लखनऊ: माध्यमिक शिक्षा विभाग में पदोन्नति कोटा निर्धारण में संघ और अधिकारी एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं. शिक्षा विभाग में एक बार फिर से खत्म हो चुके डीआई कोटे के पद को एसडीआई कोटे में देने की जुगत शुरू हो गई है. इसे लेकर संघ पदाधिकारियों ने शिक्षा अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पांडेय ने बताया कि शिक्षा विभाग में शिक्षण, प्रशिक्षण और निरीक्षण के तीन कैडर बने हैं. विभाग में इन कैडर पर लोक सेवा आयोग व अन्य तरीकों से नियुक्ति होती हैं.
संघ पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि सेवा नियमावली के तहत पदोन्नति कोटा में 61% पुरुष अधीनस्थ राजपत्रित, 22% महिला अधीनस्थ राजपत्रित एवं 17% डीआई (सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी) शामिल हैं. अब डीआई का पद खत्म हो चुका है, लेकिन शासन द्वारा इन खत्म हो चुके पदों पर अब खंड शिक्षा अधिकारी (एसडीआई) को पदोन्नति देने का प्रयास चल रहा है.
वहीं, शासन सेवा नियमावली में पदोन्नति के निर्धारित कोटे को बदलकर 33% पुरुष, 33% महिला और 34% एसडीआई कोटा करने की तैयारी हो रही है. इसके लिए शिक्षा अधिकारियों ने हाल ही में शिविर कार्यालय में बैठक भी बुलाई. जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी के महासचिव एवं 2 सेवानिवृत्त लोगों को बैठक में बुलाया. जबकि राजकीय शिक्षक संघ के वर्तमान अध्यक्ष व महामंत्री को बुलाया ही नहीं.
शिक्षा अधिकारी भ्रष्टाचार कर सेवा नियमावली के पदोन्नति कोटे को संशोधित करने का प्रयास कर रहे हैं. राजकीय शिक्षक संघ ने राजकीय शिक्षकों के हितों रक्षा के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शैक्षिक सेवा नियमावली 1992 में किए जा रहे पदोन्नति कोटा परिवर्तन को रोकने की मांग की है.