मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर : राम वनगमन पथ मार्ग के हरचौका इलाके में रेत माफियाओं की दबंगई का मामला सामने आ रहा है. यहां की मवई नदी, जिसे भगवान राम ने वनवास काल में पार किया था, अब यहां अवैध तरीके से रेत खनन करने की बात कही जा रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि खनन मशीनों से नदी खोदकर रेत निकाल रहे और ट्रकों से अवैध परिवहन किया जा रहा है.
एसडीएम कार्यालय तक निकाला टैक्टर मार्च : हरचौका के ग्रामीणों ने आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष रमाशंकर मिश्रा के नेतृत्व में जनकपुर एसडीएम कार्यालय तक ट्रैक्टरों मार्च किया. उन्होंने ज्ञापन सौंपते हुए अवैध रेत खनन पर तुरंत रोक लगाने की मांग की. ग्रामीणों का आरोप है कि जब वे अवैध खनन का विरोध करते हैं तो माफिया उन पर दबंगई दिखाते हैं. वीडियो बनाने पर ग्रामीणों के मोबाइल छीनने की कोशिश की जाती है.
एनजीटी के नियमों की अनदेखी के आरोप : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के अनुसार, किसी भी नदी में खनन मशीनों का उपयोग प्रतिबंधित है. लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि हरचौका में नियमों की अनदेखी करते हुए माफिया खुलेआम मशीनों से खनन कर रहे हैं. यहां ट्रकों में रेत भरकर बेधड़क परिवहन किया जा रहा है.
स्थानीय नेताओं का मिला समर्थन : आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष रमाशंकर मिश्रा ने कहा कि यहां अवैध रूप से रेत का खनन कर रहे हैं. ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं. हम यह चाहते है कि तत्काल एसडीएम साहब इस अवैध रेत पर रोक लगाते हुए इन रेत माफियाओं पर नकेल कसें.
रेत माफिया जिस तरह से ग्रामीणों को प्रताड़ित कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल रहा है कि ये लोग ग्रामीणों को धमका रहे हैं, मार रहे हैं, गाड़ी चढ़ाने की बात कर रहे हैं. हमारी मांग है कि इस पर रोक लगाया जाए. अन्यथा आम आदमी पार्टी उग्र आंदोलन करेगी : रमाशंकर मिश्रा, जिलाध्यक्ष, आप पार्टी छग
माफियाओं पर कार्रवाई की मांग : पूर्व जनपद अध्यक्ष सुखमंती सिंह ने कहा कि ग्रामीणों की जमीन और आजीविका खतरे में है. शासन प्रशासन को तत्काल रेत माफियाओं पर कार्रवाई करनी चाहिए. पूर्व विधायक गुलाब कमरों का भी कहना है कि जब उनकी सरकार थी, तब अवैध खनन नहीं होने दिया गया था. उन्होंने प्रशासन से स्थिति की जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
पूर्व विधायक ने कार्रवाई कराने दिया भरोसा : इस संबंध में पूर्व विधायक और भाजपा नेत्री चम्पादेवी पावले का कहना है कि खनन करने वालों ने लीज लिया है या नहीं, इसकी मुझे जानकारी नहीं है. यदि लीज लिया है तो कोई बड़ी बात नहीं है. अगर गैर कानूनी तरीके से उत्खनन हो रहा है तो हम कार्रवाई कराएंगें.
गांव के सरपंच के पास पावर रहता है कि वह रेत खनन की अनुमति दे सकता है. सरपंच ने अनुमति दे दिया होगा तो खनन हो रहा है. अगर परमिशन नहीं दिया है तो यह अवैध तरीके से रेत खनन माना जाएगा. उस पर कार्रवाई कराने का हम पूरा प्रयास करेंगे : चम्पादेवी पावले, पूर्व विधायक
ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी : ग्रामीणों ने शासन प्रशासन की ओर से रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर सामूहिक अनशन और आंदोलन की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा. अब देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है.