अलवर: सरिस्का टाइगर रिजर्व की बफर रेंज का युवा बाघ एसटी 2303 बीते 20 दिन से बफर रेंज के जंगल से बाहर निकलकर हरियाणा सीमा के झाबुआ गांव में विचरण कर रहा है. बाघ को वापस लाने के प्रयास कारगर नहीं होते देख अब सरिस्का प्रशासन ने वहां पिंजरा लगाया है. सरिस्का व हरियाणा वन विभाग की टीम बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास कर चुकी है, लेकिन खेतों में फसल होने एवं जंगल में हरियाली के चलते उनके ये प्रयास अभी तक विफल रहे हैं.
सरिस्का टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह ने बताया कि करीब 20 दिन पहले बफर रेंज का बाघ जंगल से निकलकर हरियाणा की सीमा में पहुंच गया. सरिस्का प्रशासन की ओर से बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन बारिश के मौसम में खेतों व जंगल में हरियाली होने से बाघ की लोकेशन टैस करने में परेशानी आ रही है. बाघ के झाबुआ के जंगल में पगमार्क मिल रहे हैं, इससे बाघ की वहां मौजूदगी का पता चल रहा है.
पढ़ें: टेरिटरी की तलाश में बाघ लांघ रहे सरिस्का की दहलीज, वनकर्मियों की बढ़ी परेशानी
उन्होंने बताया कि युवा बाघ को वापस सरिस्का में लाने के लिए अब झाबुआ के जंगल में पिंजरा लगाया गया है. संभावना है कि शिकार की तलाश में बाघ पिंजरे में आए. वहां 10 कैमरे भी लगाए गए हैं और वनकर्मियों की टीमें तैनात की गई है.
पहले भी निकल चुका यह बाघ: हरियाणाअलवर बफर रेंज का बाघ 2303 करीब 8 महीने पहले भी सरिस्का से बाहर निकल तिजारा, टपूकड़ा होते हुए रेवाड़ी के जंगल में पहुंच गया था. उस दौरान इस बाघ ने एक वनकर्मी सहित कई लोगों पर हमला कर घायल कर दिया था. इस बार भी बाघ 2303 मुंडावर, तिजारा, कोटकासिम होते हुए हरियाणा के रेवाड़ी जिले के झाबुआ जंगल में पहुंच गया और इस दौरान उसने हमला कर चार लोगों को घायल कर दिया. इन घायलों का अलवर के जिला अस्पताल में इलाज कराया गया, जिनकी कुशलक्षेम जानने खुद प्रदेश के वन मंत्री संजय शर्मा भी अस्पताल पहुंचे थे.
बाघ युवा होने के कारण तलाश रहा अपनी टैरिटरी: अलवर बफर रेंज के बाघ 2303 की उम्र करीब तीन साल है और यह अपनी मां से अलग होकर अब खुद की टैरिटरी तलाशने में जुटा है. अलवर रेंज में अभी शावकों समेत 7 बाघ हैं. अलवर बफर रेंज में इसके पिता बाघ की टैरिटरी है, इस कारण बाघ 2303 के पिता ने इसे नई टैरिटरी के लिए वहां से धकेल दिया, जिससे यह तिजारा, मुंडावर, कोटकासिम होते हुए हरियाणा के रेवाड़ी जिले के झाबुआ जंगल में पहुंच गया.