जयपुर. शहर की मादक पदार्थ मामलों की विशेष अदालत ने ट्रेलर के नीचे गुप्त केबिन बनाकर अवैध तौर पर 40 किलोग्राम अफीम की तस्करी करने वाले तीन अभियुक्तों संपतराम, रामदीन व बुद्दाराम को 15 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. पीठासीन अधिकारी प्रमोद कुमार मलिक ने अपने आदेश में कहा कि हत्या के मामले में अभियुक्त की ओर से एक या दो व्यक्ति की ही हत्या की जाती है, लेकिन एनडीपीएस प्रकरण के ऐसे अपराधी मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त होते हैं और हजारों निर्दोष युवाओं को प्रभावित करने व उनकी मौत का कारण बनते हैं.
अपराधी संगठित गिरोह से संबंध रखकर अपराध में संलिप्त है. इसलिए उनके गरीब होने या अकेला कमाने वाला होने के आधार पर उनकी सजा का निर्धारण नहीं किया जा सकता. अभियुक्तों से बरामद मादक पदार्थ की मात्रा वाणिज्यिक मात्रा से पन्द्रह गुणा अधिक है. अभियुक्तों के कृत्य को देखते हुए उन्हें किसी तरह की राहत देना उचित नहीं है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक शंकर लाल ने बताया कि 16 दिसंबर, 2019 को मुखबिर से सूचना मिली थी कि दौसा से जयपुर की ओर आ रहे एक ट्रेलर में अवैध तौर पर 30 से 40 किलोग्राम अफीम की तस्करी की जा रही है. जिस पर एनसीबी की जोधपुर टीम ने बस्सी टोल नाके के पास नाकाबंदी कर इस ट्रेलर को रोका. टीम ने ट्रेलर की तलाशी ली तो ट्रेलर की बॉडी के नीचे बने गुप्त केबिन से 40 किलोग्राम अफीम मिली.
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ट्रेलर के ड्राइवर संपतराम ने बताया कि यह अफीम वह जोधपुर निवासी रामदीन के लिए लेकर आया है. टीम ने रामदीन को गिरफ्तार किया तो उसने माना कि यह अफीम उसके लिए आ रही थी और इसमें से 25 किलोग्राम अफीम बुद्दाराम को देनी है. इस पर एनसीबी ने बुद्दाराम को भी पकडा और अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अभियुक्तों को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.