पटना: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिहार में तांती-ततवा को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल कर लिया गया है. दरअसल, बिहार में लंबे समय से तांती और ततवा जाति अति पिछड़ा वर्ग में शामिल थी. इन्हें अनुसूचित जाति में शामिल करने की वकालत चल रही थी. राज्य सरकार ने दोनों जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का फैसला भी ले लिया था. इससे जुड़े प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेज दिया था. जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट गया और अब सर्वोच्च अदालत ने उस फैसले को पलट दिया.
तांती ततवा जाति ईबीसी में शामिल: आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है. बिहार के अंदर तांती के साथ ततवा जाति को फिर से अति पिछड़ा वर्ग में शामिल कर लिया गया है. बदली हुई परिस्थितियों में अब तांती और ततवा जाति के वैसे लोग, जिनकी नियुक्ति अनुसूचित जाति के कोटे से हुई थी, वह अति पिछड़ा वर्ग कोटे में समायोजित होंगे. समायोजन की कार्यवाही संबंधित नियुक्ति प्राधिकार के स्तर पर होगी.
बिहार सरकार ने जारी की अधिसूचना: असल में राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण अधिनियम 1991 में संशोधन कर तांती-ततवा जाति को अति पिछड़ा वर्ग से अनुसूचित जाति की सूची में समावेशित कर लिया था और इसका लाभ भी दोनों जाति को मिल रहा था. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के मुताबिक तांती और ततवा जाति को फिर से अति पिछड़ा वर्ग में शामिल कर लिया गया है. आपको बताएं कि आशीष रजक इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गए थे.
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