ETV Bharat / state

शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन आज, मां चंद्रघण्टा को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा-अर्चना - Sharadiya Navratri 2024

Sharadiya Navratri 2024: नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की उपासना की जाती है. देवी की आराधना से लोगों का कल्याण होता है.

author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

Sharadiya Navratri 2024
Sharadiya Navratri 2024 (Etv Bharat)

चंडीगढ़: आज, शनिवार को शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथी है. इस शुभ अवसर पर माता के तीसरे रूप यानी, चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, मां चंद्रघंटा स्वयं शुक्र ग्रह को शासित करती हैं. माता पार्वती के विवाहित स्वरूप को मां चंद्रघंटा के रूप में माना जाता है. भगवान भोले शंकर से विवाह के बाद माता महागौरी ने मस्तक पर अर्ध चंद्र धारण करना प्रारंभ कर दिया था. इस वजह से माता पार्वती के इस स्वरूप को चंद्रघण्टा के नाम से जाना जाता है. माता चंद्रघण्टा का स्वरूप सुंदर, मोहक, अलौकिक और कल्याणकारी के साथ-साथ शांतिदायक भी माना जाता है.

मां चन्द्रघण्टा की सवारी बाघिन है. माता का प्रिय पुष्प चमेली है. मां चन्द्रघण्टा को 10 हाथों वाले स्वरूप में देखा जा सकता है. उनके 5 बायें हाथ में क्रमशः त्रिशूल, गदा, तलवार व कमण्डलु है. वहीं, माता के पांचवें हाथ को वर मुद्रा में देखा जा सकता है. माता के दाहिने हाथ में क्रमशः कमल पुष्प, तीर, धनुष देखा जा सकता है. माता के 5वें दाहिने हाथ को अभय मुद्रा में देखा जा सकता है. मां चंद्रघंटा भक्तों को सुख-शांति के साथ-साथ कल्याण प्रदान करती हैं.

नवरात्रि कैलेंडर 2024
तारीखदिनत्योहारतिथि
3 अक्टूबर 2024गुरुवारघटस्थापनाप्रतिपदा
4 अक्टूबर 2024शुक्रवारमां ब्रह्मचारिणी पूजाद्वितीया
5 अक्टूबर 2024शनिवारमां चंद्रघंटा पूजातृतीया
6 अक्टूबर 2024रविवारमां कुष्मांडा पूजाचतुर्थी
7 अक्टूबर 2024सोमवारमां स्कंदमाता पूजामहा पंचमी
8 अक्टूबर 2024मंगलवारमां कात्यायिनी पूजामहाषष्ठी
9 अक्टूबर 2024बुधवारमां कालरात्रि पूजामहा सप्तमी
10 अक्टूबर 2024गुरुवारमां महागौरी पूजामहाअष्टमी
11 अक्टूबर 2024शुक्रवारमां सिद्धिदात्री पूजामहानवमी
12 अक्टूबर 2024शनिवारविजय दशमीदशमी

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि: सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. मंदिर में चौकी पर मां चंद्रघंटा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें.मां को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें.मां को दूध से तैयार खीर, पकवान या मिठाई का भोग लगाएं.पूजा के दौरान मां के मंत्रों का जाप करें. दुर्गा चालीसा का पाठ करें. मां की आरती करें. सभी लोगों में प्रसाद वितरित करें.मां चंद्रघंटा की पूजा में लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है.

पूजा का शुभ मुहूर्त: माता चंद्रघंटा की पूजा का समय सुबह 07.44 - सुबह 09.13 और दोपहर 12.09 - दोपहर 01.37 तक शुभ माना जा रहा है. माता को गुलाब की माला अर्पण करें तथा दूध से बनी मिठाई का भोग माता को प्रिय है. मां की पूजा से सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. इससे स्पष्टता, आत्मविश्वास और सही निर्णय लेने की योग्यता जैसे मणियों सरीखे गुण प्राप्त होते हैं.

ये भी पढ़ें: चंद्रमा आज तुला राशि में, जानें कैसा रहेगा आपका राशिफल - AAJ KA RASHIFAL 5 OCTOBER

ये भी पढ़ें: शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन, मां चंद्रघण्टा की मन से करें पूजा, जीवन में मिलेगी सुख-शांति - Shardiya Navratri 3nd Day

ये भी पढ़ें: देवताओं की स्थापना के लिए शुभ है तृतीया तिथि - Aaj Ka Panchang 5 October

चंडीगढ़: आज, शनिवार को शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथी है. इस शुभ अवसर पर माता के तीसरे रूप यानी, चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, मां चंद्रघंटा स्वयं शुक्र ग्रह को शासित करती हैं. माता पार्वती के विवाहित स्वरूप को मां चंद्रघंटा के रूप में माना जाता है. भगवान भोले शंकर से विवाह के बाद माता महागौरी ने मस्तक पर अर्ध चंद्र धारण करना प्रारंभ कर दिया था. इस वजह से माता पार्वती के इस स्वरूप को चंद्रघण्टा के नाम से जाना जाता है. माता चंद्रघण्टा का स्वरूप सुंदर, मोहक, अलौकिक और कल्याणकारी के साथ-साथ शांतिदायक भी माना जाता है.

मां चन्द्रघण्टा की सवारी बाघिन है. माता का प्रिय पुष्प चमेली है. मां चन्द्रघण्टा को 10 हाथों वाले स्वरूप में देखा जा सकता है. उनके 5 बायें हाथ में क्रमशः त्रिशूल, गदा, तलवार व कमण्डलु है. वहीं, माता के पांचवें हाथ को वर मुद्रा में देखा जा सकता है. माता के दाहिने हाथ में क्रमशः कमल पुष्प, तीर, धनुष देखा जा सकता है. माता के 5वें दाहिने हाथ को अभय मुद्रा में देखा जा सकता है. मां चंद्रघंटा भक्तों को सुख-शांति के साथ-साथ कल्याण प्रदान करती हैं.

नवरात्रि कैलेंडर 2024
तारीखदिनत्योहारतिथि
3 अक्टूबर 2024गुरुवारघटस्थापनाप्रतिपदा
4 अक्टूबर 2024शुक्रवारमां ब्रह्मचारिणी पूजाद्वितीया
5 अक्टूबर 2024शनिवारमां चंद्रघंटा पूजातृतीया
6 अक्टूबर 2024रविवारमां कुष्मांडा पूजाचतुर्थी
7 अक्टूबर 2024सोमवारमां स्कंदमाता पूजामहा पंचमी
8 अक्टूबर 2024मंगलवारमां कात्यायिनी पूजामहाषष्ठी
9 अक्टूबर 2024बुधवारमां कालरात्रि पूजामहा सप्तमी
10 अक्टूबर 2024गुरुवारमां महागौरी पूजामहाअष्टमी
11 अक्टूबर 2024शुक्रवारमां सिद्धिदात्री पूजामहानवमी
12 अक्टूबर 2024शनिवारविजय दशमीदशमी

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि: सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. मंदिर में चौकी पर मां चंद्रघंटा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें.मां को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें.मां को दूध से तैयार खीर, पकवान या मिठाई का भोग लगाएं.पूजा के दौरान मां के मंत्रों का जाप करें. दुर्गा चालीसा का पाठ करें. मां की आरती करें. सभी लोगों में प्रसाद वितरित करें.मां चंद्रघंटा की पूजा में लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है.

पूजा का शुभ मुहूर्त: माता चंद्रघंटा की पूजा का समय सुबह 07.44 - सुबह 09.13 और दोपहर 12.09 - दोपहर 01.37 तक शुभ माना जा रहा है. माता को गुलाब की माला अर्पण करें तथा दूध से बनी मिठाई का भोग माता को प्रिय है. मां की पूजा से सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. इससे स्पष्टता, आत्मविश्वास और सही निर्णय लेने की योग्यता जैसे मणियों सरीखे गुण प्राप्त होते हैं.

ये भी पढ़ें: चंद्रमा आज तुला राशि में, जानें कैसा रहेगा आपका राशिफल - AAJ KA RASHIFAL 5 OCTOBER

ये भी पढ़ें: शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन, मां चंद्रघण्टा की मन से करें पूजा, जीवन में मिलेगी सुख-शांति - Shardiya Navratri 3nd Day

ये भी पढ़ें: देवताओं की स्थापना के लिए शुभ है तृतीया तिथि - Aaj Ka Panchang 5 October

Last Updated : 2 hours ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.