बालोद: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने बनाई गई सरकार की पुनर्वास योजना का फर्जी तरीके से लाभ पाने की कोशिश कुछ लोग कर रहे हैं. लेकिन पुलिस की सूझबूझ से नकली नक्सलियों का खुलासा हो गया. मामला बालोद जिले के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है.
नक्सली बनकर सरेंडर करने पहुंचे तीन युवक: अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक जोशी ने बताया कि दो युवक बबलू उर्फ मधु मोडियाम बीजापुर जिले का रहने वाला है. बबलू अपने दोस्त सुदेश बोगम और ओमप्रकाश नेताम के साथ मिलकर बालोद थाने पहुंचा. दोनों मानपुर के रहने वाले अपने साथी के साथ पहुंचे थे. दोनों ने खुद को नक्सली बताया और कहा कि मानपुर मोहला कमेटी में रहे हैं.
सरेंडर नक्सलियों को मिलने वाले फायदे को हासिल करना था मकसद: अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस ने जब तीनों युवकों से और उनके बारे में पूछताछ के साथ छानबीन की गई तो मामले का खुलासा हुआ. तीनों नक्सली नहीं थे. सरेंडर नक्सलियों को मिलने वाली शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए तीनों ने अपने आप को नक्सली बताया और आत्मसमर्पण करने पहुंचे.
नकली नक्सली बनकर तीन युवक आए थे. झूठ बोल कर खुद को नक्सली बताने के मामले में कार्रवाई की जा रही है. आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है- अशोक जोशी, एडिशनल एसपी
नकली नक्सलियों पर कार्रवाई: कोतवाली पुलिस ने फर्जी नक्सलियों और उनके साथी के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू की. तीनों आरोपियों पर पुनर्वास योजना का लाभ पाने के लए झूठ बोलने पर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है. तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
जानिए किनकी हुई है गिरफ्तारी ?: बालोद फेक नक्सल केस में जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनमें बीजापुर का सुदेश बोगम और बबलू मोरयम शामिल हैं. इसके अलावा मानपुर मोहला के रहने वाले ओमप्रकाश नेताम भी इसमें शामिल हैं. तीनों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
नक्सलमुक्त है बालोद: बालोद पहले से ही नक्सली मुक्त जिले में शामिल है. यहां के तटीय क्षेत्रों में कभी कभी नक्सल मूवमेंट की बात सामने आती है लेकिन बीते लगभग दो दशक से जिले में किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नक्सलियों की तरफ से नहीं की गई है.