शिमला: जिला के ठियोग उप मंडल में पानी की सप्लाई (टैंकर के जरिए होने वाली सप्लाई) में बड़े घोटाले के आरोप लग रहे हैं. अब ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर ने भी इस मामले में जांच की बात कही है. इस मामले को लेकर उन्होंने डीसी, एसडीएम से बात की है. उन्होंने मामले में दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है. वहीं, कार्रवाई न होने पर पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने भी ठियोग से शिमला सचिवालय तक मार्च की बात कही है.
दरअसल हर साल ठियोग उप मंडल में गर्मियों के दौरान पानी की किल्लत होती है. इस दौरान टैंकर के लोगों को पानी की सप्लाई दी जाती है. हर साल इस पर 10 से 12 लाख रुपए का खर्च आता है, लेकिन 2024 में ये आकंड़ा 1 करोड़ 13 लाख पहुंच गया. वहीं, इस संबंध में गांव के ही व्यक्ति सुरेश कुमार ने आरटीआई से पूरा ब्यौरा मांगा तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ.
बिना सड़क वाले क्षेत्रों में भी कर दी पानी की सप्लाई
आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर दावा किया जा रहा है कि चार ठेकेदार को पानी के वितरण का काम दिया गया था, लेकिन पानी ग्रामीणों को मिला ही नहीं, जो बिल बनाए गए हैं. देवरीघाट पंचायत के पूर्व प्रधान संदीप वर्मा ने कहा कि, 'मोटर साइकिल, वैगनार, ऑल्टो कार, आई-10, स्कूटी, पिकअप जैसे निजी वाहनों से पानी की डिलीवरी दर्शाई गई है. कुछ क्षेत्र ऐसे है जहां सड़क ही नहीं हैं वहां भी वाहन से पानी की सप्लाई दिखाई गई है. ऐसे में एसडीएम ठियोग ने बिल को बिना वेरिफाई किए ही ठेकेदार को बिल का भुगतान कर दिया, जबकि एडीएम शिमला ने पेमेंट करने से पहले बिल को वेरिफाई करने की हिदायत दी थी, जिसे दरकिनार कर SDM ने पेमेंट कर दी है.'
बिल में दिखाए गए वाहनों से नहीं हो सकता पानी का वितरण
पूर्व प्रधान संदीप वर्मा ने कहा कि, 'टैंकर का भाड़ा 17 रुपये प्रति किलोमीटर तय किया गया था, लेकिन ठेकेदार को आने और जाने दोनों तरफ का भुगतान किया गया है. बिल के मुताबिक पानी सप्लाई करने के लिए एक दिन में एक टैंकर 387 किलोमीटर चला हुआ है, जबकि एक टैंकर को पानी भरने में ही तकरीबन 2 घंटे लग जाते हैं. इसके बाद टैंकर ने गतंव्य स्थान पर 80 किलोमीटर दूर जाकर पानी की सप्लाई भी की है. ये कैसे संभव हो सकता है. वहीं, बिल में पिकअप से भी पानी की सप्लाई दर्शाई गई है. बताया गया है कि पिकअप पानी की सप्लाई करने के लिए एक दिन में 819 किलोमीटर चली है, अगले ही दिन ये पिकअप 614 किलोमीटर चली है. 10 ऐसे वाहनों से सप्लाई दिखाई गई है जिनसे पानी का वितरण हो ही नहीं सकता'
वहीं, पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि, 'मुख्य सचिव को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है. सरकार एसडीएम ठियोग को रिकॉल करे. ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 1 करोड़ 13 लाख की राशि का जो भुगतान किया गया है ये धनराशि एसडीआरएफ के तहत मिली थी. इसका दुरुपयोग हुआ है. इस पूरे रिकॉर्ड की जांच की जाए. इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए. देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि पानी का वितरण बाइक पर हुआ है. हॉर्टिकल्चर के डायरेक्टर की गाड़ी से भी पानी की डिलीवरी दिखाकर पैसे लिया गया है.'
भ्रष्टाचार को नहीं किया जाएगा सहन
इस मामले पर विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा है कि, 'उनके संज्ञान में ये मामला सामने आया है. डीसी,एसडीएम को जांच के लिए कहा गया है. किसी भी हालत में भ्रष्टाचार को सहन नहीं किया जाएगा. मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.'