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इस वीरान इलाके में कभी नहीं होती चोरी! बेफिक्र होकर ग्रामीण छोड़ जाते हैं अपने वाहन - Jaram village

Jaram village of Latehar. लातेहार के जारम गांव में सुकरी नदी के तट पर कभी चोरी नहीं होती. लोगों का मानना ​​है कि इसके पीछे कोई दैवीय शक्ति है. उन्हें लगता है कि कोई दैवीय शक्ति उनकी और उनके सामान की रक्षा करती है.

Jaram village of Latehar
ईटीवी भारत ग्राफिक्स इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 2, 2024, 7:02 AM IST

लातेहार: आज जहां हर तरफ अपराध और चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं, वहीं झारखंड में एक ऐसा गांव है, जहां कभी चोरी नहीं होती. यह गांव लातेहार जिले के सदर प्रखंड में स्थित है. मान्यता है कि यहां कोई दैवीय शक्ति निवास करती है, जो इस स्थान की रक्षा करती है. इस गांव का नाम है - जारम गांव.

जानकारी देते संवाददाता राजीव कुमार (ईटीवी भारत)

लातेहार सदर प्रखंड के जारम गांव के समीप सुकरी नदी के तट पर कभी चोरी की घटना नहीं होती. मान्यता है कि यहां कोई दैवीय शक्ति निवास करती है. इसी कारण नदी के उस पार रहने वाले ग्रामीण बेफिक्र होकर अपने वाहन सुकरी नदी के तट पर पार्क करते हैं.

दरअसल, लातेहार सदर प्रखंड के जारम, माराबार, तता समेत कई गांव ऐसे हैं जो सुकरी नदी के उस पार बसे हैं. इन गांवों तक पहुंचने के लिए नदी पर पुल नहीं होने के कारण ग्रामीणों को नदी पार कर अपने गांव जाना पड़ता है. गर्मी हो या सर्दी, जब नदी में पानी कम होता है तो ग्रामीण अपने वाहनों से आसानी से नदी पार कर लेते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में ग्रामीणों के लिए यह परेशानी का सबब बन जाता है. नदी में बाढ़ आने के कारण वाहनों को गांव तक ले जाना संभव नहीं हो पाता है. इस कारण ग्रामीण अपने वाहनों को नदी के इस पार छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं.

प्रकृति करती है ग्रामीणों के सामान की रक्षा

कहते हैं कि जो लोग प्रकृति पर आस्था रखते हैं, प्रकृति हमेशा उनकी मदद करती है. जारम गांव के ग्रामीणों पर भी प्रकृति कुछ इसी तरह मेहरबान रही है. नदी में बाढ़ आने के बाद ग्रामीण अपने वाहनों को सुकरी नदी किनारे एकांत स्थान पर पार्क कर देते हैं. मान्यता है कि यहां कोई दैवीय शक्ति निवास करती है, जो लोगों के वाहनों व अन्य सामानों की रक्षा करती है. ग्रामीण बेफिक्र होकर अपने वाहनों को नदी किनारे पार्क कर देते हैं और वहीं छोड़ देते हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि आज तक यहां से कोई वाहन चोरी नहीं हुआ है. स्थानीय ग्रामीण प्रदीप सिंह, जयराम बेक ने बताया कि नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद लोग अपने वाहनों को नदी किनारे छोड़ देते हैं. ग्रामीण एनोस बेक ने बताया कि अगर कोई यहां से चोरी करने की कोशिश करता है तो उसके साथ कोई अनहोनी हो जाती है. एक बार एक व्यक्ति यहां से मोटरसाइकिल ले गया था, लेकिन कुछ ही देर बाद उसने मोटरसाइकिल वापस कर दी.

जनप्रतिनिधि भी करते हैं तारीफ

स्थानीय जनप्रतिनिधि भी यहां के ग्रामीणों की ईमानदारी की तारीफ करते हैं. लातेहार जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने बताया कि यहां के लोग काफी ईमानदार हैं. उन्होंने कहा कि अन्य लोगों को भी यहां के ग्रामीणों से सीख लेने की जरूरत है.

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जानकारी देते संवाददाता राजीव कुमार (ईटीवी भारत)

लातेहार सदर प्रखंड के जारम गांव के समीप सुकरी नदी के तट पर कभी चोरी की घटना नहीं होती. मान्यता है कि यहां कोई दैवीय शक्ति निवास करती है. इसी कारण नदी के उस पार रहने वाले ग्रामीण बेफिक्र होकर अपने वाहन सुकरी नदी के तट पर पार्क करते हैं.

दरअसल, लातेहार सदर प्रखंड के जारम, माराबार, तता समेत कई गांव ऐसे हैं जो सुकरी नदी के उस पार बसे हैं. इन गांवों तक पहुंचने के लिए नदी पर पुल नहीं होने के कारण ग्रामीणों को नदी पार कर अपने गांव जाना पड़ता है. गर्मी हो या सर्दी, जब नदी में पानी कम होता है तो ग्रामीण अपने वाहनों से आसानी से नदी पार कर लेते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में ग्रामीणों के लिए यह परेशानी का सबब बन जाता है. नदी में बाढ़ आने के कारण वाहनों को गांव तक ले जाना संभव नहीं हो पाता है. इस कारण ग्रामीण अपने वाहनों को नदी के इस पार छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं.

प्रकृति करती है ग्रामीणों के सामान की रक्षा

कहते हैं कि जो लोग प्रकृति पर आस्था रखते हैं, प्रकृति हमेशा उनकी मदद करती है. जारम गांव के ग्रामीणों पर भी प्रकृति कुछ इसी तरह मेहरबान रही है. नदी में बाढ़ आने के बाद ग्रामीण अपने वाहनों को सुकरी नदी किनारे एकांत स्थान पर पार्क कर देते हैं. मान्यता है कि यहां कोई दैवीय शक्ति निवास करती है, जो लोगों के वाहनों व अन्य सामानों की रक्षा करती है. ग्रामीण बेफिक्र होकर अपने वाहनों को नदी किनारे पार्क कर देते हैं और वहीं छोड़ देते हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि आज तक यहां से कोई वाहन चोरी नहीं हुआ है. स्थानीय ग्रामीण प्रदीप सिंह, जयराम बेक ने बताया कि नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद लोग अपने वाहनों को नदी किनारे छोड़ देते हैं. ग्रामीण एनोस बेक ने बताया कि अगर कोई यहां से चोरी करने की कोशिश करता है तो उसके साथ कोई अनहोनी हो जाती है. एक बार एक व्यक्ति यहां से मोटरसाइकिल ले गया था, लेकिन कुछ ही देर बाद उसने मोटरसाइकिल वापस कर दी.

जनप्रतिनिधि भी करते हैं तारीफ

स्थानीय जनप्रतिनिधि भी यहां के ग्रामीणों की ईमानदारी की तारीफ करते हैं. लातेहार जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने बताया कि यहां के लोग काफी ईमानदार हैं. उन्होंने कहा कि अन्य लोगों को भी यहां के ग्रामीणों से सीख लेने की जरूरत है.

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