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Rajasthan: एकल पट्टा प्रकरण में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया नया शपथ पत्र

एकल पट्टा प्रकरण में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया शपथ पत्र पेश किया है.

NEW AFFIDAVIT IN SUPREME COURT,  SINGLE LEASE CASE
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया नया शपथ पत्र. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 4, 2024, 9:01 PM IST

जयपुरः प्रदेश के चर्चित एकल पट्टा प्रकरण में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में नया शपथ पत्र पेश किया गया है. अशोक पाठक की एसएलपी में पेश इस नए शपथ पत्र में कहा गया कि मामले की सुनवाई के बीच हाईकोर्ट ने तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन वापस लेने की अनुमति और तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ मामला रद्द कर दिया था. हालांकि, पूर्व में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि एकल पट्टा प्रकरण में कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है.

सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि गत अप्रैल माह में पेश शपथ पत्र के दौरान उनसे सलाह नहीं ली गई थी. एसीबी ने तीन क्लोजर रिपोर्ट अदालत में पेश की थी, वे धारीवाल सहित अन्य अधिकारियों से प्रभावित थी. इन रिपोर्ट में सभी तथ्यों को शामिल नहीं किया गया था. ऐसे में एसीबी कोर्ट ने दो क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और तीसरी पर कोई निर्णय नहीं हुआ था.

पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड HC जज की अध्यक्षता वाली कमेटी की कार्रवाई रखी जारी - Single Lease Case

इस दौरान मामला हाईकोर्ट चला गया. हाईकोर्ट ने गत जनवरी माह में पूर्व आईएएस जीएस संधू, निष्काम दिवाकर और औंकारमल सैनी के खिलाफ मुकदमा वापस लेने को सही माना और धारीवाल के खिलाफ प्रकरण खारिज कर दिया. ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर प्रकरण को फिर से ट्रायल कोर्ट भेजना चाहिए. हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता अशोक पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. इसमें कहा था कि शिकायतकर्ता से राजीनामे के आधार पर केस को रद्द नहीं किया जा सकता.

जयपुरः प्रदेश के चर्चित एकल पट्टा प्रकरण में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में नया शपथ पत्र पेश किया गया है. अशोक पाठक की एसएलपी में पेश इस नए शपथ पत्र में कहा गया कि मामले की सुनवाई के बीच हाईकोर्ट ने तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन वापस लेने की अनुमति और तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ मामला रद्द कर दिया था. हालांकि, पूर्व में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि एकल पट्टा प्रकरण में कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है.

सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि गत अप्रैल माह में पेश शपथ पत्र के दौरान उनसे सलाह नहीं ली गई थी. एसीबी ने तीन क्लोजर रिपोर्ट अदालत में पेश की थी, वे धारीवाल सहित अन्य अधिकारियों से प्रभावित थी. इन रिपोर्ट में सभी तथ्यों को शामिल नहीं किया गया था. ऐसे में एसीबी कोर्ट ने दो क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और तीसरी पर कोई निर्णय नहीं हुआ था.

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इस दौरान मामला हाईकोर्ट चला गया. हाईकोर्ट ने गत जनवरी माह में पूर्व आईएएस जीएस संधू, निष्काम दिवाकर और औंकारमल सैनी के खिलाफ मुकदमा वापस लेने को सही माना और धारीवाल के खिलाफ प्रकरण खारिज कर दिया. ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर प्रकरण को फिर से ट्रायल कोर्ट भेजना चाहिए. हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता अशोक पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. इसमें कहा था कि शिकायतकर्ता से राजीनामे के आधार पर केस को रद्द नहीं किया जा सकता.

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