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सब्जियों ने बिगाड़ा घर का बजट, टमाटर ने लगाया शतक, तो आलू,प्याज भी अर्धशतक के पार - VEGETABLES PRICE HIKE

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 3, 2024, 6:33 PM IST

बारिश ने सब्जियों के दामों में तड़का लगा दिया है. पिछले 15 दिनों में सब्जियों के दाम दुगने से भी ज्यादा बढ़ गए हैं. टमाटर का भाव 120 रुपए किलो तक पहुंच गया. आलू और प्याज के दाम भी 50 रुपए किलो से ज्यादा पहुंच गए हैं.

सब्जियों के दाम बढ़े
सब्जियों के दाम बढ़े (ETV Bharat GFX)

सब्जियों ने बिगाड़ा घर का बजट (ETV Bharat kota)

कोटा. बारिश का मौसम आते ही सब्जी मंडी में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं. मई से लेकर 15 जून तक सब्जियों के दाम ज्यादा थे, लेकिन इनमें 15 जून के बाद और इजाफा हो गया. कुछ सब्जियों के दाम दुगने से भी ज्यादा बढ़ गए हैं. इसके चलते आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब होने लगी हैं. टमाटर के दाम 120 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं. आमतौर पर उपयोग में आने वाले आलू, प्याज भी 50 रुपए किलो से ज्यादा दामों पर मिल रहे हैं. दादाबाड़ी सब्जी मंडी में दुकान लगाने वाले अशोक कुमार अग्रवाल का कहना है कि हर साल गर्मी के अंत और बारिश की शुरुआत में इस तरह के हालात बनते हैं, लेकिन इस बार दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. खेड़ली फाटक से मंडी में सब्जी लेने आए प्रदीप गोयल का कहना है कि रसोई का पूरा बजट बिगड़ गया है. जहां एक महीने पहले 7 दिन में औसत सब्जी 500 रुपए के आसपास में लेकर जाते थे, अब ये बजट 1000 रुपए तक हो गया है.

महंगे दाम के बावजूद पर्याप्त नहीं मिल रही सब्जी : सब्जी विक्रेता रवि प्रकाश सैनी का कहना है कि दाम ज्यादा हैं. इसके बावजूद भी पर्याप्त सब्जी नहीं मिल रही है. नॉर्मल सब्जियां भी इस बार महंगी हैं. गर्मी की वजह से आवक कम हो रही है, जब तक नई सब्जी नहीं आएगी, दाम कम नहीं होंगे. लोकल सब्जी बिल्कुल भी नहीं आ रही है. केवल नाम मात्र आ रही है, जिसमें गिलकी व अन्य सब्जियां शामिल हैं. डिमांड और सप्लाई में अंतर होने के चलते दाम बढ़े हुए हैं.

सब्जियों ने बिगाड़ा घर का बजट
सब्जियों ने बिगाड़ा घर का बजट (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढ़ें- चिलचिलाती गर्मी में बढ़ा महंगाई का पारा, दाल-चावल-सब्जी हुए महंगे, जानें कब मिलेगी राहत - Vegetables Price at peak

कम हो गया है उत्पादन : सब्जी विक्रेता अशोक कुमार अग्रवाल का कहना है कि हर साल सब्जी के दाम में यह इजाफा होता है. दामों की 15 जून से 15 अगस्त तक यही स्थिति रहेगी. कभी बारिश आती है, तो कभी धूप निकलती है. इससे सब्जी की पौध के फूल झड़ जाते हैं. जहां पर एक बीघा में 10 टोकरी सब्जी उत्पादन होता है, उसकी जगह अब दो टोकरी सब्जी का उत्पादन हो रहा है. कोटा में पढ़ने वाले बच्चे भी रहते हैं और हॉस्टल भी यहां पर संचालित होते हैं, इसीलिए यहां पर सब्जी के दाम थोड़े ज्यादा रहते हैं.

15 दिन में पहुंचे दुगने भाव पर : अशोक कुमार अग्रवाल का कहना है कि टमाटर के भाव आठ दिन पहले 40 से 60 रुपए किलो थे. ये आज 80 से 120 रुपए पहुंच गए हैं. वह भी अच्छी क्वालिटी में नहीं आ रहा है. मिर्ची भी अच्छी नहीं आ रही है. धनिया का भी कोई दाम फिक्स नहीं है. धनिया 150 से 300 रुपए के बीच किसी भी भाव में बिक रही है. बीते साल आलू जहां पर 20 रुपए किलो था, आज 40 रुपए किलो से ज्यादा पहुंच गया है. प्याज के भी दाम भी इसी तरह से बढ़ गए हैं. नींबू इन दिनों 40 रुपए किलो मिलना चाहिए था, वह 80 रुपए किलो बिक रहा है. अभी भी कद्दू, लौकी, भिंडी, अरबी दुगने दाम पर हैं.

सब्जियों ने बिगाड़ा घर का बजट (ETV Bharat kota)

कोटा. बारिश का मौसम आते ही सब्जी मंडी में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं. मई से लेकर 15 जून तक सब्जियों के दाम ज्यादा थे, लेकिन इनमें 15 जून के बाद और इजाफा हो गया. कुछ सब्जियों के दाम दुगने से भी ज्यादा बढ़ गए हैं. इसके चलते आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब होने लगी हैं. टमाटर के दाम 120 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं. आमतौर पर उपयोग में आने वाले आलू, प्याज भी 50 रुपए किलो से ज्यादा दामों पर मिल रहे हैं. दादाबाड़ी सब्जी मंडी में दुकान लगाने वाले अशोक कुमार अग्रवाल का कहना है कि हर साल गर्मी के अंत और बारिश की शुरुआत में इस तरह के हालात बनते हैं, लेकिन इस बार दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. खेड़ली फाटक से मंडी में सब्जी लेने आए प्रदीप गोयल का कहना है कि रसोई का पूरा बजट बिगड़ गया है. जहां एक महीने पहले 7 दिन में औसत सब्जी 500 रुपए के आसपास में लेकर जाते थे, अब ये बजट 1000 रुपए तक हो गया है.

महंगे दाम के बावजूद पर्याप्त नहीं मिल रही सब्जी : सब्जी विक्रेता रवि प्रकाश सैनी का कहना है कि दाम ज्यादा हैं. इसके बावजूद भी पर्याप्त सब्जी नहीं मिल रही है. नॉर्मल सब्जियां भी इस बार महंगी हैं. गर्मी की वजह से आवक कम हो रही है, जब तक नई सब्जी नहीं आएगी, दाम कम नहीं होंगे. लोकल सब्जी बिल्कुल भी नहीं आ रही है. केवल नाम मात्र आ रही है, जिसमें गिलकी व अन्य सब्जियां शामिल हैं. डिमांड और सप्लाई में अंतर होने के चलते दाम बढ़े हुए हैं.

सब्जियों ने बिगाड़ा घर का बजट
सब्जियों ने बिगाड़ा घर का बजट (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढ़ें- चिलचिलाती गर्मी में बढ़ा महंगाई का पारा, दाल-चावल-सब्जी हुए महंगे, जानें कब मिलेगी राहत - Vegetables Price at peak

कम हो गया है उत्पादन : सब्जी विक्रेता अशोक कुमार अग्रवाल का कहना है कि हर साल सब्जी के दाम में यह इजाफा होता है. दामों की 15 जून से 15 अगस्त तक यही स्थिति रहेगी. कभी बारिश आती है, तो कभी धूप निकलती है. इससे सब्जी की पौध के फूल झड़ जाते हैं. जहां पर एक बीघा में 10 टोकरी सब्जी उत्पादन होता है, उसकी जगह अब दो टोकरी सब्जी का उत्पादन हो रहा है. कोटा में पढ़ने वाले बच्चे भी रहते हैं और हॉस्टल भी यहां पर संचालित होते हैं, इसीलिए यहां पर सब्जी के दाम थोड़े ज्यादा रहते हैं.

15 दिन में पहुंचे दुगने भाव पर : अशोक कुमार अग्रवाल का कहना है कि टमाटर के भाव आठ दिन पहले 40 से 60 रुपए किलो थे. ये आज 80 से 120 रुपए पहुंच गए हैं. वह भी अच्छी क्वालिटी में नहीं आ रहा है. मिर्ची भी अच्छी नहीं आ रही है. धनिया का भी कोई दाम फिक्स नहीं है. धनिया 150 से 300 रुपए के बीच किसी भी भाव में बिक रही है. बीते साल आलू जहां पर 20 रुपए किलो था, आज 40 रुपए किलो से ज्यादा पहुंच गया है. प्याज के भी दाम भी इसी तरह से बढ़ गए हैं. नींबू इन दिनों 40 रुपए किलो मिलना चाहिए था, वह 80 रुपए किलो बिक रहा है. अभी भी कद्दू, लौकी, भिंडी, अरबी दुगने दाम पर हैं.

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