सागर: कहते हैं ना कि ऊपर वाले पर भरोसा है, तो हर दुआएं पूरी हो जाती हैं. कुछ ऐसा ही तेलंगाना के रहने वाले एक नौजवान के साथ हुआ. खुदा से दुआ मांगी की अगर मेरी मां की तबीयत ठीक हो गई तो पैदल हज यात्रा करुंगा. मां का स्वास्थ्य ठीक हो गया. इसके बाद उन्होंने एक महीने पहले हज यात्रा शुरू कर दी थी और अब वह मध्य प्रदेश के सागर जिले में पहुंच चुके हैं. यहां लोगों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया.
डेली तय करेंगे 40 किलोमीटर का सफर
आदिलाबाद जिले के रहने वाले आसिफ अंसारी की मां की तबीयत काफी खराब हो गई थी. उन्होंने मां की तबीयत ठीक हो जाने पर पैदल हज यात्रा की मन्नत मांगी थी. मां का स्वास्थ्य ठीक हो जाने के बाद आसिफ अंसारी एक महीने पहले हज यात्रा पर निकल चुके हैं. अंसारी 1 हजार किलोमीटर की दूरी तय करते हुए एमपी के सागर जिले में पहुंचे जहां लोगों ने गर्मजोशी से इस्तकबाल किया.
कानूनी प्रक्रिया में लगा 6 महीने
आसिफ अंसारी ने बताया कि" मां की तबीयत ठीक होने के फौरन बाद ही मक्का और मदीना जाने की तैयारी शुरू कर दिया था. सऊदी अरब पैदल जाने के लिए चार देशों से होकर गुजरना पड़ता है. लेकिन कानूनी प्रक्रिया को पूरी करने में 6 महीने लग गया है. 12 हजार किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए 30 से 40 किलोमीटर प्रतिदिन चल रहे हैं. इस रफ्तार से चलने पर साल 2025 में हज कर पाएंगे."
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पहले भी कई लोग जा चुके हैं पैदल
उन्होंने बताया कि भारत से हर साल दो लाख के करीब लोग हवाई जहाज के जरिए हज यात्रा पर जाते हैं. हालांकि कई लोग पैदल पहले भी हज यात्रा कर चुके हैं. अंसारी ने बताया कि आदिलाबाद से मक्का और मदीना की दूरी करीब 12 हजार किलोमीटर है. लेकिन साल 2022 में केरल के डाॅ शिहाब नामक युवक ने पैदल हज यात्रा करने गए थे. उन्होंने 5 देशों से गुजरते हुए लगभग 8600 किलोमीटर पैदल चले थे.