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अलवर में पैंथर का आतंक, शिकार के लिए रेसिडेंशियल इलाके में पहुंचा, अब ड्रोन से निगरानी - आबादी में पैंथर

अलवर के आर आर कॉलेज में पिछले 5 दिनों से पैंथर की हचलल है. उसे अब तक नहीं पकड़ा जा सका है.

पैंथर से दहशत
पैंथर से दहशत (फोटो ईटीवी भारत अलवर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 6, 2024, 12:44 PM IST

अलवर. शहर में पिछले 5 दिनों से पैंथर की आहट से कॉलेज के आस पास के क्षेत्र में डर का माहौल है. यह डर गुरुवार देर रात से ओर बढ़ गया, जब कॉलेज के जंगल क्षेत्र में घूम रहा पैंथर शिकार के लिए रेसिडेंशियल क्षेत्र में जा पहुंचा. पैंथर का पता लगने पर लोगों ने आवाज कर पैंथर को भगाया. वन कर्मियों के अनुसार पैंथर लगातार पिंजरे के पास तक आ रहा है, लेकिन शिकार नहीं कर रहा. पैंथर बीती रात भी पिंजरे के पास आकर कुछ देर बैठा और उसके बाद वहां से निकल गया. अब वन विभाग के अधिकारी मौके पर आकर जानकारी लेंगे.

कॉलेज परिसर के पास रहने वाले पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि शहर के बीच में स्थित आरआर कॉलेज में बीते 5 दिनों से पैंथर का मूवमेंट हो रहा है. अब यह पैंथर रेसिडेंशियल क्षेत्र में तक पहुंच रहा है. गुरुवार रात वह अपने परिवार के साथ बाहर से आए, इस दौरान उनका पालतू डॉग जोर जोर से आवाज लगा रहा था. इसपर उन्होंने आसपास देखा तो कुछ दूरी पर उन्हें एक बड़ा जीव दिखाई दिया. उन्होंने जब उसे भगाने के लिए शोर मचाया तब वह वहां से निकला, इस दौरान उन्हें पता लगा कि वह पैंथर है. इस सूचना का पता लगते ही लोग सहम गए. इसके बाद सूचना वन विभाग को दी. इस दौरान वह करीब 10 मिनिट तक वहां रहा. पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि पैंथर उनके डॉग का शिकार करने के लिए पहुंचा, लेकिन वह मौके पर सही समय पर पहुंच गए. उन्होंने कहा कि करीब 25 दिन पहले भी 3-4 बार पैंथर की मूवमेंट इसी क्षेत्र में हुई थी. लेकिन तब किसी का भी इतना ध्यान इस ओर नहीं गया. पैंथर के घरों के पास आने से लोगों में भय का माहौल है, लोग सिर्फ जरूरी काम से बाहर निकल रहे हैं.

अलवर में पैंथर का आतंक (वीडियो ईटीवी भारत अलवर)

पढ़ें: Panther Terror : तीसरे दिन भी पकड़ से बाहर, अब ड्रोन से मॉनिटरिंग की तैयारी

वन विभाग के वनपाल भीम सिंह ने कहा कि पैंथर की सूचना मिलने के बाद आज 5 दिन हो गए हैं. लगातार वन विभाग की मॉनिटरिंग कर रही है. पैंथर की मूवमेंट रोजाना पिंजरे के पास हो रही है, लेकिन पैंथर शिकार के लिए पिंजरे के अंदर तक नहीं पहुंच रहा. आज भी पैंथर के पगमर्ग पिंजरे के पास मिले है. कुछ देर पैंथर पिंजरे के पास बैठा भी है. पैंथर देर रात जंगल से बाहर निकलकर कुछ दूरी पर स्तिथ रेसिडेंशियल क्षेत्र में एक मकान पर डॉग का शिकार करने पहुंचा है. पैंथर के पगमार्क वहां मिले हैं.

पिंजरों की जगह बदलने की तैयारी : वनपाल भीम सिंह ने बताया कि वन विभाग की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहे हैं कि बेहतर को जल्द से जल्द ट्रैप किया जा सके. आज रात को पिंजेर की जगह को भी बदला जाएगा. उन्होंने बताया कि एक पिंजरा हनुमान मंदिर के पास, तो दूसरा पिंजरा पैंथर के पगमार्क के अनुसार रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि आज वन विभाग के अधिकारी आकर इस संबंध में जानकारी लेंगे और इसी के बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

ड्रोन से करेंगे मॉनिटरिंग : वन विभाग की ओर से पैंथर को रेस्क्यू करने के सभी प्रयास फेल होते दिखाई दे रहे है, जिससे अब घने जंगल में पैंथर की मॉनिटरिंग के लिए ड्रोन की सहायता ली जाएगी. इसके लिए भी जल्द ही तैयारी शुरु होने की संभावना है.

अलवर. शहर में पिछले 5 दिनों से पैंथर की आहट से कॉलेज के आस पास के क्षेत्र में डर का माहौल है. यह डर गुरुवार देर रात से ओर बढ़ गया, जब कॉलेज के जंगल क्षेत्र में घूम रहा पैंथर शिकार के लिए रेसिडेंशियल क्षेत्र में जा पहुंचा. पैंथर का पता लगने पर लोगों ने आवाज कर पैंथर को भगाया. वन कर्मियों के अनुसार पैंथर लगातार पिंजरे के पास तक आ रहा है, लेकिन शिकार नहीं कर रहा. पैंथर बीती रात भी पिंजरे के पास आकर कुछ देर बैठा और उसके बाद वहां से निकल गया. अब वन विभाग के अधिकारी मौके पर आकर जानकारी लेंगे.

कॉलेज परिसर के पास रहने वाले पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि शहर के बीच में स्थित आरआर कॉलेज में बीते 5 दिनों से पैंथर का मूवमेंट हो रहा है. अब यह पैंथर रेसिडेंशियल क्षेत्र में तक पहुंच रहा है. गुरुवार रात वह अपने परिवार के साथ बाहर से आए, इस दौरान उनका पालतू डॉग जोर जोर से आवाज लगा रहा था. इसपर उन्होंने आसपास देखा तो कुछ दूरी पर उन्हें एक बड़ा जीव दिखाई दिया. उन्होंने जब उसे भगाने के लिए शोर मचाया तब वह वहां से निकला, इस दौरान उन्हें पता लगा कि वह पैंथर है. इस सूचना का पता लगते ही लोग सहम गए. इसके बाद सूचना वन विभाग को दी. इस दौरान वह करीब 10 मिनिट तक वहां रहा. पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि पैंथर उनके डॉग का शिकार करने के लिए पहुंचा, लेकिन वह मौके पर सही समय पर पहुंच गए. उन्होंने कहा कि करीब 25 दिन पहले भी 3-4 बार पैंथर की मूवमेंट इसी क्षेत्र में हुई थी. लेकिन तब किसी का भी इतना ध्यान इस ओर नहीं गया. पैंथर के घरों के पास आने से लोगों में भय का माहौल है, लोग सिर्फ जरूरी काम से बाहर निकल रहे हैं.

अलवर में पैंथर का आतंक (वीडियो ईटीवी भारत अलवर)

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वन विभाग के वनपाल भीम सिंह ने कहा कि पैंथर की सूचना मिलने के बाद आज 5 दिन हो गए हैं. लगातार वन विभाग की मॉनिटरिंग कर रही है. पैंथर की मूवमेंट रोजाना पिंजरे के पास हो रही है, लेकिन पैंथर शिकार के लिए पिंजरे के अंदर तक नहीं पहुंच रहा. आज भी पैंथर के पगमर्ग पिंजरे के पास मिले है. कुछ देर पैंथर पिंजरे के पास बैठा भी है. पैंथर देर रात जंगल से बाहर निकलकर कुछ दूरी पर स्तिथ रेसिडेंशियल क्षेत्र में एक मकान पर डॉग का शिकार करने पहुंचा है. पैंथर के पगमार्क वहां मिले हैं.

पिंजरों की जगह बदलने की तैयारी : वनपाल भीम सिंह ने बताया कि वन विभाग की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहे हैं कि बेहतर को जल्द से जल्द ट्रैप किया जा सके. आज रात को पिंजेर की जगह को भी बदला जाएगा. उन्होंने बताया कि एक पिंजरा हनुमान मंदिर के पास, तो दूसरा पिंजरा पैंथर के पगमार्क के अनुसार रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि आज वन विभाग के अधिकारी आकर इस संबंध में जानकारी लेंगे और इसी के बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

ड्रोन से करेंगे मॉनिटरिंग : वन विभाग की ओर से पैंथर को रेस्क्यू करने के सभी प्रयास फेल होते दिखाई दे रहे है, जिससे अब घने जंगल में पैंथर की मॉनिटरिंग के लिए ड्रोन की सहायता ली जाएगी. इसके लिए भी जल्द ही तैयारी शुरु होने की संभावना है.

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