झालावाड़ : जिले की धार्मिक नगरी झालरापाटन में जलझूलनी एकादशी के मौके पर तीन दिवसीय डोल महोत्सव का आगाज हुआ. डोल महोत्सव के पहले दिन शनिवार को झालरापाटन शहर के सूर्य मंदिर प्रांगण में शहर के सभी समाज के मंदिरों से आए देव विमानों को विराजित कर उनकी सामूहिक महाआरती की गई. इसके बाद 13 बैंड, 21 ढोल घुड़सवारों के साथ देव विमानों की भव्य शोभायात्रा शहर में निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु भजनों पर झूमते नजर आए. इससे पहले वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुई महाआरती में शहर के सभी समाजों के नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे. श्रद्धालुओं ने देव विमानों के समक्ष फल और प्रसाद चढ़ाकर क्षेत्र की उन्नति और परिवार की समृद्धि की कामना की.
बड़ा मंदिर सेवादल समिति अध्यक्ष गुड्डी लाल शर्मा ने बताया कि सूर्य मंदिर परिसर में आयोजित हुए डोल महोत्सव कार्यक्रम में झालरापाटन पालिकाध्यक्ष वर्षा चांदवाड़ और पूर्व विधायक निर्मल सकलेचा सहित बड़ा मंदिर सेवादल सदस्यों ने महाआरती कर ईश्वर का आशीर्वाद लिया. सूर्य मंदिर से शुरू हुई शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गो से गुजरती हुई गोमती सागर तालाब के गणगौर घाट पर पहुंची, जहां देव विमानों में विराजमान देवताओं का जलाभिषेक किया गया. इसके बाद गोमती सागर के तट पर ही देवताओं की महाआरती की गई, जिसके बाद सभी देव विमान अपने-अपने मंदिरों की ओर लौट गए.
3 दिन चलेगा महोत्सव : कार्यक्रम के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा कड़े इंतजाम किए गए थे. वहीं, सभी समुदाय के लोगों ने भी एक-दूसरे का सहयोग करते हुए धार्मिक आयोजनों को पूरा किया. इस तीन दिवसीय महोत्सव के तहत रविवार 15 सितंबर को द्वारकाधीश परिसर में सांस्कृतिक संध्या और 16 सितंबर को सोमवार को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा. सभी कार्यक्रमों का आयोजन बड़ा मंदिर सेवादल द्वारा किया जा रहा है. बता दें कि जलझूलनी एकादशी पर झालावाड़ जिले भर में भगवान को विमान में बिठाकर नगर भ्रमण करवाने की परंपरा है.