रुद्रप्रयाग: प्राथमिक शिक्षक संघ ने एक साल से शिक्षकों के चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान के मामले पर कार्यवाही नहीं होने पर जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) कार्यालय पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. इस दौरान आक्रोशित शिक्षकों ने शिक्षा अधिकारी बेसिक को खूब खरी खोटी सुनाकर नारे लगाए. साथ ही एक-दो दिनों के भीतर मामले में कार्यवाही नहीं होने पर स्कूलों में ताले लगाने की चेतावनी भी दी.
शनिवार को प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी रुद्रप्रयाग-चोपड़ा मार्ग पर स्थित जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) कार्यालय में एकत्र हुए. इस दौरान शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने शिक्षा अधिकारी बेसिक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन पर अनावश्यक दबाव बनाने का आरोप भी लगाया. शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा शिक्षकों के चयन और प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृति आदेश के मामला एक साल से लटकाया गया है, जिस कारण शिक्षक परेशान हैं. यह इतिहास में पहली बार है, जब शिक्षकों के चयन प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृति जैसे बहुत आसान और सुगमता वाले मामले को लटकाया जा रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक की कार्यशैली इस मामले में सही नहीं है. मजबूरन होकर शिक्षकों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है.
प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह झिंक्वाण ने कहा चयन और प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृति के लिए एक ही पद पर 10 साल की संतोषजनक सेवा पर चयन वेतनमान और चयन वेतनमान में 12 साल की संतोषजनक सेवा पर प्रोन्नत वेतनमान देय होता है, मगर वर्तमान शिक्षा अधिकारी बेसिक को यह शायद अच्छा नहीं लग रहा है कि शिक्षकों को चयन प्रोन्नत वेतनमान मिल रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी ने जनपद के अपने ऑफिशियल ग्रुप में 28 अक्टूबर 2024 को शिक्षकों को पांच साल की एसीआर के लिए पात्र शिक्षकों की सूची शेयर कर कहा कि अपूर्ण प्रपत्र शिक्षक एक सप्ताह के अंदर जमा कर दें. इसके पश्चात शिक्षकों ने अपने पत्रजात कार्यालय में जमा कर दिए. एक माह का समय व्यतीत होने के बाद भी स्वीकृति आदेश जारी नहीं किया गया.
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