जोधपुर. राजस्थान राज्य सूचना आयोग की बेंच की जोधपुर में स्थापना को लेकर हो रही देरी को लेकर आरटीआई कार्यकर्ताओं ने राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया है. मुख्य न्यायाधीश मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायाधीश मुन्नुरी लक्ष्मण की खण्डपीठ ने जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. आरटीआई कार्यकर्ता श्यामसुन्दर साद की ओर से अधिवक्ता रजाक खान हैदर ने जनहित याचिका दायर की थी.
बजट में हुई थी घोषणा : याचिका में हाईकोर्ट को बताया कि पश्चिमी राजस्थान के नागरिकों द्वारा करीब डेढ़ दशक से राज्य सरकार से राजस्थान राज्य सूचना आयोग की जोधपुर बेंच की स्थापना की मांग उठाई जा रही है. राज्य सरकार ने बजट घोषणा 2023-24 में जोधपुर में बेंच की स्थापना करने की घोषणा की थी. इसकी पालना में सूचना का अधिकार के नोडल विभाग प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग (सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ) जयपुर ने सहमति प्रदान कर दी थी. राजस्थान राज्य सूचना आयोग की स्वीकृति के बाद जोधपुर बेंच में राज्य सूचना आयुक्त के पद के लिए योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन भी आमंत्रित किए गए. सभी कवायद पूरी होने के बावजूद राज्य सूचना आयोग की जोधपुर बेंच को क्रियाशील नहीं किया गया है और न ही राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति की गई है.
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18 अप्रैल, 2006 को राजस्थान राज्य सूचना आयोग का गठन किया गया था. सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 15 (7) में यह प्रावधान है कि राज्य सूचना आयोग, राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन से, राज्य में अन्य स्थानों पर अपने कार्यालय स्थापित कर सकता है. जोधपुर बेंच का गठन होने से राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जोधपुर के क्षेत्राधिकार में आने वाले जिलों में दायर होने वाले आरटीआई आवेदन की सुनवाई जोधपुर में हो सकेगी. इससे अपीलार्थियों और राज्य लोक सूचना अधिकारियों दोनों के लिए सुविधाजनक होगा.