लातेहार: जिला मुख्यालय में विभिन्न आदिवासी संगठन से जुड़े लोगों ने जिला पड़हा लातेहार के बैनर तले बुधवार को विशाल विरोध रैली निकाली. इस दौरान आदिवासी समाज के लोगों ने आदिवासियों की जमीन को गलत तरीके से लूटे जाने के मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. इस दौरान आदिवासियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भी जमकर नारे लगाए.
दरअसल, लातेहार जिले में विभिन्न आदिवासी संगठनों के द्वारा रैली निकालकर लातेहार उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया गया. आदिवासियों के द्वारा विरोध रैली निकालकर सरकार से मांग की गई कि आदिवासियों की जमीन को फर्जी तरीके से खरीद बिक्री किए जाने के मामले की सीबीआई जांच कराई जाए. इसके अलावे आदिवासी महिलाओं से गैर आदिवासियों के द्वारा शादी कर उनके नाम पर आदिवासियों के हक और अधिकार को छिनने का प्रयास किया जा रहा है. इस पर तत्काल रोक लगाई जाए और गैर आदिवासियों से शादी करने वाली आदिवासी महिलाओं को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र निर्गत ना कराए जाने की मांग की.
इधर कार्यक्रम के संयोजक और पूर्व विधायक देव कुमार धान ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड राज्य में आदिवासियों की जमीन को लूटा जा रहा है. इसे बचाने के लिए पूरे मामले की जांच सीबीआई से होना अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में आदिवासी महिलाओं से शादी कर गैर आदिवासी लोग तमाम प्रकार की सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं. इस पर अविलंब रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को मदद पहुंचाने वाली कोई भी राजनीतिक पार्टी नहीं है. हमें ना तो भाजपा पर, ना कांग्रेस पर और ना ही झामुमो पर विश्वास है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद भूमि घोटाले के आरोपी हैं. इसी मामले में वह पांच माहीने तक जेल भी जा चुके हैं. वर्तमान में पूरे झारखंड में भ्रष्टाचार की लूट मची हुई है और जमीन घोटाले में पूरा सिस्टम लगा हुआ है. वहीं युवा आदिवासी नेता रमेश उरांव ने कहा कि झारखंड में जिस प्रकार आदिवासियों की जमीन की लूट हो रही है. इसमें कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लापरवाही और मिलीभगत के संकेत मिल रहे हैं. इसलिए पूरे मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए. ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके और आदिवासी समाज सुरक्षित रह सके.
कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट को रखा जाम
आदिवासी समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग 1 घंटे तक लातेहार कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट को जाम रखा. हालांकि बाद में उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर जाम को हटाया गया. मौके पर सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे.
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