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भाई को सामने देख छलक आई मनोरोगी बहन की आंखें, 20 दिन पहले सड़क पर मिली थी रुक्मणी - TELANGANA WOMAN REACHED RATLAM - TELANGANA WOMAN REACHED RATLAM

रतलाम की गलियों में घूम रही विक्षिप्त महिला पर समाजसेवी गोविंद काकानी की नजर पड़ी, तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को दी. इसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया. महिला के परिजनों का पता लगाकर उसके परिवार को सूचना दी. तेलंगाना से परिवार जिला अस्पताल रतलाम पहुंचा.

TELANGANA MAD GIRL REACH RATLAM
अपने भाई से मिलने पर विक्षिप्त बहन के छलके आंसू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 30, 2024, 1:53 PM IST

रतलाम: जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में गुरुवार को एक बेहद भावुक कर देने वाला दृश्य देखने को मिला. जब एक मनोरोगी महिला को घर वापस लेने के लिए उसका भाई और परिजन पहुंचे, तो हर किसी की आंख भर आईं. समाजसेवी गोविंद काकानी और उनकी टीम के प्रयासों से मानसिक रूप से दिव्यांग रुक्मणी को उसका भाई और परिवार वापस मिल गए. भाई जय सिंह उसे तेलंगाना से लेने रतलाम पहुंचा है.

विक्षिप्त लड़की को लेने तेलंगाना से रतलाम पहुंचा परिवार (ETV Bharat)

सड़कों पर घूमती मिली विक्षिप्त महिला

कुछ दिन पूर्व दीनदयाल नगर थाना पुलिस के माध्यम से सड़क पर घूम रही मानसिक रूप से बीमार महिला को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया था. समाजसेवी गोविंद काकानी ने महिला से चर्चा की और धीरे-धीरे उसने अपने गांव और घर का पता बताया. इसके बाद तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के कलेक्टर से संपर्क कर महिला के परिवार का पता लगाया गया. करीब 9 दिन बाद उसके भाई और चाचा अब उसे लेने रतलाम पहुंचे हैं.

जिला अस्पताल में समाजसेवी ने कराया भर्ती

समाजसेवी गोविंद काकानी ने बताया कि "20 दिन पहले मानसिक रूप से बीमार रुक्मणी को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया था. जहां अन्य मरीजों के साथ उसका उपचार और काउंसलिंग चल रही थी. धीरे-धीरे उसने अपने बारे में बताना शुरू किया. उसने अपने गांव का नाम जिले का नाम और परिवार जनों का नाम बताया. इस पर तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के कलेक्टर कार्यालय में संपर्क किया गया. जहां से उसके परिजनों के मोबाइल नंबर प्राप्त हुए और वह रुक्मणी को लेने रतलाम पहुंचे."

बहन को देख भावुक हुआ भाई

भाई जय सिंह जैसे ही रुक्मणी के सामने पहुंचा, तो उसकी आंखों में आंसू छलक आए. इसके बाद रुक्मणी को लेकर उसके परिजन तेलंगाना के लिए रवाना हो गए. रुक्मणी के भाई जय सिंह ने बताया कि "उनका परिवार ग्राम पसरवाडी जिला संगारेड्डी, तेलंगाना में रहता है. 10-12 साल पहले रुक्मणी के पति ने उसे छोड़ कर दूसरी शादी कर ली है. वह अपने पिता रामलू और मां लक्ष्मी के साथ गांव में भाई श्रीनिवास, विनोद, देवी सिंह और जय सिंह के साथ रहती थी, लेकिन कुछ समय पहले वह लापता हो गई. इसके बाद वह उन्हें अब मिली है."

यहां पढ़ें...

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लड़की को लेकर परिवार तेलांगना रवाना

बहरहाल, रुक्मणी का स्वास्थ्य अब पहले से काफी बेहतर है और अब वह अपने परिवार के साथ तेलंगाना रवाना हो चुकी है. अस्पताल से छुट्टी के वक्त मेडिकल स्टाफ और समाजसेवियों ने उसे साड़ी शॉल और अन्य गिफ्ट भी दिए. रुक्मणी के परिजनों ने रतलाम जिला अस्पताल के मेडिकल स्टॉफ, गोविंद काकानी और उनकी टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया.

रतलाम: जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में गुरुवार को एक बेहद भावुक कर देने वाला दृश्य देखने को मिला. जब एक मनोरोगी महिला को घर वापस लेने के लिए उसका भाई और परिजन पहुंचे, तो हर किसी की आंख भर आईं. समाजसेवी गोविंद काकानी और उनकी टीम के प्रयासों से मानसिक रूप से दिव्यांग रुक्मणी को उसका भाई और परिवार वापस मिल गए. भाई जय सिंह उसे तेलंगाना से लेने रतलाम पहुंचा है.

विक्षिप्त लड़की को लेने तेलंगाना से रतलाम पहुंचा परिवार (ETV Bharat)

सड़कों पर घूमती मिली विक्षिप्त महिला

कुछ दिन पूर्व दीनदयाल नगर थाना पुलिस के माध्यम से सड़क पर घूम रही मानसिक रूप से बीमार महिला को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया था. समाजसेवी गोविंद काकानी ने महिला से चर्चा की और धीरे-धीरे उसने अपने गांव और घर का पता बताया. इसके बाद तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के कलेक्टर से संपर्क कर महिला के परिवार का पता लगाया गया. करीब 9 दिन बाद उसके भाई और चाचा अब उसे लेने रतलाम पहुंचे हैं.

जिला अस्पताल में समाजसेवी ने कराया भर्ती

समाजसेवी गोविंद काकानी ने बताया कि "20 दिन पहले मानसिक रूप से बीमार रुक्मणी को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया था. जहां अन्य मरीजों के साथ उसका उपचार और काउंसलिंग चल रही थी. धीरे-धीरे उसने अपने बारे में बताना शुरू किया. उसने अपने गांव का नाम जिले का नाम और परिवार जनों का नाम बताया. इस पर तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के कलेक्टर कार्यालय में संपर्क किया गया. जहां से उसके परिजनों के मोबाइल नंबर प्राप्त हुए और वह रुक्मणी को लेने रतलाम पहुंचे."

बहन को देख भावुक हुआ भाई

भाई जय सिंह जैसे ही रुक्मणी के सामने पहुंचा, तो उसकी आंखों में आंसू छलक आए. इसके बाद रुक्मणी को लेकर उसके परिजन तेलंगाना के लिए रवाना हो गए. रुक्मणी के भाई जय सिंह ने बताया कि "उनका परिवार ग्राम पसरवाडी जिला संगारेड्डी, तेलंगाना में रहता है. 10-12 साल पहले रुक्मणी के पति ने उसे छोड़ कर दूसरी शादी कर ली है. वह अपने पिता रामलू और मां लक्ष्मी के साथ गांव में भाई श्रीनिवास, विनोद, देवी सिंह और जय सिंह के साथ रहती थी, लेकिन कुछ समय पहले वह लापता हो गई. इसके बाद वह उन्हें अब मिली है."

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लड़की को लेकर परिवार तेलांगना रवाना

बहरहाल, रुक्मणी का स्वास्थ्य अब पहले से काफी बेहतर है और अब वह अपने परिवार के साथ तेलंगाना रवाना हो चुकी है. अस्पताल से छुट्टी के वक्त मेडिकल स्टाफ और समाजसेवियों ने उसे साड़ी शॉल और अन्य गिफ्ट भी दिए. रुक्मणी के परिजनों ने रतलाम जिला अस्पताल के मेडिकल स्टॉफ, गोविंद काकानी और उनकी टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया.

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