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नाबालिग से हैवानियत के बाद जला दिया था कोयले की भट्टी में, कोर्ट ने दरिंदों को सुनाई मौत की सजा - Bhilwara Kotri incident

कोटड़ी कांड पर अदालत ने फैसला सुनाते हुए दो आरोपियों को मौत की सजा सुनाई है. दोनों दरिंदों ने नाबालिग बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर कोयले की भट्टी में जला दिया था. दोनों आरोपी सगे भाई हैं.

कोटड़ी के दरिंदों को मौत की सजा
कोटड़ी के दरिंदों को मौत की सजा (ETV Bharat GFX Team)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 20, 2024, 6:48 PM IST

कोटड़ी के दरिंदों को मौत की सजा (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा. शाहपुरा जिले का कोटड़ी भट्टीकांड को शायद ही कोई भूल पाया होगा. इस कांड ने इंसानियत को न केवल शर्मसार किया था, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. नाबालिग को यह पता नहीं था कि जो आरोपी उसके खेत की जमीन पर कोयले का कारोबार कर रहे हैं, जिन्हें वो अपनों की नजर से देखती थी, वही उसकी मौत का कारण बनेंगे. कोटड़ी के इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे देश में राजस्थान को बदनाम ही नहीं किया था, बल्कि मानवता पर से भरोसा उठा दिया था. इस कांड को अभी 9 महीने बीते हैं, लेकिन प्रशासन से लेकर कोर्ट तक की त्वरित कार्रवाई के बीच मुख्य आरोपी सगे भाइयों को आज मौत की सजा मिली है. भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट के इस फैसले से नाबालिग के परिजनों को कुछ सुकून मिलेगा, लेकिन आज एक बार फिर इस वारदात से मिले जख्म परिजनों के लिए हरे हो गए हैं.

कोर्ट ने शाहपुरा के कोटड़ी में 2 अगस्त 2023 को नाबालिग बालिका के साथ हुए जघन्य अपराध के लिए दोषियों को मौत की सजा दी है. दोषियों ने खेत पर बकरियां चराने गई नाबालिग बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद कोयले की भट्टी में जला दिया था. इस मामले में भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी माना है, जबकि सात महिला और पुरुष आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है. हालांकि इस फैसले के बाद विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि सातों को जो बरी किया है, इसके खिलाफ हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे. देश भर में सुर्खियों में रहे इस मामले में राज्य सरकार की ओर से नियुक्त विशेष लोक अभियोजक महावीर किसनावत ने कहा कि इस मामले में 9 महिला पुरुष मुल्जिमें का ट्रायल पॉक्सो कोर्ट में हुआ था, जिसमें सरकार की ओर से 43 गवाहों के बयान पंजीबद्ध करवाए गए. अभियोजन की ओर से इस मामले में 222 दस्तावेज पेश किए गए.

इसे भी पढ़ें-Rajasthan : भीलवाड़ा में नाबालिग ही नहीं इंसानियत की भी हत्या हुई, जिन्हें अपना समझती थी, वही बने हैवान

ये था मामला : शाहपुरा में गिरडिया पंचायत क्षेत्र में नाबालिग बालिका रोज की तरह अपने घर से बकरियां चराने के लिए निकली थी, जब शाम तक वह अपने घर वापस नहीं लौटी, तो परिजनों उसकी तलाश की और गांव वालों से पूछताछ की. परिजन और गांव के लोग नाबालिग बालिका की तलाश में जुट गए. उन्होंने पुलिस से भी गुहार लगाई, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. सुबह गांव वालों ने फिर बालिका की तलाश शुरू की. तब गिरडिया पंचायत क्षेत्र में संचालित कोयले की भट्टी में बालिका का हाथ व चांदी का कड़ा मिला था. पुलिस की जांच में सामने आया कि हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए आरोपियों ने मासूम के साथ पहले सामुहिक दुष्कर्म किया और उसके बाद उसे कोयले की भट्टी में झोंक दिया. इसके पहले आरोपियों ने नाबालिग के शरीर के टुकड़े भी किए थे. इस हत्याकांड में नाबालिग के साथ निर्ममता की सारी हदें पार करने वाले कोई और नहीं बल्कि मासूम के परिचित ही थे.

कोटड़ी के दरिंदों को मौत की सजा (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा. शाहपुरा जिले का कोटड़ी भट्टीकांड को शायद ही कोई भूल पाया होगा. इस कांड ने इंसानियत को न केवल शर्मसार किया था, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. नाबालिग को यह पता नहीं था कि जो आरोपी उसके खेत की जमीन पर कोयले का कारोबार कर रहे हैं, जिन्हें वो अपनों की नजर से देखती थी, वही उसकी मौत का कारण बनेंगे. कोटड़ी के इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे देश में राजस्थान को बदनाम ही नहीं किया था, बल्कि मानवता पर से भरोसा उठा दिया था. इस कांड को अभी 9 महीने बीते हैं, लेकिन प्रशासन से लेकर कोर्ट तक की त्वरित कार्रवाई के बीच मुख्य आरोपी सगे भाइयों को आज मौत की सजा मिली है. भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट के इस फैसले से नाबालिग के परिजनों को कुछ सुकून मिलेगा, लेकिन आज एक बार फिर इस वारदात से मिले जख्म परिजनों के लिए हरे हो गए हैं.

कोर्ट ने शाहपुरा के कोटड़ी में 2 अगस्त 2023 को नाबालिग बालिका के साथ हुए जघन्य अपराध के लिए दोषियों को मौत की सजा दी है. दोषियों ने खेत पर बकरियां चराने गई नाबालिग बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद कोयले की भट्टी में जला दिया था. इस मामले में भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी माना है, जबकि सात महिला और पुरुष आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है. हालांकि इस फैसले के बाद विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि सातों को जो बरी किया है, इसके खिलाफ हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे. देश भर में सुर्खियों में रहे इस मामले में राज्य सरकार की ओर से नियुक्त विशेष लोक अभियोजक महावीर किसनावत ने कहा कि इस मामले में 9 महिला पुरुष मुल्जिमें का ट्रायल पॉक्सो कोर्ट में हुआ था, जिसमें सरकार की ओर से 43 गवाहों के बयान पंजीबद्ध करवाए गए. अभियोजन की ओर से इस मामले में 222 दस्तावेज पेश किए गए.

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ये था मामला : शाहपुरा में गिरडिया पंचायत क्षेत्र में नाबालिग बालिका रोज की तरह अपने घर से बकरियां चराने के लिए निकली थी, जब शाम तक वह अपने घर वापस नहीं लौटी, तो परिजनों उसकी तलाश की और गांव वालों से पूछताछ की. परिजन और गांव के लोग नाबालिग बालिका की तलाश में जुट गए. उन्होंने पुलिस से भी गुहार लगाई, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. सुबह गांव वालों ने फिर बालिका की तलाश शुरू की. तब गिरडिया पंचायत क्षेत्र में संचालित कोयले की भट्टी में बालिका का हाथ व चांदी का कड़ा मिला था. पुलिस की जांच में सामने आया कि हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए आरोपियों ने मासूम के साथ पहले सामुहिक दुष्कर्म किया और उसके बाद उसे कोयले की भट्टी में झोंक दिया. इसके पहले आरोपियों ने नाबालिग के शरीर के टुकड़े भी किए थे. इस हत्याकांड में नाबालिग के साथ निर्ममता की सारी हदें पार करने वाले कोई और नहीं बल्कि मासूम के परिचित ही थे.

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