ETV Bharat / state

चंबल नदी में जलीय जीवों की गणना, 500 किलोमीटर के एरिया में तीन राज्य के विशेषज्ञ करेंगे गणना

चंबल नदी में 14 फरवरी से जलीय जीवों की गणना का काम शुरू होगा. इस बार एमपी के साथ यूपी और राजस्थान तीनों राज्यों के जंतु विशेषज्ञ एक साथ जलीय जीवों की गणना करेंगे.

चंबल नदी में जलीय जीवों की गणना
चंबल नदी में जलीय जीवों की गणना
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 9, 2024, 4:29 PM IST

धौलपुर. जलीय जीवों को बेहतर संरक्षण एवं अनुकूल वातावरण देने के लिए तीन राज्य के जीव जंतु विशेषज्ञ चंबल नदी में 14 फरवरी से गणना का काम शुरू करेंगे. चंबल में सबसे अधिक घड़ियाल, मगरमच्छ एवं डॉल्फिन पाए जाते हैं. 14 फरवरी से सर्वे शुरू किया जाएगा. 13 दिन तक जलीय जीवों की गणना करने के बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी.

डीएफओ स्वरूप दीक्षित का कहना है कि चंबल अभ्यारण्य सेंचुरी एमपी-यूपी और राजस्थान तीनों राज्यों की सीमाओं को छूते हुए करीब 500 किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है. इसका सबसे अधिक एरिया 435 किलोमीटर मध्य प्रदेश की सीमा में आता है. चम्बल नदी असंख्य जलीय जीवों का बसेरा है, लेकिन चंबल अभ्यारण्य सेंचुरी में घड़ियाल सहित अन्य महत्वपूर्ण जलीय जीव पाले जा रहे हैं. इन जलीय जीवों का वर्ष के अंत में प्रतिवर्ष सर्वे किया जाता है. अभी तक चंबल अभ्यारण्य सेंचुरी में जलीय जीवों की गणना का काम मुरैना स्थित फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी करते आ रहे थे, लेकिन इस बार एमपी के साथ यूपी व राजस्थान तीनों राज्यों के जंतु विशेषज्ञ एक साथ जलीय जीवों का सर्वे करेंगे.

इसे भी पढ़ें-चंबल नदी में घड़ियालों और मगरमच्छों का जमावड़ा, प्रवासी पक्षी कर रहे अठखेलियां

13 दिन चलेगा सर्वे : डीएफओ ने बताया कि सर्वे के लिए 14 फरवरी की तारीख तय की गई है. निर्धारित तारीख को तीनों राज्यों के विशेषज्ञ मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित चंबल किनारे एकत्रित होंगे, यहां से पहले दिन पैदल 40 किलोमीटर तक सर्वे किया जाएगा. इसके बाद मोटर बोट की मदद ली जाएगी. उन्होंने कहा कि चंबल में 13 दिन तक जलीय जीवों को सर्वे किया जाएगा. इसके बाद नदी में पानी के बहाव तथा उसकी गुणवत्ता के नमूने सरकार को भेजे जाएंगे.

घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन का बढ़ रहा कुनबा : डीएफओ ने बताया कि चंबल नदी साफ सुथरी होने की वजह से जलीय जीवों के लिए अनुकूल है. घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन कछुआ समेत अन्य जीवों की वंश वृद्धि लगातार देखने को मिल रही है. उन्होंने बताया कि मौजूदा वक्त में चंबल नदी के अंदर 2108 घड़ियाल, 878 मगरमच्छ और 96 डॉल्फिन हैं. इसके अलावा भी कई प्रकार की प्रजातियों के कछुओं की भी अनगिनत संख्या है. हाल ही में राष्ट्रीय घड़ियाल केंद्र देवरी ने 27 घड़ियाल के शावकों को चंबल नदी में रिलीज किया था. जलीय जीवों की गणना होने के बाद चंबल में अधिक संख्या वाले जलीय जीवों के क्षेत्र को चिह्नित किया जाएगा.

पर्यटन को मिल रहा बढ़ावा : चंबल नदी में धौलपुर के राजघाट एवं मुरैना के घाट पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चंबल सफारी भी शुरू की गई है. वन्य जीव प्रेमियों के साथ देश के कोने-कोने के पर्यटक चंबल नदी में सफारी का लुत्फ उठाने के लिए आते हैं. धौलपुर जिले में इससे पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है.

धौलपुर. जलीय जीवों को बेहतर संरक्षण एवं अनुकूल वातावरण देने के लिए तीन राज्य के जीव जंतु विशेषज्ञ चंबल नदी में 14 फरवरी से गणना का काम शुरू करेंगे. चंबल में सबसे अधिक घड़ियाल, मगरमच्छ एवं डॉल्फिन पाए जाते हैं. 14 फरवरी से सर्वे शुरू किया जाएगा. 13 दिन तक जलीय जीवों की गणना करने के बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी.

डीएफओ स्वरूप दीक्षित का कहना है कि चंबल अभ्यारण्य सेंचुरी एमपी-यूपी और राजस्थान तीनों राज्यों की सीमाओं को छूते हुए करीब 500 किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है. इसका सबसे अधिक एरिया 435 किलोमीटर मध्य प्रदेश की सीमा में आता है. चम्बल नदी असंख्य जलीय जीवों का बसेरा है, लेकिन चंबल अभ्यारण्य सेंचुरी में घड़ियाल सहित अन्य महत्वपूर्ण जलीय जीव पाले जा रहे हैं. इन जलीय जीवों का वर्ष के अंत में प्रतिवर्ष सर्वे किया जाता है. अभी तक चंबल अभ्यारण्य सेंचुरी में जलीय जीवों की गणना का काम मुरैना स्थित फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी करते आ रहे थे, लेकिन इस बार एमपी के साथ यूपी व राजस्थान तीनों राज्यों के जंतु विशेषज्ञ एक साथ जलीय जीवों का सर्वे करेंगे.

इसे भी पढ़ें-चंबल नदी में घड़ियालों और मगरमच्छों का जमावड़ा, प्रवासी पक्षी कर रहे अठखेलियां

13 दिन चलेगा सर्वे : डीएफओ ने बताया कि सर्वे के लिए 14 फरवरी की तारीख तय की गई है. निर्धारित तारीख को तीनों राज्यों के विशेषज्ञ मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित चंबल किनारे एकत्रित होंगे, यहां से पहले दिन पैदल 40 किलोमीटर तक सर्वे किया जाएगा. इसके बाद मोटर बोट की मदद ली जाएगी. उन्होंने कहा कि चंबल में 13 दिन तक जलीय जीवों को सर्वे किया जाएगा. इसके बाद नदी में पानी के बहाव तथा उसकी गुणवत्ता के नमूने सरकार को भेजे जाएंगे.

घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन का बढ़ रहा कुनबा : डीएफओ ने बताया कि चंबल नदी साफ सुथरी होने की वजह से जलीय जीवों के लिए अनुकूल है. घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन कछुआ समेत अन्य जीवों की वंश वृद्धि लगातार देखने को मिल रही है. उन्होंने बताया कि मौजूदा वक्त में चंबल नदी के अंदर 2108 घड़ियाल, 878 मगरमच्छ और 96 डॉल्फिन हैं. इसके अलावा भी कई प्रकार की प्रजातियों के कछुओं की भी अनगिनत संख्या है. हाल ही में राष्ट्रीय घड़ियाल केंद्र देवरी ने 27 घड़ियाल के शावकों को चंबल नदी में रिलीज किया था. जलीय जीवों की गणना होने के बाद चंबल में अधिक संख्या वाले जलीय जीवों के क्षेत्र को चिह्नित किया जाएगा.

पर्यटन को मिल रहा बढ़ावा : चंबल नदी में धौलपुर के राजघाट एवं मुरैना के घाट पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चंबल सफारी भी शुरू की गई है. वन्य जीव प्रेमियों के साथ देश के कोने-कोने के पर्यटक चंबल नदी में सफारी का लुत्फ उठाने के लिए आते हैं. धौलपुर जिले में इससे पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.