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अगर फ्लेवर्ड हुक्‍का पीते हैं तो हो जाएं सावधान, वरना जा सकती है जान - World Lung Cancer Day 2024

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 31, 2024, 7:31 AM IST

Updated : Jul 31, 2024, 11:30 AM IST

World Lung Cancer Day 2024, युवाओं में इन दिनों फ्लेवर्ड हुक्का पीने का ट्रेंड बढ़ रहा है. फ्लेवर हुक्का में फ्लेवर्ड के साथ तंबाकू के तत्व होते हैं, जो की कैंसर जैसी घातक बीमारी का खतरा बढ़ाते हैं. अलवर के सामान्य अस्पताल में चिन्हित होने वाले कैंसर मरीजों में तंबाकू की लत देखी जा रही है.

Harm from flavored hookah
अलवर में नशे का चलन (ETV BHARAT GFX TEAM)
अलवर में नशे का चलन (VIDEO : ETV BHARAT)

अलवर. आज के दौर में युवाओं के बीच अपनों को दूसरों से ज्यादा एडवांस दिखाने का शौक बढ़ने लगा है. इसी शौक की दौड़ में युवा नशीली वस्तुओं के सेवन से भी परहेज नहीं कर रहे. युवाओं में इन दिनों फ्लेवर्ड हुक्का पीने का ट्रेंड बढ़ रहा है, लेकिन युवा इसके सेवन से होने वाले नुकसान से अनजान है. फ्लेवर्ड हुक्का पीने से युवाओं के शरीर पर काफी असर पड़ता है. फ्लेवर हुक्का में तंबाकू की मात्रा होती है. इस कारण यह युवाओं की पसंद बन रहा है. अलवर के सामान्य अस्पताल में चिन्हित होने वाले कैंसर मरीजों में तंबाकू की लत देखी जा रही है.

अलवर के राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. सुखबीर सिंह तंवर ने बताया कि इन दिनों युवाओं में फ्लेवर्ड हुक्का का चलन बढ़ रहा है. इससे कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की आशंका रहती है. फ्लेवर हुक्का में फ्लेवर्ड के साथ तंबाकू के तत्व होते हैं, जो की कैंसर जैसी घातक बीमारी का खतरा बढ़ाते हैं.

फ्लेवर्ड हुक्का में होते हैं तंबाकू इनग्रीडिएंट : वैसे तो ग्रामीण क्षेत्रों की चौपालों और घरों में हुक्का का चलन काफी पुराना है. हुक्का में तंबाकू का प्रयोग होता है. इसी तरह अब शहरों में भी युवाओं में फ्लेवर्ड हुक्का का चलन बढ़ चला है. फ्लेवर्ड हुक्का में गांवों के हुक्के जैसी तंबाकू नहीं होती, लेकिन इसमें भी मादक पदार्थ होता है और उसमें फ्लेवर्ड अतिरिक्त जोड़ देते हैं, जिससे उसका स्वाद बढ़ जाता है. फ्लेवर्ड हुक्का में ऐसे इनग्रीडिएंट होते हैं जिनमें कुछ न कुछ तंबाकू होता है. डॉ. सुखबीर ने बताया कि फ्लेवर्ड हुक्का का सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है. फ्लेवर्ड हुक्का के सेवन उतना ही नुकसानदेह होता है, जितना स्मोकिंग और तंबाकू से बनी अन्य चीजों के सेवन से नुकसान होता है.

इसे भी पढ़ें : जवाहर नगर थाना क्षेत्र में अवैध हुक्का बार पर नहीं की कार्रवाई, थाना अधिकारी और एएसआई सस्पेंड - SHO and ASI suspended

अलवर में कैंसर मरीजों में युवाओं की तादाद ज्यादा : कैंसर विशेषज्ञ सुखबीर सिंह तंवर ने बताया कि अलवर के सामान्य चिकित्सालय में कैंसर विशेषज्ञ के पास रोजाना दिखाने के लिए आने वाले मरीजों में युवाओं की 60 से 70 फीसदी तक संख्या रहती है. ज्यादातर युवा गुटखा, तंबाकू का सेवन करते हैं, जिसके चलते उन्हें कैंसर जैसी बीमारी हो जाती है. इसके लिए उन्हें समझाइश की जाती है.

अलवर में नशे का चलन (VIDEO : ETV BHARAT)

अलवर. आज के दौर में युवाओं के बीच अपनों को दूसरों से ज्यादा एडवांस दिखाने का शौक बढ़ने लगा है. इसी शौक की दौड़ में युवा नशीली वस्तुओं के सेवन से भी परहेज नहीं कर रहे. युवाओं में इन दिनों फ्लेवर्ड हुक्का पीने का ट्रेंड बढ़ रहा है, लेकिन युवा इसके सेवन से होने वाले नुकसान से अनजान है. फ्लेवर्ड हुक्का पीने से युवाओं के शरीर पर काफी असर पड़ता है. फ्लेवर हुक्का में तंबाकू की मात्रा होती है. इस कारण यह युवाओं की पसंद बन रहा है. अलवर के सामान्य अस्पताल में चिन्हित होने वाले कैंसर मरीजों में तंबाकू की लत देखी जा रही है.

अलवर के राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. सुखबीर सिंह तंवर ने बताया कि इन दिनों युवाओं में फ्लेवर्ड हुक्का का चलन बढ़ रहा है. इससे कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की आशंका रहती है. फ्लेवर हुक्का में फ्लेवर्ड के साथ तंबाकू के तत्व होते हैं, जो की कैंसर जैसी घातक बीमारी का खतरा बढ़ाते हैं.

फ्लेवर्ड हुक्का में होते हैं तंबाकू इनग्रीडिएंट : वैसे तो ग्रामीण क्षेत्रों की चौपालों और घरों में हुक्का का चलन काफी पुराना है. हुक्का में तंबाकू का प्रयोग होता है. इसी तरह अब शहरों में भी युवाओं में फ्लेवर्ड हुक्का का चलन बढ़ चला है. फ्लेवर्ड हुक्का में गांवों के हुक्के जैसी तंबाकू नहीं होती, लेकिन इसमें भी मादक पदार्थ होता है और उसमें फ्लेवर्ड अतिरिक्त जोड़ देते हैं, जिससे उसका स्वाद बढ़ जाता है. फ्लेवर्ड हुक्का में ऐसे इनग्रीडिएंट होते हैं जिनमें कुछ न कुछ तंबाकू होता है. डॉ. सुखबीर ने बताया कि फ्लेवर्ड हुक्का का सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है. फ्लेवर्ड हुक्का के सेवन उतना ही नुकसानदेह होता है, जितना स्मोकिंग और तंबाकू से बनी अन्य चीजों के सेवन से नुकसान होता है.

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अलवर में कैंसर मरीजों में युवाओं की तादाद ज्यादा : कैंसर विशेषज्ञ सुखबीर सिंह तंवर ने बताया कि अलवर के सामान्य चिकित्सालय में कैंसर विशेषज्ञ के पास रोजाना दिखाने के लिए आने वाले मरीजों में युवाओं की 60 से 70 फीसदी तक संख्या रहती है. ज्यादातर युवा गुटखा, तंबाकू का सेवन करते हैं, जिसके चलते उन्हें कैंसर जैसी बीमारी हो जाती है. इसके लिए उन्हें समझाइश की जाती है.

Last Updated : Jul 31, 2024, 11:30 AM IST
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