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बीकानेर में शिक्षा निदेशालय पर शिक्षकों का प्रदर्शन, ​बोले- ओपीएस से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी, करेंगे बड़ा आंदोलन - Teachers Protest in Bikaner - TEACHERS PROTEST IN BIKANER

राजस्थान में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार बीकानेर स्थित शिक्षा निदेशालय पर शिक्षकों का ​बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ. वे अपनी लंबित समस्याओं और मांगों के निराकरण को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. शिक्षक नेताओं ने पुरानी पेंशन स्कीम पर कहा कि यदि ओपीएस के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

Teachers Protest in Bikaner
बीकानेर में शिक्षा निदेशालय पर शिक्षकों का प्रदर्शन (Photo ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 18, 2024, 6:07 PM IST

बीकानेर में शिक्षा निदेशालय पर शिक्षकों का प्रदर्शन (Video ETV Bharat Bikaner)

बीकानेर: राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर बुधवार को प्रदेशव्यापी हल्ला बोल प्रदर्शन किया. इसके तहत बीकानेर स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में प्रदेश भर के शिक्षक एकत्र हुए और नारेबाजी की. इस दौरान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सियाग ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि पुरानी पेंशन को लेकर सरकार किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के बैनर तले बीकानेर में शिक्षा निदेशालय में एकत्र हुआ. उन्होंने यहां प्रदर्शन किया और सरकार व शिक्षा निदेशक के खिलाफ नारेबाजी की. शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश अध्यक्ष सियाग ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की समस्याओं का जल्द निस्तारण करे, नहीं तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. बाद में उन्होंने शिक्षा निदेशक से वार्ता भी की.

इन मांगों को लेकर रखी बात:

  1. राजस्थान में लागू पुरानी पेंशन योजना के साथ तनिक भी छेड़छाड़ नहीं की जाए. पीएफआरडीए के पास राज्य के कर्मचारियों की जमा राशि 50 हजार करोड़ रुपए कर ली जाए.
  2. तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए. शिक्षकों के लिए पारदर्शी एवं स्थाई स्थानांतरण नीति लागू कर भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए. डिजायर व्यवस्था समाप्त की जाए और प्रतिबंधित जिलों की अवधारणा समाप्त की जाए.
  3. गैर शैक्षिक कार्यों से शिक्षकों को पूर्णतः मुक्त किया जाए. सभी प्रकार के ऑनलाइन कार्य एवं ऑनलाइन प्रशिक्षण बंद किए जाएं. सभी उच्च माध्यमिक स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षक अनुदेशक के पद सृजित कर सभी पदों को भरा जाए तथा कंप्यूटर अनुदेशक के पदनाम को कम्प्यूटर शिक्षक घोषित किया जाए.
  4. शिक्षकों के सभी संवर्गों की चार सत्र की बकाया पदोन्नति शीघ्रातिशीघ्र की जाए. नव सृजित पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी कर पदोन्नति के पदों की गणना की जाए. प्रबोधकों की भी शिक्षकों के समान नियमित डीपीसी संविदा काल को जोड़ते हुए की जाए. कला, वाणिज्य तथा कृषि विज्ञान शिक्षकों की पदोन्नति की समीक्षा कर उनके साथ न्याय किया जाए. पातेय वेतन (2010) के शिक्षकों की वाजिब मांग का निस्तारण किया जाए. हर स्तर पर रोस्टर रजिस्टर का संधारण कर पालना सुनिश्चित की जाए.
  5. संविदा भर्ती समाप्त की जाए. पैराटीचर, शिक्षा सहयोगी को प्रबोधक पद पर एवं संविदा शिक्षकों को स्थाई शिक्षक घोषित किया जाए.
  6. पीडी मद का बजट एकमुश्त जारी किया जाए तथा आहरण वितरण का अधिकार पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (PEEO) को दिया जाए. पंचायतीराज शिक्षकों के स्थायीकरण के अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी को दिए जाएं.
  7. समस्त उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी (अनिवार्य) व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं. विद्यालय क्रमोन्नति के साथ ही आवंटित सभी पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी की जाए. सैटअप परिवर्तन को वैकल्पिक किया जाए तथा सभी प्रकार के पदस्थापन काउंसलिंग के माध्यम से पारदर्शी तरीकों से किए जाएं.
  8. वर्ष 2007 के बाद नियुक्त तृतीय श्रेणी अध्यापकों की वेतन विसंगति दूर की जाए तथा प्रयोगशाला सहायकों को 1997 से अध्यापक पद पर मानते हुए समस्त परिलाभ दिए जाएं. न्यायालय के फैसलों को लागू करते हुए नोशनल परिलाभ सहित अन्य प्रकरणों का अविलम्ब निस्तारण किया जाए.
  9. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की समीक्षा की जाए और प्रदेश में इसे लागू नहीं किया जाए. समस्त हित साधकों से विमर्श कर सार्वजनिक शिक्षा को सुदृढ़ करने वाली शिक्षा नीति तैयार की जाए, शिक्षा के बाजारीकरण और निजीकरण पर रोक लगाई जाए.
  10. शिक्षकों को 7, 14, 21, 28 तथा 32 वर्ष पर चयनित वेतनमान दिया जाए. फिक्स वेतन के स्थान पर नियुक्ति तिथि से नियमित वेतनमान का लाभ दिया जाए. समस्त कार्मिकों को नगदीरहित (Cashless) चिकित्सा सुविधा दी जाए और RGHS के नाम पर कटौती बंद की जाए.
  11. संस्कृत शिक्षा विभाग में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जाए तथा पारदर्शी स्थाई स्थानान्तरण नीति लागू की जाए.
  12. व्याख्याता की पदोन्नति प्रधानाचार्य पद पर की जाए, उप प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पद विभागीय सीधी भर्ती से भरे जाए तथा 50 फीसदी पद वरिष्ठ अध्यापक की पदोन्नति से भरे जाएं.
  13. मिड डे मील, ट्रांसपोर्ट वाउचर और छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि की जाए और इन समस्त सुविधाओं का मासिक भुगतान किया जाए. मिड डे मील कर्मियों सहित समस्त संविदा कार्मिकों को न्यूनतम 25 हजार मासिक दिया जाए.
  14. सभी उच्च प्राथमिक स्कूलों में शारीरिक शिक्षक, लिपिक और सहायक कर्मचारियों का पद सृजित कर सभी पदों को नई भर्ती से भरे जाएं.
  15. निदेशालय में लम्बित एसीपी एवं न्यायालय से निर्णित प्रकरणों सहित सभी लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के लिए समयबद्ध कार्ययोजना तैयार की जाए.

बीकानेर में शिक्षा निदेशालय पर शिक्षकों का प्रदर्शन (Video ETV Bharat Bikaner)

बीकानेर: राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर बुधवार को प्रदेशव्यापी हल्ला बोल प्रदर्शन किया. इसके तहत बीकानेर स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में प्रदेश भर के शिक्षक एकत्र हुए और नारेबाजी की. इस दौरान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सियाग ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि पुरानी पेंशन को लेकर सरकार किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के बैनर तले बीकानेर में शिक्षा निदेशालय में एकत्र हुआ. उन्होंने यहां प्रदर्शन किया और सरकार व शिक्षा निदेशक के खिलाफ नारेबाजी की. शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश अध्यक्ष सियाग ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की समस्याओं का जल्द निस्तारण करे, नहीं तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. बाद में उन्होंने शिक्षा निदेशक से वार्ता भी की.

इन मांगों को लेकर रखी बात:

  1. राजस्थान में लागू पुरानी पेंशन योजना के साथ तनिक भी छेड़छाड़ नहीं की जाए. पीएफआरडीए के पास राज्य के कर्मचारियों की जमा राशि 50 हजार करोड़ रुपए कर ली जाए.
  2. तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए. शिक्षकों के लिए पारदर्शी एवं स्थाई स्थानांतरण नीति लागू कर भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए. डिजायर व्यवस्था समाप्त की जाए और प्रतिबंधित जिलों की अवधारणा समाप्त की जाए.
  3. गैर शैक्षिक कार्यों से शिक्षकों को पूर्णतः मुक्त किया जाए. सभी प्रकार के ऑनलाइन कार्य एवं ऑनलाइन प्रशिक्षण बंद किए जाएं. सभी उच्च माध्यमिक स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षक अनुदेशक के पद सृजित कर सभी पदों को भरा जाए तथा कंप्यूटर अनुदेशक के पदनाम को कम्प्यूटर शिक्षक घोषित किया जाए.
  4. शिक्षकों के सभी संवर्गों की चार सत्र की बकाया पदोन्नति शीघ्रातिशीघ्र की जाए. नव सृजित पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी कर पदोन्नति के पदों की गणना की जाए. प्रबोधकों की भी शिक्षकों के समान नियमित डीपीसी संविदा काल को जोड़ते हुए की जाए. कला, वाणिज्य तथा कृषि विज्ञान शिक्षकों की पदोन्नति की समीक्षा कर उनके साथ न्याय किया जाए. पातेय वेतन (2010) के शिक्षकों की वाजिब मांग का निस्तारण किया जाए. हर स्तर पर रोस्टर रजिस्टर का संधारण कर पालना सुनिश्चित की जाए.
  5. संविदा भर्ती समाप्त की जाए. पैराटीचर, शिक्षा सहयोगी को प्रबोधक पद पर एवं संविदा शिक्षकों को स्थाई शिक्षक घोषित किया जाए.
  6. पीडी मद का बजट एकमुश्त जारी किया जाए तथा आहरण वितरण का अधिकार पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (PEEO) को दिया जाए. पंचायतीराज शिक्षकों के स्थायीकरण के अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी को दिए जाएं.
  7. समस्त उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी (अनिवार्य) व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं. विद्यालय क्रमोन्नति के साथ ही आवंटित सभी पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी की जाए. सैटअप परिवर्तन को वैकल्पिक किया जाए तथा सभी प्रकार के पदस्थापन काउंसलिंग के माध्यम से पारदर्शी तरीकों से किए जाएं.
  8. वर्ष 2007 के बाद नियुक्त तृतीय श्रेणी अध्यापकों की वेतन विसंगति दूर की जाए तथा प्रयोगशाला सहायकों को 1997 से अध्यापक पद पर मानते हुए समस्त परिलाभ दिए जाएं. न्यायालय के फैसलों को लागू करते हुए नोशनल परिलाभ सहित अन्य प्रकरणों का अविलम्ब निस्तारण किया जाए.
  9. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की समीक्षा की जाए और प्रदेश में इसे लागू नहीं किया जाए. समस्त हित साधकों से विमर्श कर सार्वजनिक शिक्षा को सुदृढ़ करने वाली शिक्षा नीति तैयार की जाए, शिक्षा के बाजारीकरण और निजीकरण पर रोक लगाई जाए.
  10. शिक्षकों को 7, 14, 21, 28 तथा 32 वर्ष पर चयनित वेतनमान दिया जाए. फिक्स वेतन के स्थान पर नियुक्ति तिथि से नियमित वेतनमान का लाभ दिया जाए. समस्त कार्मिकों को नगदीरहित (Cashless) चिकित्सा सुविधा दी जाए और RGHS के नाम पर कटौती बंद की जाए.
  11. संस्कृत शिक्षा विभाग में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जाए तथा पारदर्शी स्थाई स्थानान्तरण नीति लागू की जाए.
  12. व्याख्याता की पदोन्नति प्रधानाचार्य पद पर की जाए, उप प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पद विभागीय सीधी भर्ती से भरे जाए तथा 50 फीसदी पद वरिष्ठ अध्यापक की पदोन्नति से भरे जाएं.
  13. मिड डे मील, ट्रांसपोर्ट वाउचर और छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि की जाए और इन समस्त सुविधाओं का मासिक भुगतान किया जाए. मिड डे मील कर्मियों सहित समस्त संविदा कार्मिकों को न्यूनतम 25 हजार मासिक दिया जाए.
  14. सभी उच्च प्राथमिक स्कूलों में शारीरिक शिक्षक, लिपिक और सहायक कर्मचारियों का पद सृजित कर सभी पदों को नई भर्ती से भरे जाएं.
  15. निदेशालय में लम्बित एसीपी एवं न्यायालय से निर्णित प्रकरणों सहित सभी लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के लिए समयबद्ध कार्ययोजना तैयार की जाए.
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