जोधपुर. पेपर लीक मामले में लंबे समय से एसओजी की पकड़ से दूर तीन प्रमुख आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया है. यह कारनामा जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार की ओर से गठित साइक्लोनर टीमों ने किया है. रेंज आईजी विकास कुमार के निर्देशन में हैदराबाद और उत्तर प्रदेश से आरोपियों को पकड़ा गया है. इन्हें मंगलवार रात को जयपुर लाकर एसओजी को सुपुर्द किया जाएगा. बुधवार को एसओजी जयपुर में पूरे मामले का खुलासा करेगी.
आईजी विकास कुमार ने बताया कि पेपर लीक मामले में लंबे समय से वांछित चल रहे सांचौर निवासी ओमप्रकाश ढाका, सुनील बिश्नोई और सम्मी विश्नोई की तलाश में टीमें लगी हुई थी. इनका सुराग मिलने पर आईजी ऑफिस की साइक्लोनर टीम को आरोपियों को दस्तयाब करने के लिए भेजा गया. टीम में सब इंस्पेक्टर कन्हैयालाल और परमीत चौहान सहित अन्य पुलिस कर्मी शामिल थे. ओमप्रकाश ढाका 24 दिसंबर 2022 को उदयपुर में रीट परीक्षा के दौरान बस में नकल कराने के मामले में आरोपी था. इसके अलावा ढाका और सुनील बेनीवाल का एसआई पेपर लीक में भी नाम है. सम्मी की भूमिका अभी सामने आना बाकी है. ढाका की मां सायंती देवी कांग्रेस से सांचौर जिले में पंचायत समिति सरनाउ की प्रधान है. वहीं, सुनील बेनीवाल की पत्नी ग्राम पंचायत विरावा की सरपंच है.
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ढाका हैदराबाद से, सिम्मी को मथुरा से दबोचा : तीनों वांछित आरोपियों को पकड़ने के लिए एसओजी लंबे समय से तलाश कर रही थी. जोधपुर रेंज की टीम को भी इसमें शामिल किया गया. मंगलवार को सबसे पहले टीम उत्तर प्रदेश के मथुरा गई, जहां से सिम्मी बिश्नोई को हिरासत में लिया. इसके बाद वहां से टीम हैदराबाद गई जहां से ओमप्रकाश ढाका और सुनील बेनीवाल को पकड़ा गया. वर्ष 2021 की उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले के मास्टरमाइंड पोरव कालेर को भी साइक्लोन टीम ने सीकर से मई माह में पकड़ा था. मार्च 2024 में एसआई परीक्षा का पेपर लीक घोटाला सामने आने के बाद से ही फरार हो गया था. उसे भी साइक्लोनर टीम ने पकड़ कर एसओजी के हवाले किया था.