लखनऊ : संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) संस्थान में उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेश के गंभीर मरीज इलाज कराने आते हैं. मरीजों के सामने सबसे बड़ी समस्या इलाज से पहले जांच की होती है. कई तरह की जांचों के अलावा बैक्टीरिया और वायरस जांच इनमें अहम है. इसके लिए मरीजों को काफी भटकना पड़ता है और महंगी कीमत चुकानी पड़ती है. इस देखते हुए पीजाआई में एडवांस मशीनें लगाई गई हैं. जिसमें 30 तरह के बैक्टीरिया व वायरस की जांच एक बार में सैम्पल लेने से हो जाएंगी. जांच शुल्क भी अन्य अस्पतालों की अपेक्षा यहां काफी कम रखा गया है. इसके अलावा सिर्फ दो घंटे में जांच रिपोर्ट भी मिल जाएगी.
एसजीपीजीआई के मॉलिक्यूलर एंड वायरोलॉजी विभाग के डाॅ. अतुल अग्रवाल के अनुसार लैब में बाॅयोफायर व क्यूस्टेट नाम की दो एडवांस मशीनें लगाई गई हैं. इन मशीनों के द्वारा एक बार में ही 30 तरह के बैक्टीरिया की जांचें हो जाती हैं. इन एडवांस मशीनों को सिन्ड्रोमिक आरएसएस मशीन कहा जाता है. जांच होने से यह जानकारी मिल जाएगी कि मरीज किस वायरस या बैक्टीरिया से इफेक्टेड है. इससे मरीज के इलाज में काफी साहूलियत मिलेगी. मैन्यूअली इन सभी जांचों को करने में 4 से 5 दिन का समय लगता था. अब यही जांचें महज 2 घंटे में हो जाएंगी. आने वाले समय मशीनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी.
डाॅ. अतुल अग्रवाल के मुताबिक सरकारी अस्पतालों की बात की जाए तो अभी यह सुविधा केवल एसजीपीजीआई में ही है. इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर में कुछ हास्पिटलों के पास मशीनें हैं, लेकिन जांच शुल्क काफी ज्यादा है. इसकी अपेक्षा पीजीआई में जांच की कीमतें काफी कम हैं. इससे यहां आने वाले मरीजों को काफी सुविधा होगी.