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एक भाई बहा रहा खून की नदियां! तो दूसरे ने बहाई ज्ञान की धारा, ये है खूंखार नक्सली मिसिर बेसरा की कहानी - Naxalite Misir Besra brother - NAXALITE MISIR BESRA BROTHER

टॉप नक्सली मिसिर बेसरा का गांव गिरिडीह के पीरटांड प्रखंड के मदनाडीह में है. इस गांव में विकास के कई काम हुए हैं. यहां के लोग लोकतंत्र के महापर्व में भी हिस्सा ले रहे हैं. इस गांव के शत प्रतिशत लोग मतदान करें, इसके लिए भी प्रशासन अपनी तरफ से मेहनत कर रहा है. गिरिडीह के एसपी ने मिसिर के परिवारवालों से भी मुलाकात की. यहां पता चला कि मिसिर का भाई तो शिक्षक है जो बच्चों को संविधान का पाठ पढ़ाता है.

NAXALITE MISIR BESRA BROTHER
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 12, 2024, 6:31 PM IST

Updated : Apr 12, 2024, 9:14 PM IST

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा

गिरिडीह: दो सगे भाई, एक भाई जिसने झारखंड समेत कई राज्यों की पुलिस की नाक में दम कर रखा है. जबकि दूसरा भाई बच्चों को संविधान की पाठ पढ़ाता है. एक भाई पर झारखंड सरकार ने एक करोड़ का इनाम घोषित कर रखा है. जबकि दूसरा भाई प्रशासन संग कंधे से कंधा मिलाकर सरकार की शिक्षा योजना को धरातल पर ला रहा है. ये कहानी है भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा की. मिसिर भाकपा माओवादी एक पोलित ब्यूरो का सदस्य है. मिसिर लगभग चार दशक से झारखंड ने नक्सली संगठन को सिंचित करने में सब कुछ छोड़कर जंगल जंगल भटक रहा है. जबकि उसी का सगा भाई देवीलाल अपने गांव पीरटांड प्रखंड के मदनाडीह में रहकर बच्चों के बीच शिक्षा बांट रहा है.

सरकारी स्कूल में शिक्षक है देवीलाल

देवीलाल गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षक हैं. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा जब सुरक्षा व्यवस्था का आकलन करने क्षेत्र में भ्रमण को निकले तो मदनाडीह में मिसिर के भाई देवीलाल से मुलाकात की. यहां देवीलाल ने एसपी को बताया कि 1986 में ही उसका भाई मिसिर घर से निकल गया, तो फिर वापस नहीं आया. देवीलाल ने बताया मिसिर का बेटा महाराष्ट्र के पुणे में रहता है और वहीं पर काम करता है. उसका बेटा गांव भी आता है.

मिसिर बेसरा के भाई देवीलाल से बात करते एसपी

आत्मसमर्पण कराने की अपील

यहां बातचीत के क्रम में एसपी दीपक ने देवीलाल को कहा कि आपके भाई भटकाव की राह पर कब तक रहेंगे. उन्हें बोलिये कि वे आत्मसमर्पण करें और झारखंड सरकार की प्रत्यर्पण और पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं. एसपी ने इस नीति की जानकारी विस्तार से दी.

खुलकर करें मतदान

यहां एसपी ने मिसिर के गांव के लोगों को लोकतंत्र के महापर्व में खुलकर भाग लेने को कहा. कहा कि यहां के बूथ पर रिकॉर्ड वोटिंग करनी है. चुनाव में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहेगा और लोग बेखौफ होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें. बता दें कि मिसिर के गांव से पहले पिछले दिनों डीआईजी के साथ एसपी एक करोड़ के इनामी नक्सली अनल ऊर्फ पतिराम मांझी के भी गांव गए थे. उस दौरान पतिराम के घरवालों से मिले थे और उन्हें भी लोकतंत्र के महापर्व में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया था. एसपी दीपक शर्मा कहते हैं भटके हुए लोगों को मुख्यधारा में लाना झारखंड पुलिस के उद्देश्य में से एक है. इसके अलावा भयमुक्त माहौल में चुनाव कराने की भी तैयारी की गई है.

ये भी पढ़ें:

Naxalite Pramod Mishra Arrested : कौन है माओवादी प्रमोद मिश्रा ? जिसपर 1 करोड़ के ईनाम का था प्रस्ताव

आरबी के सुप्रीमो के लिए प्रमोद मिश्रा और मिसिर बेसरा के बीच हुआ था विवाद, बेसरा के पक्ष में थे चार सेंट्रल कमिटी सदस्य

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा

गिरिडीह: दो सगे भाई, एक भाई जिसने झारखंड समेत कई राज्यों की पुलिस की नाक में दम कर रखा है. जबकि दूसरा भाई बच्चों को संविधान की पाठ पढ़ाता है. एक भाई पर झारखंड सरकार ने एक करोड़ का इनाम घोषित कर रखा है. जबकि दूसरा भाई प्रशासन संग कंधे से कंधा मिलाकर सरकार की शिक्षा योजना को धरातल पर ला रहा है. ये कहानी है भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा की. मिसिर भाकपा माओवादी एक पोलित ब्यूरो का सदस्य है. मिसिर लगभग चार दशक से झारखंड ने नक्सली संगठन को सिंचित करने में सब कुछ छोड़कर जंगल जंगल भटक रहा है. जबकि उसी का सगा भाई देवीलाल अपने गांव पीरटांड प्रखंड के मदनाडीह में रहकर बच्चों के बीच शिक्षा बांट रहा है.

सरकारी स्कूल में शिक्षक है देवीलाल

देवीलाल गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षक हैं. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा जब सुरक्षा व्यवस्था का आकलन करने क्षेत्र में भ्रमण को निकले तो मदनाडीह में मिसिर के भाई देवीलाल से मुलाकात की. यहां देवीलाल ने एसपी को बताया कि 1986 में ही उसका भाई मिसिर घर से निकल गया, तो फिर वापस नहीं आया. देवीलाल ने बताया मिसिर का बेटा महाराष्ट्र के पुणे में रहता है और वहीं पर काम करता है. उसका बेटा गांव भी आता है.

मिसिर बेसरा के भाई देवीलाल से बात करते एसपी

आत्मसमर्पण कराने की अपील

यहां बातचीत के क्रम में एसपी दीपक ने देवीलाल को कहा कि आपके भाई भटकाव की राह पर कब तक रहेंगे. उन्हें बोलिये कि वे आत्मसमर्पण करें और झारखंड सरकार की प्रत्यर्पण और पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं. एसपी ने इस नीति की जानकारी विस्तार से दी.

खुलकर करें मतदान

यहां एसपी ने मिसिर के गांव के लोगों को लोकतंत्र के महापर्व में खुलकर भाग लेने को कहा. कहा कि यहां के बूथ पर रिकॉर्ड वोटिंग करनी है. चुनाव में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहेगा और लोग बेखौफ होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें. बता दें कि मिसिर के गांव से पहले पिछले दिनों डीआईजी के साथ एसपी एक करोड़ के इनामी नक्सली अनल ऊर्फ पतिराम मांझी के भी गांव गए थे. उस दौरान पतिराम के घरवालों से मिले थे और उन्हें भी लोकतंत्र के महापर्व में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया था. एसपी दीपक शर्मा कहते हैं भटके हुए लोगों को मुख्यधारा में लाना झारखंड पुलिस के उद्देश्य में से एक है. इसके अलावा भयमुक्त माहौल में चुनाव कराने की भी तैयारी की गई है.

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Last Updated : Apr 12, 2024, 9:14 PM IST
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