चंडीगढ़: हरियाणा की भाजपा सरकार लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद अब हर वर्ग को साथ जोड़ने के प्रयास में है. अक्टूबर 2024 में हरियाणा विधानसभा के चुनाव होने हैं और भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के प्रयास में है, लेकिन इससे पहले हरियाणा सरकार उन सभी मुद्दों को साधने के प्रयास में है, जिनसे उसे विधानसभा चुनाव में फायदा हो सकता है. इनमें हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का मुद्दा अहम है. दरअसल हरियाणा सरकार जल्द ही कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने जा रही है. सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है.
9 सदस्यीय कमेटी गठित: हरियाणा सरकार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की नीति तैयार कर सकती है. सरकार ने इस पर विचार के लिए 9 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में आठ वरिष्ठ आइएएस अधिकारी शामिल हैं. ये कमेटी पुराने कोर्ट केस और किस तरीके से कर्मचारियों को पक्का किया जाए, इस पर मंथन करेगी. इस संबंध में कमेटी अपनी पहली बैठक कर चुकी है, जिसमें सभी विषयों पर चर्चा की गई.
जानें कहां फंसा है पेंच? हरियाणा सरकार विधानसभा चुनाव से पहले कच्चे कर्मचारियों को लिए बड़ी घोषणा कर सकती है. हालांकि कच्चे कर्मचारियों (Temporary Employees in Haryana) संबंधी नीति को लाने से पहले सरकार फिलहाल ये तय नहीं कर सकी है कि 5 साल सेवा कर चुके कर्मचारियों को मौका दिया जाए या फिर 7 साल सेवा वाले कर्मचारियों को. इस मसले पर अब गठित की गई कमेटी फैसला कर सकती है.
कर्मचारियों की संख्या में बड़ा अंतर: यदि हरियाणा सरकार 5 साल सेवा कर चुके कर्मचारियों को पक्का (Permanent Employees In Haryana) करती है, तो इनकी संख्या करीब डेढ़ लाख होगी. वहीं सात साल सेवा कर चुके कर्मचारियों की संख्या करीब 80-90 हजार है. इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय के आला अधिकारी आगामी चुनाव के मद्देनजर अपनी राय दे चुके हैं.
पक्का होने के लिए आंदोलन कर चुके कर्मचारी: हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों को पक्का कराने के लिए कर्मचारी संघ और कच्चे कर्मचारियों ने कई बार आंदोलन किया है. कच्चे कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक नगर पालिका, राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और स्वास्थ्य विभाग में है. सफाई कर्मचारी भी लंबे समय तक आंदोलन कर चुके हैं. ठेकेदारी सिस्टम से कार्यरत कर्मचारी पांच साल से सड़कों पर हैं. इनके अलावा 12,500 गेस्ट टीचर भी 14 साल से पक्का होने के इंतजार में हैं.
कौशल निगम में समायोजित हुए 1.13 लाख कर्मचारी: हरियाणा सरकार ठेकेदारी सिस्टम से नौकरी लगे 1.13 लाख कच्चे कर्मचारियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम में समायोजित कर चुकी है. इनके अलावा उन कर्मचारियों की भी बड़ी संख्या है, जिन्हें अभी तक इस योजना से नहीं जोड़ा गया है. यह कर्मचारी हरियाणा में आउटसोर्सिंग पालिसी-1 और पालिसी-2 के तहत भर्ती हुए हैं.
कच्चे कर्मचारियों का मांगा डाटा: प्रदेश के मुख्य सचिव सभी विभागों से दो बार कच्चे कर्मचारियों का डाटा मंगवा चुके हैं. पहले 7 साल सेवा कर चुके कर्मचारियों का डाटा मांगा गया और फिर उन कर्मचारियों का डाटा मांगा गया, जो 5 साल सेवा पूरी कर चुके हैं. लेकिन सवाल ये भी है कि कौशल निगम में समायोजित कर्मचारियों का कार्यकाल हर बार एक वर्ष तक बढ़ाया जाता है, ऐसे में इनका क्या होगा.