नई दिल्ली: राजधानी के बाजारों में दिवाली की चमक दिखने लगी है. जगमगाती लाइटों से बाजार सज गए हैं. हर तरफ चमकीली रोशनी से सजे बाजार बहुत खूबसूरत भी लग रहे हैं. मार्केट में लोगों का रूझान स्वेदशी लड़ियों और लाइटों की तरफ बना हुआ दिख रहा है.
कोरोना के बाद चाइनीज सामानों की बिक्री में आई कमी
कोरोना महामारी के बाद बाजारों में चाइनीज सामानों की डिमांड में काफी कमी आई है. पश्चिमी दिल्ली के मशहूर तिलक नगर बाजार में लाइट और इलेक्ट्रोनिक्स सामान की करीब 75 दुकानें हैं. यह बाजार दिल्ली में लाइट और अन्य सामानों की सेल के लिए नंबर वन बाजार माना जाता है. यहां जो खरीददार पहुंच रहे हैं वो ज्यादा इंडियन लाइट्स की ही डिमांड कर रहे हैं.
स्वदेशी लाइट्स की ज्यादा डिमांड
बाजार में मौजूद दुकानदार चंदन कुमार ने बताया कि इस बार भी स्वदेशी लड़ियों की डिमांड ज्यादा हैं और ग्राहक भी स्वदेशी लाइटों की मांग कर रहे हैं. इनकी कीमत लम्बाई के मुताबिक होती हैं. 15 मीटर लड़ी की कीमत 100 रुपए हैं. वहीं 25 मीटर की कीमत 200 रुपए है. जैसे जैसे लंबाई बढ़ती है, कीमत बढ़ती जाती है. अब लोग चाहते है कि वह अपने घरों को आकर्षक लड़ियों से सजाएं. इसका ध्यान रखते हुए बाजार में कई तरह की सुंदर लड़ियां बिक रही हैं. जैसे चांद, दीया, स्टार, बल्ब आदि. जिनकी कीमत प्रति मीटर 250 से लेकर 800 रुपए तक है. लेकिन आज भी 80 फीसदी लोग सिंपल बल्ब वाली लड़ियां लेना ही ज्यादा पसंद करते हैं.
बाजारों में पहुंच रहे खरीददार, दुकानदारों के चेहरे पर खुशी
बाजार में पूरे वर्ष लड़ियों की बिक्री करने वाले सीमट लाल शर्मा ने बताया कि 2008 से तिलक नगर बाजार में झालरों की सेल कर रहे हैं. वहीं दिवाली फेस्टिव सीज़न के दौरान दुकान के अंदर और बाहर काउंटर लगा कर चमचमाती लड़ियों की बिक्री की जाती है. इस बार ग्राहक की डिमांड को देखते हुए एक महीने पहले से दुकान के बाहर लड़ियों का काउंटर सजा दिया हैं. ताकि दिल्ली के अलावा NCR से आने वाले ग्राहकों को कोई असुविधा न हो. बाजार में अच्छी खासी भीड़ है. लोगों की डिमांड और भीड़ को देखते हुए रात 11-12 बजे तक बाजार में रौनक रहती है.
तिलक नगर बाजार में कुमार इलेक्ट्रोनिक के नाम से मशहूर दुकान के मालिक गौरव अग्रवाल ने बताया कि इस बार फेस्टिव सीजन में ऑनलाइन मार्केट ने लोगों को सड़क पर आने को मजबूर कर दिया है. लेकिन लड़ियों का मार्केट बिलकुल अलग है. लोग इसको देखने के बाद चेक करते हैं उसके बाद खरीदते हैं. इसलिए लड़ियों का बाजार आज भी जमीनी स्तर पर जिन्दा है.
तिलक नगर के बाजार से लाइटें ख़रीदने आए मनीष पुष्कर ने बताया कि इस बार वह अपने नए घर को सजाने के लिए लड़ियां खरीदने आए हैं. 5 वर्षों से उनका प्रयास रहता है कि भारत में बनी लाइटों को ही खरीदें.
1975 में बना था बाजार
बता दें कि तिलक नगर के इस मार्केट की स्थापना 1975 में हुई थी. यह पूरी दिल्ली में फेमस है, यहां इलेक्ट्रिकल, एलईडी और फैंसी लाइट की रिटेल और होल सेल बिक्री होती है. यहां पर लाइट और इलेक्ट्रोनिक्स सामान की करीब 75 दुकानें हैं. बाजार हर बुधवार को बंद रहता है. वहीं, खास दिनों में एसोसिएशन की बैठक के बाद ही बुधवार को बाजार खोला जाता है. बाजार के खुलने का समय सुबह 10:00 बजे से रात 9:00 बजे तक है.
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