जोधपुर: राज्य विधानसभा शुक्रवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर कुछ टिप्पणी की तो देवनानी ने विपक्ष को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती दे डाली. इसके बाद विधानसभा स्थगित कर दी गई.
इससे पहले विधानसभा में शून्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की ओर से पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के नेताओं को सदन की कार्रवाई सुचारू चलाने के लिए आग्रह किया गया. उन्होंने गुरुवार को आसान को लेकर धृतराष्ट्र के नारे लगाए जाने पर गहरी आपत्ति जताते हुए निंदा की और कहा कि इसके लिए विपक्ष को माफी मांगनी चाहिए. गुरुवार के कार्यवाही में अगर कोई गलत बात है तो हम सब मिलकर उसे सदन की कार्रवाई से हटा देंगे. देवानानी ने कहा कि मैंने हमेशा दोनों पक्षों को बराबर रखा है किसी का पक्ष नहीं लिया है, लेकिन आसान पर आरोप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस दौरान हंगामा हुआ तो विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को चुनौती दी कि वह मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं. हंगामा बढ़ा तो विधानसभा के कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
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दरअसल, शुक्रवार को शून्यकाल की शुरुआत होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने गुरुवार को हुई टीका टिप्पणी पर चर्चा करते हुए दोनों पक्षों से सकारात्मक रूप से सदन चलाने का आग्रह किया. इस पर विपक्ष के नेता टीकाराम जूली और उनके बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने भी अपनी बात रखी. जोगाराम पटेल ने कहा कि विपक्ष लगातार आसन पर पक्षपात का आरोप लगाता है यह सहन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह यह विक्रमादित्य का आसान है. इस पर आरोप बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. हम आपका सम्मान करते है, आगे भी करते रहेंगे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष का अपमान सहन नहीं किया जाएगा. आप चाहे तो अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं.
जवाब में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि हम भी आसान का सम्मान करते हैं. उनका संरक्षण चाहते हैं, लेकिन मंत्री सही जवाब नहीं दे रहे हैं. मैं 70 लोगों की आवाज उठाता हूं. हमें चुप नहीं करवाया जा सकता. इससे पहले उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि अगर मेरे और विपक्ष के साथियों द्वारा किसी बात से आहत हुए हैं तो मैं माफी भी चाहता हूं, लेकिन जरूरत पड़ी तो विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाएंगे.