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छह साल पहले हुई थी एसआई की हत्या, सीमा सुरक्षा बल के तीन अधिकारियों को आजीवन कारावास की सजा - Border Security Force officers

यूपी के गाजीपुर जिले में शनिवार को अपर सत्र न्यायालय सीनियर डिवीजन (Three Border Security Force officers sentenced) ने सीमा सुरक्षा बल की एक टुकड़ी के तीन अधिकारियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 16, 2024, 8:55 PM IST

Updated : Mar 16, 2024, 9:41 PM IST

गाजीपुर : जिले की अपर सत्र न्यायालय सीनियर डिवीजन ने शनिवार को एक अभूतपूर्व फैसला सुनाते हुए सीमा सुरक्षा बल की एक टुकड़ी के तीन अधिकारियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

2017 में एसआई की निर्मम हत्या कर दी गई थी : इस मामले की पुष्टि करते हुए एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि बीते साल 2017 में सीमा सुरक्षा बल की एक टुकड़ी बिहार के मुजफ्फरपुर से भिलाई जा रही थी. इस दौरान गाजीपुर के तरांव स्टेशन के पास ट्रेन की चेन पुलिंग करके एसआई धनदेव सिंह को उतार कर नदी के किनारे उसकी हत्या कर पेड़ से शव को टांग दिया गया था. इस निर्मम हत्या के बाद नंदगंज थाना क्षेत्र की पुलिस ने विवेचना कर सीमा सुरक्षा बल के तीन अधिकारियों में शेषराम ठाकुर, भारत भुज और नीलाद्रि चक्रवर्ती को दोषी पाया. जिनके खिलाफ कोर्ट में साल 2017 से मुकदमा चल रहा था. लगभग 6 साल से ज्यादा समय बीतने के बाद शनिवार को कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

सजा के बाद भेजे गए जेल : एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने बताया है कि एडीजे प्रथम चंद्र प्रकाश तिवारी ने मामले की सुनवाई की. उन्होंने बताया कि तीनों आरोपी सजा के वक्त कोर्ट में मौजूद थे और उन्हें पुलिस ने सजा सुनाने के बाद गिरफ्तार करने के बाद में जेल भेज दिया है.

यह भी पढ़ें : चश्मदीद गवाह की कोर्ट परिसर में गोली मार कर की थी हत्या, 3 दोषियों को आजीवन कारावास

यह भी पढ़ें : जेल में मुख्तार अंसारी गैंग के 2 गुर्गों का मर्डर, 14 साल चला केस; जेलर समेत 14 जेल अफसरों-कर्मचारियों को उम्रकैद

गाजीपुर : जिले की अपर सत्र न्यायालय सीनियर डिवीजन ने शनिवार को एक अभूतपूर्व फैसला सुनाते हुए सीमा सुरक्षा बल की एक टुकड़ी के तीन अधिकारियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

2017 में एसआई की निर्मम हत्या कर दी गई थी : इस मामले की पुष्टि करते हुए एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि बीते साल 2017 में सीमा सुरक्षा बल की एक टुकड़ी बिहार के मुजफ्फरपुर से भिलाई जा रही थी. इस दौरान गाजीपुर के तरांव स्टेशन के पास ट्रेन की चेन पुलिंग करके एसआई धनदेव सिंह को उतार कर नदी के किनारे उसकी हत्या कर पेड़ से शव को टांग दिया गया था. इस निर्मम हत्या के बाद नंदगंज थाना क्षेत्र की पुलिस ने विवेचना कर सीमा सुरक्षा बल के तीन अधिकारियों में शेषराम ठाकुर, भारत भुज और नीलाद्रि चक्रवर्ती को दोषी पाया. जिनके खिलाफ कोर्ट में साल 2017 से मुकदमा चल रहा था. लगभग 6 साल से ज्यादा समय बीतने के बाद शनिवार को कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

सजा के बाद भेजे गए जेल : एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने बताया है कि एडीजे प्रथम चंद्र प्रकाश तिवारी ने मामले की सुनवाई की. उन्होंने बताया कि तीनों आरोपी सजा के वक्त कोर्ट में मौजूद थे और उन्हें पुलिस ने सजा सुनाने के बाद गिरफ्तार करने के बाद में जेल भेज दिया है.

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Last Updated : Mar 16, 2024, 9:41 PM IST
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