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Delhi: AAP सरकार दिवाली पर लाई 'दीये जलाओ, पटाखे नहीं' अभियान

-दिल्ली सरकार आज से शुरू करेगी 'दीये जलाओ, पटाखे नहीं' अभियान -प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए चलाया जाएगा अभियान

AP सरकार दिवाली पर लाई 'दीये जलाओ, पटाखे नहीं' अभियान
AP सरकार दिवाली पर लाई 'दीये जलाओ, पटाखे नहीं' अभियान (Etv Bharat)
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By ANI

Published : Oct 28, 2024, 4:42 PM IST

Updated : Oct 28, 2024, 6:44 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. अब त्योहारी सीजन में राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार सोमवार से 'दीये जलाओ, पटाखे नहीं' अभियान शुरू करेगी. क्योंकि अगले 15 दिनों में शहर में प्रदूषण बढ़ने की आशंका है.

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम में बदलाव के कारण आने वाले 15 दिनों में वायु प्रदूषण बढ़ने की संभावना है. इसे देखते हुए सरकार का फोकस दिवाली पर पटाखों के जलने पर नियंत्रण करना है. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आज शाम से ही 'दीया जलाओ' अभियान शुरू कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, "पीएम 2.5 हवा में बढ़ रहा है, पराली जलाने का प्रभाव अब बढ़ रहा है. हम व्यवस्था कर रहे हैं कि पंजाब, हरियाणा जाने वाले वाहन दिल्ली में प्रवेश न करें. अगर भाजपा सरकारें (केंद्र और हरियाणा और यूपी में) केवल सवाल उठाएंगी, तो कौन काम करेगा?"

इसके अलावा, पर्यावरण मंत्री ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को भी पत्र लिखा है, जिसमें उनसे राष्ट्रीय राजधानी में पटाखा प्रतिबंध के उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है. प्रदूषण पर अंकुश लगाने के इरादे से, गोपाल राय ने 14 अक्टूबर को शहर में 1 जनवरी तक पटाखों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और उपयोग की घोषणा की थी.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आगे हरियाणा में कुछ मामलों को उजागर करते हुए पराली जलाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, "नरेला-हरियाणा सीमा से इसकी (पराली जलाने की) कुछ घटनाएं एक सप्ताह पहले सामने आई थी, कार्रवाई की जा रही है. दिल्ली में पराली के लिए बायो-डीकंपोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे पहले शनिवार को, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में पराली जलाने की कई घटनाएं देखी गई, बावजूद इसके कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर पर्याप्त कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए दोनों राज्य सरकारों की आलोचना की थी. राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 328 दर्ज किया गया, जिसे 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा गया.

ये भी पढ़ें:

  1. Delhi: राजधानी के अधिकतर इलाकों में AQI 'बेहद खराब', लोग बोले- प्रदूषण के चलते सो भी नहीं पा रहे
  2. Delhi: दिल्ली -एनसीआर को प्रदूषण से बचाने के लिए कृत्रिम वर्षा कराने की तैयारी, केंद्र से मिला आश्वासन

नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. अब त्योहारी सीजन में राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार सोमवार से 'दीये जलाओ, पटाखे नहीं' अभियान शुरू करेगी. क्योंकि अगले 15 दिनों में शहर में प्रदूषण बढ़ने की आशंका है.

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम में बदलाव के कारण आने वाले 15 दिनों में वायु प्रदूषण बढ़ने की संभावना है. इसे देखते हुए सरकार का फोकस दिवाली पर पटाखों के जलने पर नियंत्रण करना है. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आज शाम से ही 'दीया जलाओ' अभियान शुरू कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, "पीएम 2.5 हवा में बढ़ रहा है, पराली जलाने का प्रभाव अब बढ़ रहा है. हम व्यवस्था कर रहे हैं कि पंजाब, हरियाणा जाने वाले वाहन दिल्ली में प्रवेश न करें. अगर भाजपा सरकारें (केंद्र और हरियाणा और यूपी में) केवल सवाल उठाएंगी, तो कौन काम करेगा?"

इसके अलावा, पर्यावरण मंत्री ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को भी पत्र लिखा है, जिसमें उनसे राष्ट्रीय राजधानी में पटाखा प्रतिबंध के उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है. प्रदूषण पर अंकुश लगाने के इरादे से, गोपाल राय ने 14 अक्टूबर को शहर में 1 जनवरी तक पटाखों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और उपयोग की घोषणा की थी.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आगे हरियाणा में कुछ मामलों को उजागर करते हुए पराली जलाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, "नरेला-हरियाणा सीमा से इसकी (पराली जलाने की) कुछ घटनाएं एक सप्ताह पहले सामने आई थी, कार्रवाई की जा रही है. दिल्ली में पराली के लिए बायो-डीकंपोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे पहले शनिवार को, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में पराली जलाने की कई घटनाएं देखी गई, बावजूद इसके कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर पर्याप्त कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए दोनों राज्य सरकारों की आलोचना की थी. राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 328 दर्ज किया गया, जिसे 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा गया.

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Last Updated : Oct 28, 2024, 6:44 PM IST
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