नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में टमाटर की खेती में किसानों का रुझान बढ़ने लगा है. टमाटर अब यहां के किसानों की आमदनी बढ़ाने में सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रहा है. नूंह जिले में टमाटर की खेती को लेकर जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहम्मद ने बताया कि टमाटर हमारे जिला का वन जिला, वन प्रोडक्ट में आता है. भारत सरकार ने भी इसको मान्यता दी है.
17-18 हजार एकड़ में टमाटर की खेती: जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहम्मद ने कहा "हमारे यहां टमाटर की खेती 17-18 हजार एकड़ में होती है. इस बार टमाटर की फसल बहुत अच्छी है. किसी प्रकार की ओलावृष्टि, बरसात या किसी प्रकार की कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आई है. ऐसे में इस बार फसल में कोई नुकसान नहीं हुआ है. किसानों की फसल अच्छी आ रही है और कुछ जगह से टमाटर बाजार में आने लगे हैं. टमाटर की खेती में बहुत ही बेहतर तकनीक का इस्तेमाल हुआ है. कई सालों के प्रयास के बाद इस साल पूरी सफलता मिली है. मल्चिंग और लौ टनल तकनीक के साथ टमाटर की खेती की गई है. धीरे-धीरे किसान तकनीक की तरफ आ रहे हैं."
नूंह में टमाटर की खेती: डॉक्टर दीन मोहम्मद ने कहा कि टमाटर की बिक्री के लिए हमने अपना मार्केटिंग सेटअप भी शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि भिरावटी गांव में के पी के नाम से एक सेटअप लगाया गया है. जहां इंटरनेशनल कंपनियां सब्जियां खरीदने के लिए आएंगी. वहीं, डिपार्टमेंट के तरफ से कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस भी बनाए गए हैं. उस पर सब्सिडी दी गई है. उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग के द्वारा 1 करोड़ 71 लाख रुपए कोल्ड स्टोरेज के लिए, भिरावटी में सब्सिडी दी गई है. इसके अलावा मेवली और मांडी खेड़ा गांव में 2 इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए गए हैं.
टमाटर बेचने के लिए किसानों को नहीं जाना होगा दूर: डॉक्टर दीन मोहम्मद ने कहा कि मांडीखेड़ा वाले पर 2 करोड़ 71 लाख और मेवली गांव वाले पर 3 करोड़ 12 लाख रुपए की सब्सिडी दी गई है. जिला बागवानी अधिकारी ने कहा "विभाग का प्रयास है कि जो किसान दिल्ली, गुड़गांव, अलवर या अन्य शहरों के अलावा पंजाब की फसल को बेचते थे. अब उनकी मार्केटिंग यहीं से करवाई जाएगी. उनको अब दूर दराज इलाकों में जाने की आवश्यकता नहीं है."
टमाटर की खेती की तरफ बढ़ रहा किसानों का रुझान: जिला बागवानी अधिकारी के अनुसार अब भिरावटी गांव में फूड पार्क सेंटर पर कलेक्शन होगा, ग्रेडिंग होगी, साफ-सफाई होगी और उसके बाद उसकी पैकिंग होगी. उनमें भी अन्य केंद्रों के माध्यम से सप्लाई की जाएगी. इससे किसानों की न केवल आमदनी बढ़ेगी बल्कि किसानों को भाव भी अच्छा मिलेगा. समय और धन की बचत भी किसानों को होगी. उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है.
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