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सरिस्का से निकले बाघ को चिल्की बास में घर से किया ट्रेंकुलाइज, तीसरे दिन दहशत का हुआ अंत - SARISKA TIGER RESERVE

बाघ ST- 2402 को तीसरे दिन ट्रेंकुलाइज कर लिया गया है.

बाघ ST- 2402
बाघ ST- 2402 (फोटो ईटीवी भारत अलवर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 3, 2025, 1:43 PM IST

अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र से टेरिटरी की तलाश में निकले युवा बाघ एसटी 2402 को आखिरकार तीसरे दिन रैणी क्षेत्र के चिल्की बास स्थित एक मकान की रसोई से कड़ी मशक्कत के बाद ट्रेंकुलाइज किया गया. ट्रेंकुलाइज करने के बाद वन कर्मियों की टीम बेहोशी की हालत में पिंजरे में बाघ को लेकर सरिस्का के लिए रवाना हो गई. साल के पहले दिन यह बाघ टेरिटरी की तलाश में सरिस्का की जंगलों से निकलकर दौसा जिले के बांदीकुई के महूखुर्द गांव में पहुंच गया था, जहां बाघ ने तीन लोगों को घायल किया था. इसके बाद से ही लगातार वनकर्मियों की टीम बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश कर रही थी. शुक्रवार सुबह वन कर्मियों को बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में कामयाबी मिली.

सरिस्का टाइगर रिजर्व के डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि तीन दिन पहले सूचना मिली कि सरिस्का का बाघ दौसा जिले के बांदीकुई क्षेत्र में पहुंच गया है. इसके बाद वन कर्मियों व डॉक्टर की टीम के साथ बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए मौके पर पहुंचे. लेकिन क्षेत्र में सरसों की फसल बड़ी होने के चलते बाघ बार-बार खेत में छिप जाता जिसके चलते पूरे दिन के प्रयास के बाद भी ट्रेंकुलाइज नहीं हो सका.

तीसरे दिन दहशत का हुआ अंत (वीडियो ईटीवी भारत अलवर)

पढ़ें: दूसरे दिन भी बाघ की तलाश में वन विभाग, रेडियो कॉलर नहीं होने से लोकेशन ट्रेस करने में आ रही परेशानी

शुक्रवार सुबह सूचना मिली कि यह बाघ रैणी क्षेत्र के चिल्की बास गांव के खेत में बने एक मकान की रसोई में बैठा है. इसके बाद वन कर्मियों की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और रणथंभोर व सरिस्का की स्पेशल ट्रेंकुलाइज टीम भी मौके पर पहुंची और बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के प्रयास किए. 1 घंटे की मशक्कत के बाद बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया गया. डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि यह ऑपरेशन कठिन तो रहा, लेकिन आखिरकार बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया गया. इससे पहले बांदीकुई क्षेत्र में बाघ के हमले से तीन लोग घायल हुए थे.

चिल्की बास में घर से किया ट्रेंकुलाइज
चिल्की बास में घर से किया ट्रेंकुलाइज (फोटो ईटीवी भारत अलवर)

डीएफओ अभिमन्यु सहारा ने बताया कि उच्च स्तरीय आदेश मिले है कि बाघ को सरिस्का में अंडर ऑब्जर्वेशन एंक्लोजर में कुछ दिन रखा जाए. डीएफओ ने बताया कि एंक्लोजर में ही बाघ की खाने पीने की व्यवस्था रहेगी. साथ ही बाघ की स्वास्थ्य की निगरानी भी की जाएगी. उन्होंने बताया कि आगे उच्च स्तरीय निर्देशों के बाद ही निर्णय लिया जाएगा.ट्रेंकुलाइज के बाद बाघ को लगाया रेडियो कॉलर : डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि ट्रेंकुलाइज करने के बाद बाघ को राजगढ़- माचाड़ी सड़क मार्ग के मध्य स्थित लव कुश वाटिका लाया गया. जहां सरिस्का व रणथंभोर की टीम की मौजूदगी में बाघ को रेडियो कॉलर लगाया गया है.

अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र से टेरिटरी की तलाश में निकले युवा बाघ एसटी 2402 को आखिरकार तीसरे दिन रैणी क्षेत्र के चिल्की बास स्थित एक मकान की रसोई से कड़ी मशक्कत के बाद ट्रेंकुलाइज किया गया. ट्रेंकुलाइज करने के बाद वन कर्मियों की टीम बेहोशी की हालत में पिंजरे में बाघ को लेकर सरिस्का के लिए रवाना हो गई. साल के पहले दिन यह बाघ टेरिटरी की तलाश में सरिस्का की जंगलों से निकलकर दौसा जिले के बांदीकुई के महूखुर्द गांव में पहुंच गया था, जहां बाघ ने तीन लोगों को घायल किया था. इसके बाद से ही लगातार वनकर्मियों की टीम बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश कर रही थी. शुक्रवार सुबह वन कर्मियों को बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में कामयाबी मिली.

सरिस्का टाइगर रिजर्व के डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि तीन दिन पहले सूचना मिली कि सरिस्का का बाघ दौसा जिले के बांदीकुई क्षेत्र में पहुंच गया है. इसके बाद वन कर्मियों व डॉक्टर की टीम के साथ बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए मौके पर पहुंचे. लेकिन क्षेत्र में सरसों की फसल बड़ी होने के चलते बाघ बार-बार खेत में छिप जाता जिसके चलते पूरे दिन के प्रयास के बाद भी ट्रेंकुलाइज नहीं हो सका.

तीसरे दिन दहशत का हुआ अंत (वीडियो ईटीवी भारत अलवर)

पढ़ें: दूसरे दिन भी बाघ की तलाश में वन विभाग, रेडियो कॉलर नहीं होने से लोकेशन ट्रेस करने में आ रही परेशानी

शुक्रवार सुबह सूचना मिली कि यह बाघ रैणी क्षेत्र के चिल्की बास गांव के खेत में बने एक मकान की रसोई में बैठा है. इसके बाद वन कर्मियों की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और रणथंभोर व सरिस्का की स्पेशल ट्रेंकुलाइज टीम भी मौके पर पहुंची और बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के प्रयास किए. 1 घंटे की मशक्कत के बाद बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया गया. डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि यह ऑपरेशन कठिन तो रहा, लेकिन आखिरकार बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया गया. इससे पहले बांदीकुई क्षेत्र में बाघ के हमले से तीन लोग घायल हुए थे.

चिल्की बास में घर से किया ट्रेंकुलाइज
चिल्की बास में घर से किया ट्रेंकुलाइज (फोटो ईटीवी भारत अलवर)

डीएफओ अभिमन्यु सहारा ने बताया कि उच्च स्तरीय आदेश मिले है कि बाघ को सरिस्का में अंडर ऑब्जर्वेशन एंक्लोजर में कुछ दिन रखा जाए. डीएफओ ने बताया कि एंक्लोजर में ही बाघ की खाने पीने की व्यवस्था रहेगी. साथ ही बाघ की स्वास्थ्य की निगरानी भी की जाएगी. उन्होंने बताया कि आगे उच्च स्तरीय निर्देशों के बाद ही निर्णय लिया जाएगा.ट्रेंकुलाइज के बाद बाघ को लगाया रेडियो कॉलर : डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि ट्रेंकुलाइज करने के बाद बाघ को राजगढ़- माचाड़ी सड़क मार्ग के मध्य स्थित लव कुश वाटिका लाया गया. जहां सरिस्का व रणथंभोर की टीम की मौजूदगी में बाघ को रेडियो कॉलर लगाया गया है.

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