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कुरकुरे के विवाद में किशोर ने अपना जीवन किया समाप्त, जानिए क्यों बढ़ रही बच्चों में सुसाइड की मानसिकता - suicide mentality in Teenager - SUICIDE MENTALITY IN TEENAGER

Teenager ends his life सरगुजा के लखनपुर में किशोर ने छोटे भाई से विवाद के बाद आत्मघाती कदम उठाया है. बताया जा रहा है कि छोटे भाई ने बड़े भाई की शिकायत मां से करने की बात कही थी.जिससे डरकर किशोर ने आत्मघाती कदम उठा लिया.suicide mentality increasing among children

Teenager ends his life
किशोर ने अपना जीवन किया समाप्त (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 20, 2024, 6:32 PM IST

सरगुजा : छोटे बच्चों में सुसाइड की भावना बढ़ती जा रहे हैं. खासकर स्कूली बच्चे आत्मघाती कदम उठाने से पीछे नहीं हट रहे.बात यदि अंबिकापुर की करें तो महज 15 दिनों में 3 स्कूली छात्रों ने अपना जीवन समाप्त किया है.इन घटनाओं के बाद जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर बच्चों की काउंसलिंग जैसे कार्यक्रम शुरु किए हैं.वहीं इस दौरान लखनपुर क्षेत्र में एक बच्चे के सुसाइड करने की जानकारी सामने आई है.

कहां की है घटना ?: लखनपुर थाना क्षेत्र के कुन्नी चौकी अंतर्गत ग्राम दर्रापारा में 10 वर्षीय किशोर सुसाइड किया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक रोहित सिंह ने घर के पास ही फंदा बनाकर अपना जीवन समाप्त किया. पुलिस ने सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा किया.इसके बाद शव को परिजनों को सौंपा. बताया जा रहा है कि छोटे भाई के साथ कुरकुरे को लेकर किशोर का विवाद हुआ था. छोटे भाई ने कुरकुरे नहीं देने की शिकायत मां से करने की बात कही.इसके बाद बड़े भाई के मन में फटकार लगने का डर बैठा.फिलहाल पुलिस इस घटना की हर पहलू से जांच कर रही है.

क्यों बढ़ती हैं ऐसी घटनाएं ? : आपने अक्सर सुना होगा कि किशोर ने अपना जीवन समाप्त किया है.वजह कई हो सकते हैं.लेकिन इन सब में एक चीज कॉमन है,वो है उस समय खुद को जिंदा नहीं रखने की मानसिकता का दिमाग में आना.जिसके कारण किशोर बिना कुछ सोचे समझे इतना बड़ा कदम उठा लेते हैं.दरअसल हम यदि अपने बच्चे के अंदर खुद से डरने की पैदा करने की भावना को पैदा कर दें, तो अक्सर ये समझने में भूल कर सकता है कि किस चीज के लिए उसे डांट पड़ेगी या नहीं.यदि आपने कभी अपने बच्चे को किसी बात पर पीटा या डांटा है और वो गलती बच्चा दोबारा करे तो उसे लगता है कि फिर से वैसा ही होगा.कई बार दो भाईयों या बहनों के बीच में ज्यादा प्यार करने की भावना भी बच्चों को गलत दिशा में जाने के लिए प्रेरित करती है.

बच्चों के साथ करें दोस्ताना बर्ताव : अभिभावकों को भी चाहिए कि अपने बच्चों से दोस्ताना बर्ताव करें. बच्चा यदि गुमसुम है या उससे कोई गलती हुई है तो उसे प्यार से समझाएं.ना कि बुरी तरह से पीटे,क्योंकि पिटाई के बाद बच्चा मानसिक अवसाद में आ सकता है.ऐसे में किसी ना किसी को उसके साथ खड़ा होना होगा.चाहे वो परिवार को कोई भी सदस्य क्यों ना हो.यदि आप अपने बच्चों के साथ रहेंगे तो यकीकन उन्हें आप पर भरोसा होगा कि यदि गलती हुई भी है तो उसकी सजा बड़ी नहीं मिलेगी.

क्या आप भी परीक्षा में हुए हैं असफल, तो ना उठाएं आत्मघाती कदम ?

सरगुजा : छोटे बच्चों में सुसाइड की भावना बढ़ती जा रहे हैं. खासकर स्कूली बच्चे आत्मघाती कदम उठाने से पीछे नहीं हट रहे.बात यदि अंबिकापुर की करें तो महज 15 दिनों में 3 स्कूली छात्रों ने अपना जीवन समाप्त किया है.इन घटनाओं के बाद जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर बच्चों की काउंसलिंग जैसे कार्यक्रम शुरु किए हैं.वहीं इस दौरान लखनपुर क्षेत्र में एक बच्चे के सुसाइड करने की जानकारी सामने आई है.

कहां की है घटना ?: लखनपुर थाना क्षेत्र के कुन्नी चौकी अंतर्गत ग्राम दर्रापारा में 10 वर्षीय किशोर सुसाइड किया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक रोहित सिंह ने घर के पास ही फंदा बनाकर अपना जीवन समाप्त किया. पुलिस ने सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा किया.इसके बाद शव को परिजनों को सौंपा. बताया जा रहा है कि छोटे भाई के साथ कुरकुरे को लेकर किशोर का विवाद हुआ था. छोटे भाई ने कुरकुरे नहीं देने की शिकायत मां से करने की बात कही.इसके बाद बड़े भाई के मन में फटकार लगने का डर बैठा.फिलहाल पुलिस इस घटना की हर पहलू से जांच कर रही है.

क्यों बढ़ती हैं ऐसी घटनाएं ? : आपने अक्सर सुना होगा कि किशोर ने अपना जीवन समाप्त किया है.वजह कई हो सकते हैं.लेकिन इन सब में एक चीज कॉमन है,वो है उस समय खुद को जिंदा नहीं रखने की मानसिकता का दिमाग में आना.जिसके कारण किशोर बिना कुछ सोचे समझे इतना बड़ा कदम उठा लेते हैं.दरअसल हम यदि अपने बच्चे के अंदर खुद से डरने की पैदा करने की भावना को पैदा कर दें, तो अक्सर ये समझने में भूल कर सकता है कि किस चीज के लिए उसे डांट पड़ेगी या नहीं.यदि आपने कभी अपने बच्चे को किसी बात पर पीटा या डांटा है और वो गलती बच्चा दोबारा करे तो उसे लगता है कि फिर से वैसा ही होगा.कई बार दो भाईयों या बहनों के बीच में ज्यादा प्यार करने की भावना भी बच्चों को गलत दिशा में जाने के लिए प्रेरित करती है.

बच्चों के साथ करें दोस्ताना बर्ताव : अभिभावकों को भी चाहिए कि अपने बच्चों से दोस्ताना बर्ताव करें. बच्चा यदि गुमसुम है या उससे कोई गलती हुई है तो उसे प्यार से समझाएं.ना कि बुरी तरह से पीटे,क्योंकि पिटाई के बाद बच्चा मानसिक अवसाद में आ सकता है.ऐसे में किसी ना किसी को उसके साथ खड़ा होना होगा.चाहे वो परिवार को कोई भी सदस्य क्यों ना हो.यदि आप अपने बच्चों के साथ रहेंगे तो यकीकन उन्हें आप पर भरोसा होगा कि यदि गलती हुई भी है तो उसकी सजा बड़ी नहीं मिलेगी.

क्या आप भी परीक्षा में हुए हैं असफल, तो ना उठाएं आत्मघाती कदम ?
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