नई दिल्लीः NEET परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद अब मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने वाले छात्रों को काउंसलिंग में शामिल होने के लिए पंजीकरण कराना होगा. पंजीकरण के दौरान वह दाखिले के लिए अपनी प्राथमिकता वाले कॉलेजों को भरेंगे. फिर काउंसलिंग में उनकी रैंक के आधार पर कॉलेज आवंटित होगा. वैसे देश के अधिकांश छात्रों की पहली पसंद दिल्ली एम्स में दाखिला लेना होता है. आइए जानते हैं कि दिल्ली में एम्स के अलावा और कौन-कौन से मेडिकल कॉलेज हैं, जहां पर छात्रों के पास दाखिला लेने का विकल्प है.
दिल्ली AIIMS: दिल्ली एम्स में एमबीबीएस की कुल 132 सीटें हैं. इनमें से तीन सीटें पीडब्ल्यूडी (दिव्यांग) छात्रों के लिए, 11 सीटें सामान्य ईडब्ल्यूएस, 32 सीटें ओबीसी, 18 सीटें, एसटी के लिए नौ, एससी पीडब्ल्यूडी, जनरल ईडब्ल्यूएस पीडब्ल्यूडी के लिए एक-एक सीट आऱक्षित है. वहीं, ओबीसी पीडब्ल्यूडी के लिए दो सीटें निर्धारित हैं. बाकी अन्य सीटें सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए निर्धारित हैं. एम्स में दाखिले के लिए उन छात्रों को प्राथमिकता मिलेगी, जिनकी रैंक 700 से ऊपर आई है.
शिक्षा मंत्रालय की एनआईआरएफ रैंकिंग में एम्स पिछले साल पहले नंबर पर था. ऐसे में एम्स में दाखिला मिलना आसान नहीं है.देश में सबसे कम है एम्स की फीस देश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज की बात करें तो दिल्ली एम्स की फीस सबसे कम है. यहां एमबीबीएस की एक साल की फीस मात्र 1648 रुपये है. इसलिए भी एम्स दाखिले के लिए छात्रों की पहली पसंद रहता है.
वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज: यह मेडिकल कॉलेज सफदरजंग अस्पताल से जुड़ा हुआ है. यह दिल्ली में दूसरे नंबर पर आता है. इसमें छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए दाखिला ले सकते हैं. इसमें एक साल की फीस मात्र 31 हजार रुपये है. यहां एमबीबीएस में दाखिले के लिए कुल 170 सीटें हैं. वीएमएमसी में दाखिले के लिए भी नीट यूजी में 700 से ज्यादा का स्कोर होना चाहिए. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी पिछले साल की एनआईआरएफ रैंकिंग में इसका 14वां स्थान था. यह केंद्र सरकार के द्वारा संचालित है. इसलिए यहां ऑल इंडिया स्तर की आरक्षण व्यवस्था लागू है.
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज: यह भी दिल्ली का एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज है. इसमें एमबीबीएस की कुल 200 सीटें हैं. इसकी फीस भी मात्र 9040 रुपये सालाना है. यह राजधानी दिल्ली का सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज है. इसकी स्थापना वर्ष 1916 में अंग्रेज अफसर द्वारा की गई थी.
अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज: दिल्ली का यह मेडिकल कॉलेज राम मनोहर लोहिया अस्पताल से जुड़ा हुआ है. जो छात्र यहां पढ़ाई करते हैं उन्हें आरएमएल में प्रैक्टिस का मौका मिलता है. इस कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटें हैं. इसकी मान्यता आईपी यूनिवर्सिटी से होने के चलते इसकी फीस थोड़ी ज्यादा है. प्रतिवर्ष 41 हजार रुपये सालाना यहां एमबीबीएस की फीस है. हालांकि, आरएमएल से संबद्ध होने के कारण इसकी प्रतिष्ठा है.
इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज: डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त इस संस्थान में एमबीबीएस का कोर्स नहीं है. इसके अलावा यहां पर एमडी, पीएचडी, डीएनबी और पोस्ट ड़क्टोरल सर्टिफिकेट कोर्स (पीडीसीसी) और पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट कोर्स (पीजीसीसी) सहित कई सर्टिफिकेट कोर्सेज हैं. इनकी फीस भी काफी कम है. 2023 में इसकी एनआरआईएफ रैंकिंग 23 रही.
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मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज: इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की कुल 250 सीटें हैं. एमएएमसी की डीन पूनम नारंग ने बताया कि यह कॉलेज भी दिल्ली और देश का जाना माना मेडिकल कॉलेज है. यह दिल्ली सरकार द्वारा संचालित है. इसकी मान्यता दिल्ली विश्वविद्यालय से है. इसमें दाखिले के लिए भी छात्रों का नीट यूजी स्कोर 600 से ऊपर ही होना चाहिए. इसकी एक साल की फीस करीब चार हजार रुपये सालाना है. इस कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्रों को लोकनायक, जीबी पंत और गुरू नानक आई केयर जैसे अस्पतालों में प्रैक्टिस का मौका मिलता है. इसमें 85 प्रतिशत दाखिले डीयू की पॉलिसी से होते हैं और 15 प्रतिशत सीटों पर दाखिले अखिल भारतीय स्तर की आरक्षण नीति के अनुसार होते हैं.
जामिया हमदर्द मेडिकल कॉलेज: जामिया हमदर्द मेडिकल कॉलेज भी दिल्ली का एक जाना माना कॉलेज है. इसमें एमबीबीएस की 150 सीटें हैं. पूरी तरह सरकारी नहीं होने के चलते इसकी फीस सालाना एक लाख 40 हजार रुपये है. यह निजी क्षेत्र में एक ट्रस्ट के द्वारा चलाया जाता है.
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज: यह कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा संचालित है और दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध है. इसमें एमबीबीएस की 350 सीटें हैं. यह कॉलेज दिल्ली सरकार के गुरू तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल से संबद्ध है. यहां एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को जीटीबी अस्पताल में काम करने का मौका मिलता है. इसकी सालाना फीस 6465 रुपये प्रतिवर्ष है. इसमें दाखिले के लिए भी नीट यूजी का अधिकतम स्कोर मान्य होता है.