के कारण उन्हें ये फैसला लेना पड़ा.