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काशी में सिर्फ एक दिन दर्शन देती हैं मां श्रृंगार गौरी, चैत्र नवरात्र के चौथे दिन आप भी ले सकेंगे माता का आशीर्वाद - Shringaar Gauri Darshan - SHRINGAAR GAURI DARSHAN

Navratri 2024: अभी श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर न्यायालय से कोई फैसला नहीं आया है. इन सब के बीच चैत्र नवरात्र के चौथे दिन माता श्रृंगार गौरी के दर्शन की परंपरा का निर्वहन शुक्रवार को किया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 11, 2024, 4:46 PM IST

वाराणसी: Navratri 2024: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी परिसर में मौजूद मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है. श्रृंगार गौरी मामले को ही आगे बढ़ाते हुए ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वे के साथ ही कमीशन कार्रवाई को भी पूरा किया जा चुका है.

लेकिन, अभी श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर न्यायालय से कोई फैसला नहीं आया है. इन सब के बीच चैत्र नवरात्र के चौथे दिन माता श्रृंगार गौरी के दर्शन की परंपरा का निर्वहन शुक्रवार को किया जाएगा. इसके लिए इस मुकदमे की वादी महिलाओं की तरफ से शोभायात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है, तो वहीं अन्य भक्त यहां पहुंचकर दर्शन पूजन करेंगे.

मां श्रृंगार गौरी की दर्शन-पूजन यात्रा के सन्दर्भ में एक बैठक गुरुवार को चेतगंज स्थित सरस्वती वाचनालय में लाल बाबू की अध्यक्षता में हुई. बैठक में चैत्र नवरात्र चतुर्थी 12 अप्रैल शुक्रवार गोरक्षनाथ मठ, मैदागिन से प्रातः 8:00 बजे से मां श्रृंगार गौरी की दर्शन-पूजन यात्रा निकाले जाने पर सहमति बनाई गई है.

इस सम्बन्ध में कार्यक्रम संयोजक सोहन लाल आर्य ने कहा कि सनातन धर्म के स्थापनार्थ इस यात्रा का बहुत ही माहत्म्य है. सभी हिन्दू धर्मावलम्बियों को इस यात्रा में शामिल होने मात्र से ही मां श्रृंगार गौरी व बाबा विश्वनाथ के भव्य मन्दिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा.

ज्ञानवापी व श्रृंगार गौरी मामले के अधिवक्ता सुभाष नन्दन चतुर्वेदी, सुधीर त्रिपाठी व दीपक सिंह सहित सभी ने कहा कि सनातन धर्म में हर देवी-देवताओं का पांच प्रहर दर्शन-पूजन का प्रावधान है, जबकि मां श्रृंगार गौरी का वर्ष में एक बार दर्शन-पूजन का अधिकार होना विश्व की 100 करोड़ हिन्दुओं के लिए काला अध्याय है.

मां श्रृंगार गौरी का हर दिन दर्शन-पूजन हो यही हम सभी का लक्ष्य है. इसी के निमित्त श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के लिए सोहन लाल आर्य ने पहला मुकदमा 925/95 दायर किया था. जिसमें सर्वे भी 18 अप्रैल 1996 में हुआ था.

उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हरीशंकर जैन व विष्णु शंकर जैन संग काशी की 5 महिलाओं जिनमे राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक की तरफ से पुनः एक मुकदमा और दायर किया गया.

जिसमें राखी सिंह बाद में अलग हो गई लेकिन अभी भी मुकदमे की मुख्य बाजी बनी हुई हैं, जबकि चार अन्य महिलाएं अलग मुकदमा लड़ रही हैं. इसी मुकदमे के दौरान कोर्ट के आदेश पर सर्वे अधिवक्ता कमीशन, एएसआई सर्वे किया जा चुका है.

उच्चतम न्यायालय में हर समय दर्शन-पूजन के लिए वाद लम्बित है, जिसका फैसला शीघ्र आने की सम्भावना है. वहीं श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन को लेकर गुलशन कपूर और अन्य भक्तों के द्वारा दर्शन पूजन के लिए एक छोटी यात्रा निकाल कर सभी लोग दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे. नियमित दर्शन को लेकर साल में एक दिन ही श्रृंगार गौरी के दर्शन को अनुमति दी जाती है. इसलिए कल बड़ी संख्या में श्रृंगार गौरी का दर्शन पूजन होगा.

ये भी पढ़ेंः काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारी के वेश में तैनात रहेंगे पुलिसकर्मी, जानिए क्या है पूरा मामला?

वाराणसी: Navratri 2024: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी परिसर में मौजूद मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है. श्रृंगार गौरी मामले को ही आगे बढ़ाते हुए ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वे के साथ ही कमीशन कार्रवाई को भी पूरा किया जा चुका है.

लेकिन, अभी श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर न्यायालय से कोई फैसला नहीं आया है. इन सब के बीच चैत्र नवरात्र के चौथे दिन माता श्रृंगार गौरी के दर्शन की परंपरा का निर्वहन शुक्रवार को किया जाएगा. इसके लिए इस मुकदमे की वादी महिलाओं की तरफ से शोभायात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है, तो वहीं अन्य भक्त यहां पहुंचकर दर्शन पूजन करेंगे.

मां श्रृंगार गौरी की दर्शन-पूजन यात्रा के सन्दर्भ में एक बैठक गुरुवार को चेतगंज स्थित सरस्वती वाचनालय में लाल बाबू की अध्यक्षता में हुई. बैठक में चैत्र नवरात्र चतुर्थी 12 अप्रैल शुक्रवार गोरक्षनाथ मठ, मैदागिन से प्रातः 8:00 बजे से मां श्रृंगार गौरी की दर्शन-पूजन यात्रा निकाले जाने पर सहमति बनाई गई है.

इस सम्बन्ध में कार्यक्रम संयोजक सोहन लाल आर्य ने कहा कि सनातन धर्म के स्थापनार्थ इस यात्रा का बहुत ही माहत्म्य है. सभी हिन्दू धर्मावलम्बियों को इस यात्रा में शामिल होने मात्र से ही मां श्रृंगार गौरी व बाबा विश्वनाथ के भव्य मन्दिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा.

ज्ञानवापी व श्रृंगार गौरी मामले के अधिवक्ता सुभाष नन्दन चतुर्वेदी, सुधीर त्रिपाठी व दीपक सिंह सहित सभी ने कहा कि सनातन धर्म में हर देवी-देवताओं का पांच प्रहर दर्शन-पूजन का प्रावधान है, जबकि मां श्रृंगार गौरी का वर्ष में एक बार दर्शन-पूजन का अधिकार होना विश्व की 100 करोड़ हिन्दुओं के लिए काला अध्याय है.

मां श्रृंगार गौरी का हर दिन दर्शन-पूजन हो यही हम सभी का लक्ष्य है. इसी के निमित्त श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के लिए सोहन लाल आर्य ने पहला मुकदमा 925/95 दायर किया था. जिसमें सर्वे भी 18 अप्रैल 1996 में हुआ था.

उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हरीशंकर जैन व विष्णु शंकर जैन संग काशी की 5 महिलाओं जिनमे राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक की तरफ से पुनः एक मुकदमा और दायर किया गया.

जिसमें राखी सिंह बाद में अलग हो गई लेकिन अभी भी मुकदमे की मुख्य बाजी बनी हुई हैं, जबकि चार अन्य महिलाएं अलग मुकदमा लड़ रही हैं. इसी मुकदमे के दौरान कोर्ट के आदेश पर सर्वे अधिवक्ता कमीशन, एएसआई सर्वे किया जा चुका है.

उच्चतम न्यायालय में हर समय दर्शन-पूजन के लिए वाद लम्बित है, जिसका फैसला शीघ्र आने की सम्भावना है. वहीं श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन को लेकर गुलशन कपूर और अन्य भक्तों के द्वारा दर्शन पूजन के लिए एक छोटी यात्रा निकाल कर सभी लोग दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे. नियमित दर्शन को लेकर साल में एक दिन ही श्रृंगार गौरी के दर्शन को अनुमति दी जाती है. इसलिए कल बड़ी संख्या में श्रृंगार गौरी का दर्शन पूजन होगा.

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