लखनऊ : उत्तर प्रदेश के प्रादेशिक शिक्षा परिषद के संस्थानों में हुई पदोन्नति के मामले को लेकर घमासान तेज हो गया है. बुधवार को संघ के पदाधिकारी के खिलाफ गलत सूचना प्रसारित करने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. वहीं गुरुवार को प्रदेश के सभी राजकीय पॉलिटेक्निक में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया.
उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा विभाग में प्रवक्ता से विभागाध्यक्ष के पद पर हुई पदोन्नति का विरोध उत्तर प्रदेश अप्लाइड साइंस सेवा संघ ने शुरू कर दिया है. प्रधानाचार्य राज बहादुर सिंह द्वारा गुरुवार को विभाग के समस्त तकनीकी व अप्लाइड साइंस संकाय सदस्यों से काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करने का आवाहन किया गया था, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 6 माह तक सरकारी सेवकों को कोई भी प्रदर्शन हड़ताल आदि न करने का शासनादेश जारी किया गया है.
इसके अलावा पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं. इस पूरे मामले को लेकर उत्तर प्रदेश प्रादेशिक शिक्षा सेवा संघ और उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा अप्लाइड साइंस एवं ह्यूमैनिटी सेवा संघ के पदाधिकारी को निदेशक प्राविधिक शिक्षा की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इस पूरे मामले पर संघ के पदाधिकारी का कहना है कि अगर विभाग की तरफ से दबाव बनाया गया तो वह लोग इस्तीफा देने को मजबूर होंगे.
उत्तर प्रदेश तकनीकी सेवासंघ के अध्यक्ष विवेक श्रीवास्तव का कहना है कि यह पदोन्नति सभी जरूरी स्तर से परामर्श व अनुमोदन प्राप्त करके की गई है. उत्तर प्रदेश अप्लाइड साइंस सेवा संघ के राज बहादुर सिंह द्वारा विभाग के लोगों को गुमराह कर प्रदर्शन के लिए दबाव डाला जा रहा है.
उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा अप्लाइड साइंस एवं ह्यूमैनिटी सेवा संघ के गजेंद्र सिंह लोधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग में गुणवत्तापरक शिक्षण प्रशिक्षण व छात्रों को तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के विनियम 2019 को 3 मई 2018 से लागू कर लिया. इस विनियम में शिक्षकों के लिए विशिष्ट अर्हताओं के साथ विशिष्ट वेतनमान का प्रावधान है.
उन्होंने कहा कि विभागाध्यक्ष के जिस पद को पूर्व में सेवा अवधि के आधार पर अयोग्य व अनर्ह शिक्षकों से भरा जाना विभाग की विवशता हो गई थी. जिसे लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश के द्वारा सीधी भर्ती का विज्ञापन निकालकर परीक्षा एवं साक्षात्कार के आधार पर योग्य पाए गए अभ्यर्थियों से भरे जाने का प्रावधान किया गया. जिससे विभाग के बाहर कार्यरत अनुभव एवं अर्हता वाले योग्य शिक्षक विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर चयनित हो सकें.