नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने की बड़ी घटना सामने आई है. यहां साइबर क्राइम पुलिस ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जो विदेशों में बैठे अपने साथियों की मदद से भारत में फ्रॉड करता था. मामले में साइबर क्राइम पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान रवि शर्मा, सुशील और भानू के रूप में की गई है.
आरोपियों के पास से कई मोबाइल फोन, अलग-अलग बैंक की चेक बुक, एटीएम कार्ड, और पैन कार्ड बरामद किया गया है. पुलिस के मुताबिक, बीते 23 अप्रैल को कुशल पाल नामक व्यक्ति ने जानकारी दी थी कि सोशल मीडिया पर शेयर ट्रेडिंग से संबंधित वीडियो सर्फिंग करते समय वह एक ग्रुप में ऐड हो गए थे. ग्रुप में लिंक के माध्यम से एक शेयर ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करवाया था. इसके बाद खाते से रकम गायब कर दी गई. शुरुआत में उसे दिखाया गया कि वह काफी मुनाफे में है.
इस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. इसके बाद मामले के तार रायपुर, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और केरल के अलावा कई राज्यों से जुड़े पाए गए. गिरफ्तार आरोपियों ने कबूल किया है कि उन्होंने अलग-अलग राज्यों में अब तक 32 वारदात को अंजाम दिया है. आरोपियों के संपर्क, विदेश में बैठे अन्य आरोपियों से हैं, जिनके माध्यम से यह सब किया जा रहा था.
पूछताछ में आरोपी रवि शर्मा ने बताया कि उसने अपने साथी सुशील और भानु के साथ मिलकर फर्जी फर्मों के नाम पर करेंट अकाउंट खुलवा रखे हैं. वे विदेश में बैठे जालसाजों को अकाउंट की जानकारी व्हाट्सऐप पर भेजा करते थे. धोखाधड़ी की रकम का कमिशन इन्हीं खातोंं में आती है. मुख्य रकम विदेशी ठग कहीं और ट्रांसफर कर देते थे. पीड़ित से ठगी की ट्रांजैक्शन का ओटीपी, विदेश में बैठे ठग को भेजने के लिए एटओटीपी फॉरवर्ड एप का इस्तेमाल होता था.
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इस ऐप के माध्यम से ओटीपी विदेश में इंटरनेट के माध्यम से चला जाता था. इन ट्रांजेक्शन का कमिशन रवि शर्मा, सुशील शर्मा, भानु और मनोज को मिलता था. यह लोग अपने साथियों के साथ विदेशी ठगों से सीधे जुड़े थे. ठग इनका हिस्सा उनके बताए हुए अलग अलग खाते में ट्रांसफर कर देते थे. पुलिस के मुताबिक, अब तक 32 वारदातों में करीब 6.5 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है. इनमें से एक खाता देहरादून स्थित एक बैंक की ब्रांच का है, जिसमें से पुलिस ने 52 लाख रुपए फ्रीज किए हैं.
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