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गंगा में बाढ़ के कारण विश्वनाथ धाम के के तीन एंट्री गेट बंद, जानिए अब कैसे मिलेगा मंदिर में प्रवेश - Vishwanath Dham entry gates closed

विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से गंगा में बाढ़ के कारण विश्वनाथ धाम के तीन एंट्री गेट को बंद कर दिया गया है. इसके साथ ही सभी तरह की वीआईपी व्यवस्थाओं को पूरी तरह से निरस्त किया जा रहा है. जानिए अब कैसे मिलेगा मंदिर में प्रवेश.

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विश्वनाथ धाम के के तीन एंट्री गेट बंद (photo credit-Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 11, 2024, 10:52 AM IST

वाराणसी: सावन के महीने में विश्वनाथ धाम में भक्तों की संख्या हर रोज बढ़ रही है. गंगा में होने वाली पानी की बढ़ोतरी को देखते हुए विश्वनाथ धाम में अब तीन एंट्री पॉइंट को बंद कर दिया गया है. विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से दिए गए निर्णय के अनुसार ललिता घाट समेत दो अन्य एंट्री गेट को गंगा के पानी में हो रही बढ़ोतरी की वजह से बंद किया गया है. बाकी एंट्री कैसे होगी यह भी जानिए.

विश्वनाथ धाम प्रशासन की तरफ दी गई जानकारी के मुताबिक, गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर एवं अन्य सुरक्षा कारणों से ललिता घाट, सिल्को खोया गली द्वार संख्या 4A और सरस्वती फाटक प्रवेश द्वार से श्री काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश संभव नहीं होगा. गोदौलिया क्रॉसिंग (गेट सं 04) तथा नंदू फेरिया गेट 4B से प्रवेश की व्यवस्था पूर्ववत रहेगी. तीन प्रवेश मार्ग अवरूद्ध हो जाने से गोदौलिया मैदागिन सड़क पर स्थित शेष प्रवेश द्वारों से ही श्रद्धालुओं का प्रवेश रहेगा.

इसे भी पढ़े-सावन शिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ धाम में उमड़ी भक्तों की भीड़, दोपहर तक 94325 लोगों ने की पूजा, नमामि गंगे ने किया जागरूक - Sawan Shivratri 2024

इस कारण इस श्रावण सोमवार को श्रद्धालुओं की लाइन अपेक्षाकृत अधिक लंबी रहने की संभावना है. गोदौलिया-मैदागिन सड़क मार्ग से आने वाले दर्शनार्थियों से मंदिर प्रशासन ने यह भी अपील की है, कि दर्शन के लिए धाम में प्रवेश के लिए दर्शनार्थियों की कतार आते समय जहां से भी शुरू होती रही दिखे. वहीं से वे दर्शन के लिए कतार में लग जाएं. सीधे प्रवेश द्वार तक आने पर अन्यथा प्रवेश दिया जाना संभव नहीं होगा. वापस कतार में सबसे पीछे हो जाना पड़ेगा. प्रवेश द्वार सीमित होने के कारण दर्शन में अपेक्षाकृत अधिक समय लग सकता है. अतः अपने स्वास्थ्य एवं सुविधा का ध्यान रखते हुए ही, श्रावण सोमवार पर्व पर दर्शन हेतु कार्यक्रम बनाएं.

मंदिर प्रशासन ने यह भी कहा, है कि इस नई व्यवस्था की वजह से सावन के चौथे सोमवार 12 अगस्त को किसी भी तरह का प्रोटोकॉल दिया जाना संभव नहीं होगा. किसी भी प्रकार के कार्ड पर विशेष कतार की सुविधा अथवा भिन्न प्रवेश कराया जाना भी संभव नहीं है. इसलिए किसी भी विशेष व्यवस्था को कॉल लागू नहीं किया जाएगा. सभी तरह की वीआईपी व्यवस्थाओं को पूरी तरह से निरस्त किया जा रहा है. सभी दर्शनार्थी भक्त मंदिर न्यास के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं. तथा न्यास सभी को यथासंभव सर्वोत्तम सेवा एवं सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इसलिए श्रावण सोमवार पर्व के लिए नियत व्यवस्था से सभी को लाइन में लगकर ही दर्शन करना होगा.

यह भी पढ़े-काशी में फिर बढ़ा गंगा का जलस्तर, घाटों की जगह छतों पर शुरू हुई विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती - VARANASI News

वाराणसी: सावन के महीने में विश्वनाथ धाम में भक्तों की संख्या हर रोज बढ़ रही है. गंगा में होने वाली पानी की बढ़ोतरी को देखते हुए विश्वनाथ धाम में अब तीन एंट्री पॉइंट को बंद कर दिया गया है. विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से दिए गए निर्णय के अनुसार ललिता घाट समेत दो अन्य एंट्री गेट को गंगा के पानी में हो रही बढ़ोतरी की वजह से बंद किया गया है. बाकी एंट्री कैसे होगी यह भी जानिए.

विश्वनाथ धाम प्रशासन की तरफ दी गई जानकारी के मुताबिक, गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर एवं अन्य सुरक्षा कारणों से ललिता घाट, सिल्को खोया गली द्वार संख्या 4A और सरस्वती फाटक प्रवेश द्वार से श्री काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश संभव नहीं होगा. गोदौलिया क्रॉसिंग (गेट सं 04) तथा नंदू फेरिया गेट 4B से प्रवेश की व्यवस्था पूर्ववत रहेगी. तीन प्रवेश मार्ग अवरूद्ध हो जाने से गोदौलिया मैदागिन सड़क पर स्थित शेष प्रवेश द्वारों से ही श्रद्धालुओं का प्रवेश रहेगा.

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इस कारण इस श्रावण सोमवार को श्रद्धालुओं की लाइन अपेक्षाकृत अधिक लंबी रहने की संभावना है. गोदौलिया-मैदागिन सड़क मार्ग से आने वाले दर्शनार्थियों से मंदिर प्रशासन ने यह भी अपील की है, कि दर्शन के लिए धाम में प्रवेश के लिए दर्शनार्थियों की कतार आते समय जहां से भी शुरू होती रही दिखे. वहीं से वे दर्शन के लिए कतार में लग जाएं. सीधे प्रवेश द्वार तक आने पर अन्यथा प्रवेश दिया जाना संभव नहीं होगा. वापस कतार में सबसे पीछे हो जाना पड़ेगा. प्रवेश द्वार सीमित होने के कारण दर्शन में अपेक्षाकृत अधिक समय लग सकता है. अतः अपने स्वास्थ्य एवं सुविधा का ध्यान रखते हुए ही, श्रावण सोमवार पर्व पर दर्शन हेतु कार्यक्रम बनाएं.

मंदिर प्रशासन ने यह भी कहा, है कि इस नई व्यवस्था की वजह से सावन के चौथे सोमवार 12 अगस्त को किसी भी तरह का प्रोटोकॉल दिया जाना संभव नहीं होगा. किसी भी प्रकार के कार्ड पर विशेष कतार की सुविधा अथवा भिन्न प्रवेश कराया जाना भी संभव नहीं है. इसलिए किसी भी विशेष व्यवस्था को कॉल लागू नहीं किया जाएगा. सभी तरह की वीआईपी व्यवस्थाओं को पूरी तरह से निरस्त किया जा रहा है. सभी दर्शनार्थी भक्त मंदिर न्यास के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं. तथा न्यास सभी को यथासंभव सर्वोत्तम सेवा एवं सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इसलिए श्रावण सोमवार पर्व के लिए नियत व्यवस्था से सभी को लाइन में लगकर ही दर्शन करना होगा.

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