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मातमी धुन के बीच बुधवार को निकलेंगे ताजिए, कारीगर दे रहे हैं अंतिम रूप - Muharram 2024

इमाम हुसैन की याद में ताजियों के जुलूस मोहर्रम को राजधानी में निकल जाएंगे. बुधवार को निकलने वाले ताजियों के जुलूस से पहले ताजिया कारीगर इन्हें अंतिम रूप दे रहे हैं. इस दौरान मातमी धुनों से राजधानी जयपुर भी गूंज जाएगी.

बुधवार को निकलेंगे ताजिए
बुधवार को निकलेंगे ताजिए (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 16, 2024, 12:36 PM IST

ताजिए को कारीगर दे रहे हैं अंतिम रूप (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. पैगंबर मोहम्मद साहब की नवासे हजरत इमाम हुसैन की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम का त्योहार 17 जुलाई बुधवार को प्रदेशभर में मनाया जाएगा. इस मौके पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा. वहीं ताजियों का जुलूस भी इस दिन निकाला जाएगा. राजधानी जयपुर में छोटे- बड़े सभी ताजिए मिलाकर जुलूस अलग-अलग इलाकों में निकला जाएगा. वहीं बुधवार से पहले इन ताजियों को अंतिम रूप भी दिया जा रहा है.

ताजियों को संवारने में आखिरी दौर की मशक्कत : राजधानी जयपुर के ताजियों में कहीं पर अभ्रक का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो कहीं पर थर्माकोल का उपयोग किया जा रहा है. ताजिया बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि पिछले 1 साल से लगातार अलग-अलग तरह की ताजीया बनाने का काम शुरू कर दिया जाता है. अब बुधवार को ताजियों का जुलूस निकलेगा. इसे लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है. वहीं ताजिया बनाने वाले कारीगरों ने बताया कि इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में हमेशा सच्चाई का साथ देने का संदेश पूरी दुनिया को दिया था. इस संदेश के साथ ताजियों का जुलूस सच्चाई के पैगाम को आगे बढ़ाएगा.

पढ़ें: अजमेर में अंदरकोटियान बिरादरी के लोग पेश करते हैं कर्बला की जंग का मंजर, 800 सालों से निभा रहे हाईदौस खेलने की परंपरा

बता दें कि इस्लामी साल हिजरी का पहला महीना मुहर्रम होता है. इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए ताजिये निकाले जाते हैं. इन ताजियों का निर्माण मुहर्रम का चांद नजर आते ही शुरू हो जाता है और इन्हें बनाने वाले कलाकार बहुत अकीदतमंदी के साथ इस काम मे समर्पित रहते हैं.

ताजिए को कारीगर दे रहे हैं अंतिम रूप (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. पैगंबर मोहम्मद साहब की नवासे हजरत इमाम हुसैन की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम का त्योहार 17 जुलाई बुधवार को प्रदेशभर में मनाया जाएगा. इस मौके पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा. वहीं ताजियों का जुलूस भी इस दिन निकाला जाएगा. राजधानी जयपुर में छोटे- बड़े सभी ताजिए मिलाकर जुलूस अलग-अलग इलाकों में निकला जाएगा. वहीं बुधवार से पहले इन ताजियों को अंतिम रूप भी दिया जा रहा है.

ताजियों को संवारने में आखिरी दौर की मशक्कत : राजधानी जयपुर के ताजियों में कहीं पर अभ्रक का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो कहीं पर थर्माकोल का उपयोग किया जा रहा है. ताजिया बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि पिछले 1 साल से लगातार अलग-अलग तरह की ताजीया बनाने का काम शुरू कर दिया जाता है. अब बुधवार को ताजियों का जुलूस निकलेगा. इसे लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है. वहीं ताजिया बनाने वाले कारीगरों ने बताया कि इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में हमेशा सच्चाई का साथ देने का संदेश पूरी दुनिया को दिया था. इस संदेश के साथ ताजियों का जुलूस सच्चाई के पैगाम को आगे बढ़ाएगा.

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बता दें कि इस्लामी साल हिजरी का पहला महीना मुहर्रम होता है. इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए ताजिये निकाले जाते हैं. इन ताजियों का निर्माण मुहर्रम का चांद नजर आते ही शुरू हो जाता है और इन्हें बनाने वाले कलाकार बहुत अकीदतमंदी के साथ इस काम मे समर्पित रहते हैं.

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