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'बिहार के डीएनए में स्वच्छता': पटना में टोटल सेग्रीगेशन अभियान के मौके पर बोले, सम्राट चौधरी - Total segregation campaign

CLEANLINESS IN BIHAR DNA पटना को स्वच्छ और हरित शहर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है. इसके लिए ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत हुई है. शहर में टोटल सेग्रीगेशन अभियान शुरू किया गया. इस अभियान का उद्देश्य घरों, दुकानों और संस्थानों से निकलने वाले कचरे को उसके स्रोत पर ही अलग करना है, ताकि पुनर्चक्रण और सुरक्षित निपटान को बढ़ावा दिया जा सके. पढ़ें, विस्तार से.

Total segregation campaign
पटना में टोटल सेग्रीगेशन अभियान. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 19, 2024, 4:45 PM IST

पटना में टोटल सेग्रीगेशन अभियान. (ETV Bharat)

पटनाः राजधानी पटना के बापू सभागार में गुरुवार को कचरा प्रबंधन अभियान के लिए टोटल सेग्रिगेशन अभियान की शुरुआत राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने की. मौके पर विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा, नगर विकास मंत्री नितिन नवीन और रवि शंकर प्रसाद मौजूद रहे. नितिन नवीन ने कहा कि आम लोगों के सहयोग के बिना कचरे प्रबंधन नहीं हो सकता. आम लोग अगर गीला और सूखा कचरा को अलग-अलग इकट्ठा करेंगे तो विभाग का काम आसान हो जाएगा.

"स्वच्छता अभियान की पटकथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखी. किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार लाल किले के प्राचीर से शौचालय और स्वच्छता की बात की. राजधानी पटना के लोगों को स्वच्छता के लिए आगे आना चाहिए. कचरा प्रबंधन बेहतर तरीके से होगा तो पटना स्वच्छ होगा और बीमारी भी नहीं फैलेगी."- राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, राज्यपाल

Total segregation campaign
पटना में टोटल सेग्रीगेशन अभियान. (ETV Bharat)

कचरा प्रबंधन पर बनी नीतिः उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में कचरा प्रबंधन के लिए कोई नीति नहीं थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब सत्ता में आए तो स्वच्छता और कचरा प्रबंधन पर बात होने लगी और नीतियां बनी. प्रधानमंत्री ने जिस तरीके से स्वच्छता को अभियान का रूप दिया उसी का नतीजा है कि आज पटना स्वच्छता की ओर आगे बढ़ रहा है. सम्राट चौधरी ने कहा बिहार के डीएनए में स्वच्छता है, जिस तरीके से छठ त्योहार के दौरान राजधानी पटना स्वच्छ दिखता है उसी तरीके से सालों भर पटना को स्वच्छ दिखना चाहिए.

कचरा प्रबंधन के लिए सरकार की पहलः राजधानी पटना में प्रतिदिन 10 टन कचरा इकट्ठा किया जाता है. कचरा प्रबंधन को लेकर अब तक कोई ठोस नीति नहीं थी लेकिन अब नगर विकास विभाग कचरा प्रबंधन करने जा रही है. विभाग की ओर से टोटल सेग्रीगेशन अभियान की शुरुआत की गई है. टोटल सेग्रीगेशन के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा कि वो गीला और सूखा कचरा का प्रबंध करें. कचरा कलेक्शन के लिए गाड़ी आए तो अलग-अलग डिब्बे में उसे डालें.

Total segregation campaign
पटना में टोटल सेग्रीगेशन अभियान. (ETV Bharat)

क्या है टोटल सेग्रीगेशन अभियानः यह एक ठोस कचरा प्रबंधन है. जिसका मुख्य उद्देश्य घरों, संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों से उत्पन्न कचरे को स्रोत पर ही अलग करना है. इसमें कचरे को दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जाता है. गीला कचरा- इसमें खाद्य पदार्थ, सब्जियों के छिलके और अन्य जैविक सामग्री शामिल होती है जो कंपोस्टिंग के लिए उपयोगी होती हैं. सूखा कचरा- इसमें प्लास्टिक, कागज, धातु, और अन्य पुनर्चक्रण योग्य कचरा आता है जिसे री-साइक्लिंग के लिए भेजा जा सकता है.

इसे भी पढ़ेंः 'साबुन से हाथ धोके खाना बनईहे सुन ले फगुनिया गे..' पटना स्लम बस्तियों में लोकगीत गाकर लोगों को किया जागरूक

इसे भी पढ़ेंः पटना की महिलाओं को मिली बड़ी राहत, नगर निगम ने दो चलंत पिंक टॉयलेट मंगाया - Pink Toilet In Patna

पटना में टोटल सेग्रीगेशन अभियान. (ETV Bharat)

पटनाः राजधानी पटना के बापू सभागार में गुरुवार को कचरा प्रबंधन अभियान के लिए टोटल सेग्रिगेशन अभियान की शुरुआत राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने की. मौके पर विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा, नगर विकास मंत्री नितिन नवीन और रवि शंकर प्रसाद मौजूद रहे. नितिन नवीन ने कहा कि आम लोगों के सहयोग के बिना कचरे प्रबंधन नहीं हो सकता. आम लोग अगर गीला और सूखा कचरा को अलग-अलग इकट्ठा करेंगे तो विभाग का काम आसान हो जाएगा.

"स्वच्छता अभियान की पटकथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखी. किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार लाल किले के प्राचीर से शौचालय और स्वच्छता की बात की. राजधानी पटना के लोगों को स्वच्छता के लिए आगे आना चाहिए. कचरा प्रबंधन बेहतर तरीके से होगा तो पटना स्वच्छ होगा और बीमारी भी नहीं फैलेगी."- राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, राज्यपाल

Total segregation campaign
पटना में टोटल सेग्रीगेशन अभियान. (ETV Bharat)

कचरा प्रबंधन पर बनी नीतिः उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में कचरा प्रबंधन के लिए कोई नीति नहीं थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब सत्ता में आए तो स्वच्छता और कचरा प्रबंधन पर बात होने लगी और नीतियां बनी. प्रधानमंत्री ने जिस तरीके से स्वच्छता को अभियान का रूप दिया उसी का नतीजा है कि आज पटना स्वच्छता की ओर आगे बढ़ रहा है. सम्राट चौधरी ने कहा बिहार के डीएनए में स्वच्छता है, जिस तरीके से छठ त्योहार के दौरान राजधानी पटना स्वच्छ दिखता है उसी तरीके से सालों भर पटना को स्वच्छ दिखना चाहिए.

कचरा प्रबंधन के लिए सरकार की पहलः राजधानी पटना में प्रतिदिन 10 टन कचरा इकट्ठा किया जाता है. कचरा प्रबंधन को लेकर अब तक कोई ठोस नीति नहीं थी लेकिन अब नगर विकास विभाग कचरा प्रबंधन करने जा रही है. विभाग की ओर से टोटल सेग्रीगेशन अभियान की शुरुआत की गई है. टोटल सेग्रीगेशन के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा कि वो गीला और सूखा कचरा का प्रबंध करें. कचरा कलेक्शन के लिए गाड़ी आए तो अलग-अलग डिब्बे में उसे डालें.

Total segregation campaign
पटना में टोटल सेग्रीगेशन अभियान. (ETV Bharat)

क्या है टोटल सेग्रीगेशन अभियानः यह एक ठोस कचरा प्रबंधन है. जिसका मुख्य उद्देश्य घरों, संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों से उत्पन्न कचरे को स्रोत पर ही अलग करना है. इसमें कचरे को दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जाता है. गीला कचरा- इसमें खाद्य पदार्थ, सब्जियों के छिलके और अन्य जैविक सामग्री शामिल होती है जो कंपोस्टिंग के लिए उपयोगी होती हैं. सूखा कचरा- इसमें प्लास्टिक, कागज, धातु, और अन्य पुनर्चक्रण योग्य कचरा आता है जिसे री-साइक्लिंग के लिए भेजा जा सकता है.

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