जयपुर: राजधानी जयपुर के जवाहर नगर स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स सिंधी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्राचार्य मधु कालानी की मेहनत यहां पढ़ने वाली छात्राओं के लिए भविष्य में सफलता की सीढ़ी तैयार करेगी. कालानी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को पाठ्य पुस्तक के ज्ञान के अलावा स्कूल के बाद प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी भी कराती हैं. यही नहीं, जो छात्राएं आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनकी यूनिफॉर्म और स्टेशनरी तक का खर्चा उठाती हैं. वहीं, उनका मानना है कि हर बच्ची पढ़ने में अच्छी नहीं होती, लेकिन उसमें कोई ना कोई गुण जरूर होता है. उन्हीं गुणों को कौशल विकास के जरिए उभारने की भी कोशिश में वो लगी रहती हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाली किसी भी छात्रा की यदि आर्थिक रूप से पारिवारिक स्थिति सही नहीं होती तो उन छात्राओं की फीस भी डिपोजिट कराती हैं और इसमें उनके साथी टीचर्स भी उनकी मदद करते हैं. छात्राओं को स्कूल के बाद एक्स्ट्रा टाइम देती हैं. पब्लिकली मोबाइल नंबर दिया हुआ है, जिस पर छात्राएं जब चाहे तब व्हाट्सएप पर मैसेज कर सकती हैं.
कई बार उनके स्कूल के अलावा भी कुछ व्यक्तिगत समस्या होती है, तो वो फोन भी बात कर लेती हैं. इसी वजह से वो व्यक्तिगत और भावनात्मक रूप से बच्चों के साथ जुड़ी हुई हैं. बच्चों की जो पारिवारिक हालात है, उससे भी वो अच्छी तरह से वाकिफ हैं. इसलिए बच्चे भी उनसे डायरेक्ट अप्रोच कर लेते हैं और घर परिवार से जुड़ी कोई समस्या होती है तो माता-पिता के साथ बैठकर काउंसलिंग भी करती हैं.
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उन्होंने बताया कि पाठ्य पुस्तक की पढ़ाई तो जरूरी है ही, क्योंकि वही आगे बढ़ने का बेस है, लेकिन छात्रों को कंपटीशन एग्जाम्स की भी तैयारी कराती हैं. इसके लिए जनरल नॉलेज का एक ग्रुप बनाया हुआ है. इसके अलावा शीतकालीन, दीपावली या गर्मियों की छुट्टियों में इच्छुक छात्राओं को विद्यालय में बुलाकर कक्षाएं लेती हैं. इस कार्य में आईआईटी दिल्ली से बीटेक किए हुए उनके बेटे भव्य कालानी भी उनकी मदद करते हैं. वो बच्चों को गणित, रिजनिंग जैसे लॉजिकल सब्जेक्ट्स का ज्ञान देते हैं.
उन्होंने कहा कि आजकल कंपटीशन का दौर है. सामान्य पढ़ाई करके कंपटीशन के दौर में अपने आप को आगे बढ़ाने के लिए एक्स्ट्रा एफर्ट करना ही होता है और जब ये छात्राएं खुद मजबूत बनेंगी तो आगे दूसरों को भी मजबूत बनाने में मदद करेंगी. उन्होंने बताया कि सभी बच्चे पढ़ाई में अच्छे नहीं हो सकते, इसलिए स्कूल में वोकेशनल एजुकेशन भी दी जाती है. इसके साथ-साथ छात्राओं को गेम्स में भी पूरा माहौल दिया जाता है. स्कूल में आत्मरक्षा और कौशल प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम करते रहते हैं, ताकि विषम स्थितियों में छात्राएं किसी और पर निर्भर ना रहते हुए, अपने दम पर खुद की सुरक्षा और आर्थिक रूप से भी खुद को मजबूत कर सकें.
मधु कालानी के इन प्रयासों से इंस्पायर्ड छात्राओं ने भी ईटीवी भारत के साथ मैडम से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया. छात्रा शिवानी मेघवाल ने बताया कि 10वीं कक्षा में उन्होंने स्कूल से पहले और स्कूल से बाद में एक्स्ट्रा क्लासेस ली और जो छात्र जिस सब्जेक्ट में कमजोर है, उसे उसी में आगे बढ़ाने का काम मैडम ने किया. आज वो 12वीं कक्षा में हैं और अभी भी मैडम से एक्स्ट्रा क्लास में वो अपनी क्वेरी डिस्कस करती हैं. वो आरएएस ऑफिसर बनना चाहती हैं, उसके लिए मैडम अभी से ही उन्हें गाइड कर रही है.
वहीं, छात्रा योगिता मीणा ने कहा कि मैडम से काफी इंस्पायर्ड है. वो न सिर्फ शैक्षिक गतिविधियों में बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियों में भी प्रोत्साहित करती हैं. उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भी आगे बढ़ाया है. जबकि छात्रा करिश्मा कुमारी ने बताया कि उनके घर की पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं है. मैडम उसमें भी मदद करती हैं. वो मैडम की तरह ही एक टीचर बनना चाहती हैं और इसके लिए मैडम ने उनकी अभी से तैयारी भी शुरू करा दी है. कभी किसी समस्या में होते हैं तो भी उन्होंने अपना मोबाइल नंबर दिया हुआ है, जिस पर वो हर प्रॉब्लम को सॉर्ट आउट भी करती हैं. बहरहाल, मधु कालानी आज न सिर्फ छात्राओं के लिए प्रेरणादाई बनी हुई हैं, बल्कि शिक्षकों किसी भी प्रेरणा स्रोत बन गई हैं. ईटीवी भारत शिक्षक दिवस पर ऐसे शिक्षकों को सलाम करता है.